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‘उद्यमके डगरः महिलाके हातमे नयाँ सम्भावना’

पहुरा | २५ मंसिर २०८२, बिहीबार
‘उद्यमके डगरः महिलाके हातमे नयाँ सम्भावना’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २५ अगहन ।
बिहानीके घामसँगे जग्टी बा, अनिता चौधरीके नयाँ बिहान–मिनेट–मिनेट गनके काम सुरु कैना मजदूर जीवन नैहो, अपने कौशल ओ पसिनामे टिकल उद्यमके बिहान । अब्बे उहाँ टायल–मार्बल फिटिङमे दक्ष उद्यमी हुइट । महिनामे ४०–५० हजारसम आम्दानी हुइठ । कबु नैसुनल रहिट, कबु विश्वास करल नैरहिट–‘महिलासे यैसिन कामफे करे सेक्ही ।’ मने आज उहाँ उदाहरण बनल बटी ।

यिहे परिवर्तनहे मूर्त रूप डेहठ–धनगढी उपमहानगरपालिका ओ गोदावरी नगरपालिकाके सहकार्यमे सञ्चालित गैर–परम्परागत उद्यमशीलता विकास परियोजना । मुक्त कमैया महिला विकास मञ्चसे नेतृत्व करल यी परियोजनासे यी बेला परिवर्तनके सयौँ कथाके बगैँचा फुलैटी बा ।

परियोजनाके वार्षिक सामाजिक लेखापरीक्षण सम्पन्न हुइलसंगे उ कथाके ओजरार सतह फेर एक चो सार्वजनिक हुइल बटै । परियोजना साधारण राहत कार्यक्रम नैहो–यहाँ महिलाहे आत्मनिर्भर बनैना, सीप डेना ओ व्यवसायिक विकल्प निर्माण कैना प्रयास बा । परम्परागत तालिमसे दुर जाई खोजल बा, टबमारे परियोजनाके नाममे ‘गैर–परम्परागत’ जोरल बा ।

गैल वर्ष, परियोजनासे ४२ जनहनहे सीप तालिम डेहल ओ ३९ जनहाहे व्यवसायिक सामग्री वा रकममार्फत उद्यम सुरु करडेहल । कुहीहे सिलाइ–कटाइ मेसिन, कुहीहे टनेल, कुहीहे कम्पोस्ट मल उत्पादनके सामग्री, टे कुहीहे घर निर्माणके औजार ओ आर्थिक सहयोग, प्रत्येक सहयोगसे एक ठो नयाँ सम्भावना जन्माइल बा ।

परियोजना संयोजक इन्द्र चौधरी कहठै– ‘हम्रे महिलाहे उद्यमी बनाइसेकल बटी, मने एक ठो चुनौती डेखल बा–सहयोग पाइटसम व्यवसाय चलैना, सहयोग रोकेबेर छोरडेना प्रवृत्ति ।’

उहाँक अनुसार सफल उद्यम केवल सामाग्रीसे नाही, दीर्घ प्रेरणा ओ बजार–पहुँचसे सम्भव हुइठ । टबमारे अब्बे परियोजना ‘फोलो–अप’, ‘उद्यम परामर्श’ ओ ‘स्थायी व्यवसायिक योजना’ जैसिन पक्षमे ढेर केन्द्रित हुइटा ।

अनिता चौधरीहे लग्गेसे हेर्ना हो कलेसे, उहाँ परिवर्तनके जीवित पाठ हुइट । उहाँ कहठी, ‘पहिले ठेकेदारसँग मिलके घर निर्माणमे काम करी । मेहनत ढेर, कमाइ कम । रोजगारी मेलामे तालिम पाइलपाछे नयाँ डगर खुलल हस हुइल ।’

उहाँब कथा सरल बा, मने गहिर । तालिमपाछे उहाँ टायल–मार्बल फिटिङ सिख्ली । काम सुरु करलपाछे आम्दानी स्थिर हुई लागल । परिवारसे उहाँक काममे गर्व करे लग्लै ओ एक दिन परियोजनासे उहाँहे छ हजार तीन सय ७५ रुपैयाँ सहित सम्मान करल–कम रकम, मने भारी पहिचान ।

आज अनिता घरमे नक्सा नक्काशी कैना काम करठी । छिमेकी महिलाहुक्रे उहाँहे ‘काम सिखाडि’ कहिके भ्याइ–नभ्याइ अइठै । आत्मविश्वासके उचाइ बह्रटी गैल उहाँ महसुस करठी ।

परियोजनाके गतिविधि हेर्न उपमहानगरपालिकाके उपप्रमुख कन्दकला राना स्वयं उहाँक कार्य क्षेत्रमे पुग्ली । उहाँ कहठी– ‘हम्रे बुधके फिल्ड अनुगमन करली, बिफेक रोज लेखापरीक्षण । किसानहुक्रे मजा फाइदा पैले बटै । महिलाहुक्रे नयाँ–नयाँ सीपमे आघे बह्रटी रहल बटै । महिलासे अब जा फे करेसेक्ठै कना वास्तविकता पुष्टि हुइटी बा ।’

