बालविवाह रोके पर्ना जोड
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २७ कात्तिक । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे आभिन ४० प्रतिशत कायम रहल बालविवाह रोके पर्ना एक कार्यक्रमके सहभागी बटैले बटै ।
बालविवाह मानव अधिकार उपयोगमे पर्ना प्रभावके समस्याके सम्बन्धमे बिफेक रोज धनगढीमे हुइल प्रादेशिक राष्ट्रिय जाँचबुझ कार्यक्रममे उहाँहुक्रे बालविवाह रोके पर्ना जोड डेहल हुइट । बालविवाह मानव अधिकारके उलङ्घन रहल उहाँहुक्रनके बुझाइ रहल बा ।
कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशके आन्तरिक मामिला तथा कानुनमन्त्री हिरासिंह सार्की बालविवाह करेबर लवन्डा लवन्डी डुनु जाने बिचल्लीमे पर्ना करल बटैलै ।
उहाँ छोट उमेरमे भोज करेबर जीवन धन्ना कर्रा हुइना करल उल्लेख करलै । “सक्षम नैहोके भोज करेबर घरद्वार चलैना कर्रा रहठ्”, मन्त्री सार्की कहलै,“पह्रना लिख्ना लगायतके कार्यमे बाधा हुइठ् ।”
उहाँ सक्षम होके किल भोज कैना आग्रह कैटी बालविवाहमे नैअल्झना ओ उहीहे रोके पर्ना बटैले बटै । बालविवाह रोकक् लाग सक्कु जाने सचेत हुइना आवश्यक रहल कहटी उहाँ प्रदेश सरकारसे कडा कदम चल्ना उल्लेख करलै ।
राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगसे आयोजना करल उ कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशमे आभिन फेन ४० प्रतिशत महिलाके १८ बरस नैपुग्टी भोज हुइना करल तथ्यांक सार्वजनिक करल बा ।
कार्यक्रममे आयोगके सदस्य डा. लिली थापा २०३० सम बालविवाह अन्त्य कैना लक्ष्य रख्लेसे फेन मधेश, कर्णाली ओ सुदूरपश्चिम प्रदेशमे आभिन ढेर बालविवाह हुइना करल कारण चुनौती रहल उल्लेख करलै ।
कार्यक्रममे बालविवाह रोकथामके सवालमे सुझाव सङ्कलन करल रहे । सङ्कलित सुझावहे कार्यान्वयनके लाग सिफारिस कैना सदस्य थापा बटैली ।
भोज हुइलपाछे लवन्डा लवन्डी डुनु विद्यालय जाइ छोर्ना करल आयोगके ठहर बा । विद्यालय नैगैलपाछे ओइनके आर्थिक, सामाजिक लगायतके क्षेत्रमे ढेर प्रभाव पर्ना करल आयोगके धनगढीके निमित्त प्रमुख झङ्कर रावल बटैलै ।
कार्यक्रममे कैलालीके प्रमुख जिल्ला अधिकारी हिरालाल रेग्मी, यूएनएपपीए जेण्डर स्पेसालिष्ट कमला खत्री लगायत आपन धारणा राखल रहिट । कार्यक्रममे सरकारी तथा गैर सरकारी संघ संस्थाके प्रतिनिधी, मानव अधिकारकर्मी, सञ्चारकर्मी लगायतके उपस्थिति रहल रहे । कार्यक्रमके सञ्चालन राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालय धनगढीके मानव अधिकार अधिकृत विदेशराम चौधरी करल रहिट ।


