ओरेकसे एक हजार २७९ महिला हिंसाके घटना अभिलेखिकरण
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १२ अगहन । महिला पुनर्स्थाना केन्द्र (ओरेक)से एक हजार २७९ ठो लैङ्गिक विभेदमे आधारित हिंसाके घटना अभिलेखिकरण करले बा ।
ओरेकसे आर्थिक बरस २०८१/०८२ मे देशभरमे अभिलेखिकरण करल लैङ्गिक हिंसाके घटनाके विश्लेषणात्मक प्रतिवेदन रहल ‘अन्वेषी’ के विमोचन कार्यक्रममे उ अभिलेखिकरण करल घटना सार्वजनिक करल हो । जिल्ला समन्वय समितिके प्रमुख टीका कुमारी चौधरी भूल उ कितावके बिमोचन करल रही ।
संस्थासे अभिलेखिकरण घटना मध्ये सबसे ढेर ७२ प्रतिशत (९२१) घरेलु हिंसाके रहल बावै कलेसे १७ प्रतिशत (२१८) यौन हिंसाके घटना रहल जनाइल बा । ओस्टके महिला हत्या वा हत्याके प्रयास १०, मानव बेचविखनके २७, साइबर अपराधके ६, आत्महत्या वा आत्महत्या प्रयासके ५ ठो रहल जनाइल बा ।
हिंसाके कूल घटना मध्ये ८८६ घटनामे गोसिया नै मुख्य पीडक रहल पाइल जनाइल बा । अन्य पीडकमे परिवारके सदस्य, तथा छिमेकी, अविवाहित मने संगे बैठ्ना संघरिया फेन हिंसामे संलग्न रहल डेखल जनाइल बा ।
घरेलु हिंसामे ८८.३ प्रतिशत पीडक आपन गोसिया रहल ओरसे पितृसत्तात्मक संरचना भिट्टर महिला ओ पुरुष बिच रहल असमान शक्ति सम्बन्ध हिंसाके मुख्य जर रहल औंल्याइल बा ।
प्रदेशगत रुपमे हेरेबर सबसे ढेर ४१९ घटना कर्णाली प्रदेशमे दर्ता हुइल ओरेकके कार्यक्रम संयोजक सावित्री विक जानकारी डेली । ओस्टके कोशीमे ३४१, मधेस २६०, लुम्बिनी ९१, बागमतीमे ८८, सुदूरपश्चिममे ७६ ओ गण्डकी प्रदेशमे समबसे कम २ ठो किल घटना दर्ता हुइल उहाँ जनैली ।
ओस्टके सक्कु प्रदेशमे १८ से २५ बरस ओ २६ से ३५ बरस उमेरके महिला सबसे ढेर हिंसासे प्रभावित हुइल समेत उहाँ बटाइल रही ।
ओस्टके ओरेकसे हानिकारक परम्परागत अभ्यासके कारण फेन महिला उपर हिंसा हुइना यथावत रहल उल्लेख करले बा । जेम्ने ३१ जाने महिला बोक्सीनीयाके अरोपमे हिंसामे परल उल्लेख करले बा । जेम्ने प्रायः आर्थिक ओ सामाजिक रुपमे पाछे पारल ओ एकल महिलाहे ढेर लक्षित करल जनाइल बा । ओस्टके ५१ जाने दाइजोके कारण हिंसा भोगे परल जनाइल बा । यी घटनासे फेन लावा पुस्तामे समेत समाजमे विद्यमान हानिकारक परम्परागत अभ्यास रहल ओ विभेदकारी सामाजिक ओ सांस्कृतिक मूल्य मान्यताके कारण महिला उपर हिंसा हुइना करल समेत कार्यक्रम संयोजक विक औंल्याइल रही ।
जिल्ला समन्वय समितिके प्रमुख तथा कार्यक्रमके बर्का पहुना टीका कुमारी चौधरी भूल महिला हिंसा सम्बन्धी कानुन कडाइके साथ कार्यान्वयन, पीडित–मैत्री प्रहरी कार्यालय, अदालत तथा सेवा केन्द्रके विस्तार ओ घरेलु हिंसा, लैङ्गिक हिंसा, मानव बेचबिखन, दुव्र्यवहारविरुद्ध कडा सजायके व्यवस्था हुइ पर्ना औंल्याइल रही ।
ओस्टके विद्यालयमे लैङ्गिक समानता ओ हिंसा न्यूनीकरण सम्बन्धी पाठ्यक्रम समावेश, समुदायमे जनचेतना कार्यक्रमके साथे महिलाके लाग सीपमूलक तालिम, रोजगारी सिर्जना ओ उद्यमशीलताहे प्रोत्साहन कैना आवश्यक रहल बटाइल रही । कलेसे उहाँ हानिकारक परम्परा, छुवाछूत, बालविवाह, बहुविवाहजैसिन लैङ्गिक असमानतामे आधारित प्रथाके अन्त्य कैना फेन औंल्याइल रही ।
कार्यक्रममे सहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण जोशी आभिनसम महिलाहे दोसर दर्जाके रुप हेरल ओरसे समाजमे यी मेरके घट्ना हुइटी रहल औंल्याइल रही । उहाँ यी मेरके घटना न्यूनीकरणके लाग आपन सोच बड्ले पर्नाके साथे महिला पुरुषहे समानरुपमे व्यवहार करे पर्ना बटाइल रही ।
कार्यक्रम ओरेकके सचिव संगीता अधिकारीके अध्यक्षतामे हुइल रहे । कार्यक्रममे स्वागत मनतब्य तथा कार्यक्रम बारे जानकारी प्रदेश संयोजक सपना थापा करल रही कलेसे सञ्चालन कैलाली जिल्ला संयोजक गीता चौधरी करल रही । कार्यक्रममे विभिन्न संघ संस्थाके प्रतिनिधी, प्रहरी प्रशासन, मानव अधिकारकर्मी, संचारकर्मी लगायतके उपस्थिति रहल रहे ।