उहाँक अनुसार उद्यमशिलताके लाग स्थानीय सरकारसे निरन्तर प्रतिनिधि तथा प्राविधिक सहयोग उपलब्ध करैटी रहल बा । उद्यमशीलताके पंक्तिमे महिलाके उपस्थिति बह्रना केवल आर्थिक परिवर्तन नैहो– सामाजिक धारणाके परिवर्तनफे हो । विगतमे ‘पुरुषके काम’ मन्ना टायल फिटिङ, मार्बल कटिङ, टनेल खेती वा निर्माण–सम्बन्धी काम अब्बे महिलाके सीप सूचीमे विस्तार हुइटी बा ।

सिलाइ–कटाइ मेसिन पाइल दुसर सहभागी बटैठी– ‘पहिले खर्च चलैना धौ–धौ रहे । अब्बे घरके काखमे बैठके कमैठु । छाईहुकनके लाग मजा उदाहरण बनल महसुस हुइठ ।’

अस्टे, कम्पोस्ट मल उत्पादनमे सहयोग पाइल समूहके महिला कहठै– ‘हम्रहिनहे आब मल केल्ह नाही, बजारके सिकाइफे चाहि । उत्पादन मजा बा, अब बिक्री व्यवस्थापन सुदृढ हुइलेसे जीवन झन् बदलि ।’

यिहे सूक्ष्म आवाजसे परियोजनाके उपलब्धि केल्ह नाही, अभिन कैना बाँकी कामके सूचीफे उजागर करठ ।

धनगढी ओ गोदावरी नगरपालिकाबीचके सहकार्य परियोजनाके मेरुदण्ड बनल बा । सरकारी संरचनासँगे समुदायके महिला समूह, सहकारी, स्थानीय अगुवा सक्कु जाने उद्यमशीलता वातावरण निर्माणमे हात मिलाडेहल बटै ।

वित्तीय हिसाब–किताब केल्ह परियोजना सफलताके सूचक नैहो । मने सामाजिक लेखापरीक्षणमे आइल पारदर्शिता, गतिविधि–प्रभाव ओ लाभग्राहीके अनुभवसे यी परियोजना ‘सफलताके कथा सिर्जना कैना कारखाना’ बन्ना संकेत डेहठ ।

अन्त्यओर उद्यमके डगर नम्मा बा मने सम्भावनासे भरल सामाजिक लेखापरीक्षणसे कागजके अंक केल्ह नाही– यी परियोजनासे खुलल नयाँ जीवनके ढोकाफे डेखाइठ । मनिषा जस्टे महिला अपन जीवन बदल्टी बटै । सहकारी समूहसे नयाँ उत्पादन पथ आघे बह्रैटी बटै । स्थानीय तहसे महिलाके हातमे सीप ओ सम्भावना थमाडेटी बा ।

उद्यमके डगर कबु सहजुल नैरहठ– मने जब महिला, समुदाय ओ स्थानीय सरकार एक्के दिशामे नेंग्ठै, डगर स्वतः फरछवार हुइटी जाइठ । धनगढीके यी कथा केवल व्यक्तिगत सफलता नाही–यी ग्रामीण समाजसे परिवर्तनहे आत्मसात् करल संकेत हुइट ओ यी महिलाहुक्रे बुझसेक्लै– ‘सशक्तिकरण सहयोगसे सुरु हुइठ, मने आत्मनिर्भरता अपने हातसे निर्माण करठ ।’

ओस्टेक करके गैर परम्परागत क्षेत्रमा महिला उद्यमशिलता विकास परियोजनाके वार्षिक सामाजिक लेखा परिक्षण कार्यक्रम मुक्तकमैया महिला विकास मञ्चके कार्यक्रम संयोजक इन्द्र चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल रहे । कार्यक्रममे प्रमुख अतिथि धनगढी उपमहानगरपालिकाके नगर उपप्रमुख कन्दकलाकुमारी राना रहिट । कार्यक्रममे मञ्चसे संचालन करल गैर परम्परागत क्षेत्रमा महिला उद्यमशिलता विकास परियोजनाके अधिकृत पदमराज जोशी परियोजना कैगिल गतिविधिबारे प्रस्तुतीकरण कारण रहिट । कार्यक्रममे मञ्चके अध्यक्ष सीमा चौधरी, मञ्चके परियोजना अधिकृत प्रदीप चौधरी, चेतमान साउद, धनगढी उपमहानगरपालिकाके टमान शाखाके प्रमुख, तथा उद्यमीहुकनके सहभागिता रहे ।

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