हमार लर्कनके मोल का १५ लाख केल्ह हो ट ?
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २ अगहन । ‘हमार लर्कनके मोल १५ लाख रुप्या हो त ? रुप्या नाही हम्रहिनहे न्याय चाहल’, जेनजी सहिद गौरव जोशीक ७६ वर्षीय वृद्ध बाबा वासुदेवके चित्कार हो यी ।
मुलुकके सत्ता परिवर्तन कैना करके जेनजी आन्दोलन हुइल दुई महिना बिटसेकल बा । मने, बुढेसकालके अकेक्ली सहारा गुमाइल जोशी परिवारके आँस अभिन नैरुकल हो । छावा गुमाइल पिडा टे यी परिवारहे रहल बा । गोली मारे लगुइयाहे अभिनसम कारबाही नैहुके थप चिन्ता बल्झल बा । घरके गौरव गुमाइलपाछे कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका–५ तारानगरमे रहल जोशी निवास सुनसान बा । घरमे रहल वासुदेवके चार जाने परिवार गौरवहे सम्झके टोलैटी रहठै । “धनगढीके ऐश्वर्य क्याम्पसमे साइन्समे ७६ प्रतिशत अङ्क प्राप्त करके पास हुइलपाछे छावाहे इन्जिनियर पह्रैना मोर चाहना रहे”, आँस गिरैटी गौरवके बाबा कहलै, “इन्जिनियर पह्रैना १४÷१५ लाख कहाँसे जुटैबो कहिके विदेश जैना तयारीमे तीन वर्ष बिटाइल छावा देशके लाग सहिद बनल ।”
जोशीक अनुसार विज्ञान सङ्कायसे कक्षा १२ पास करसेकलपाछे २३ वर्षीय गौरव विदेश जैना सपना बोक्के काठमाण्डौं बैठल रहिट । तीन वर्षसे उहाँ बेलायत जैना तयारी करटी आइल रहिट । मने, भिसा लागल नैरहे । “भिसा नैलागके छावा डिप्रेसनमे जाई की कना हम्रहिनहे डर रहे”, उहाँ कहलै,“मने, जेनजी आन्दोलनमे सहिद बनके हम्रहिनहे सहिदके परिभाषा डेके गैल ।”
भदौ २४ गते काठमाण्डौं आन्दोलनके क्रममे माइकमे बोल्टी बोल्टी गौरवहे गोली मारल रहे । मुरीमे गोली मारके हत्या करुइयाहे सिधा कारबाही हुई पर्नामे अभिनसम नैहुके अपनेहुकनहे न्याय नैपाइल उहाँक कहाई बा । सरकारसे सहयोग स्वरुप १५ लाख रुप्या डेलेसेफे उ रुप्यासे जेनजी सहिद परिवारहे न्याय नैमिल्न जोशी उल्लेख करलै । “रुप्या डेके न्याय हुई कलेसे छावा करइयाके मुरीमे गोली मारके हम्रेफे १५ लाख फिर्ता कैना तयार बटीं”, उहाँ ठप्लैे,“१५ लाख रुप्या हमार जीवनभर नैचली । हम्रहिनहे न्याय चाहल । दोषी जे हुइलेसेफे कारबाही हुई परल । नेता कहिके नैहुई ।”
कमजोर आर्थिक अवस्था
सहिद गौरव जोशीके परिवारके जग्गा जमिन ओ आयस्रोत कुछ नैहो । बैतडीके दोगडाकेदारसे धनगढी झरलपाछे जेनतेन जोरल घरबासमे चारकोठे पक्की घर बा । सम्पत्तिके नाममे उहे केल्ह हो ।
गौरवके बाबा २०३२ से २०४२ सम वन कार्यालयमे अस्थायी कर्मचारीके रुपमे काम करलै । उ बेला पुनर्वास कम्पनी अन्तर्गत बस्ती बैठैना रुखुवा कटानके लाग वनसे कर्मचारी धारल रहे । उहे बेला १० वर्ष जागिर करल रहिट, वासुदेव । रुखुवा कटानके काम सेकलपाछे उहाँक जागिरफे सेकल । ओकरपाछे भैयनसे सरसापटी मग्टी गुजारा करटी आइल बटै ।
विदेश जाके कमैम ओ पालम कना छावाफे सहिद हुइलपाछे जोशी परिवारमे समस्याके घाउ थप बल्झल बा । गौरव जोशीके दुई डाई, दुई डिडीबहिनीया रहल बटै । वासुदेके बरकी गोसिनीया गुण्डासे एक छाई केल्ह जन्म हुइल रहे । थप सन्तान नैजन्मलपाछे उहाँ छोटकी गोसिनीया भित्रैलै । छोटकी गोसिनीया मायासे छाई आयशा ओ गौरवके जन्म हुइल जोशीके कहाई बा । बरकी छाईक भाज हुसेकल बा कलेसे आयशा एयर होस्टेस अध्ययन पूरा करके कामके खोजीमे बटै ।
घरमे कमुइया कोई नैरहल कारण रोजीरोटीके भारी समस्या रहल गौरवके बाबा वासुदेव बटैठै । उहाँ सहिद परिवारहे पेन्सनके व्यवस्था हुडेलेसे जीवन कटना कुछ सहज हुइना आशा व्यक्त करलै । “मोर सम्पत्तिके नाममे यिहे घरकेल्ह हो”, उहाँ कहलै,“छाईक भोज कै यिहे घर बेचके करेपरी । ओकरपाछे हम्रे कहाँ जैना ?”
नाम गौरव कामफे गौरव
गौरव जोशीके डाई बाबाहे छावा गुमाइल जटरा पीडा बा, ओटरा गर्वफे । मुलुकके हितके लाग छावा बलिदानी करल परिवारके बुझाइ बा । एक दिनमे पुरे देश जरना घटनासे नेता सुध्रे पर्ना वासुदेवके ठम्याइ बा । उहाँ कहठै,“मुलुकके अवस्था डेखके एक न एक दिन यैसिन विष्फोट हुई कना लागे । उ यिहे बेला हुइल । मोर छावा गौरव फे देशके लाग गौरव धारके गैल,”
उहाँ जेनजी आन्दोलनके मर्म अनुरुप सरकार चलेपर्ना ओ आगामी निर्वाचनसे जेनजीके सरकार बनेपर्ना अपेक्षा धारल बा । “फेर फे तिनु पुराने नेता जिटलेसेभर देश नैबबी । देश छोरके हम्रे सक्कु गैलेसे हुई”, जोशी कहलै ।
उहाँ धनगढीके जेनजी मार्गमे छावा गौरवके सालिक निर्माणके लाग जग्गा उपलब्ध करैना धनगढी उपमहानगरपालिकासंग माग करले बटै ।


