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राजनीतिमे ‘गौरीशंकर प्रबृत्ति’

पहुरा | १९ पुष २०७७, आईतवार
राजनीतिमे ‘गौरीशंकर प्रबृत्ति’

दुइ तिहाइके बहुमत सरकार संसद भंग हुइल पाछे अल्पमतमे परल बा । प्रधानमन्त्रि ओलीक निर्नय प्रति असहमति जनैटि कुछ मन्त्रि राजिनामा डेलाँ । उ ठाउँमे भकाभक लावा मन्त्री नियुक्त होके सपथ खा सेक्ले बटाँ ।

इहिसे पहिलेक ओलीक् मन्त्रिमन्डलमे कोइ थारु परल नाइ रहिट । इहे बिच अल्पमतमे परल ओली गौरीशंकर चौधरीहे श्रम, रोजगार तथा सामाजिक सुरक्षा मन्त्री बनैले बटाँ । मन्त्रिमन्डलमे थारु प्रतिनिधि अइना खुसिक बाट हो । मने गौरीशंकर एकाएक ‘युटर्न’ होके जौन टौरटरिकासे भटाकसे मन्त्रि बन्ला, इ उहाँक क्षेत्रक कार्यकर्ता, जनता मन नै परैलाँ ।

स्मरन रहे, कुछ दिन आघेसम मन्त्री चौधरी पार्टी कार्यकर्तन सम्बोधन करटि अपने प्रतिनिधि सभा विघटनके विरोधमे रहल ओ प्रचण्ड–नेपाल समूहमे रहल कहटि प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीके कडा आलोचनामे उत्रल रहिट । ओहेसे सपथ ग्रहन करल २४ घण्टा बिटे नाइ पैटि गौरीशंकरके बच्काना निर्नयले उहाँक निर्वाचन क्षेत्रमे पुतला दहन समेत हुइल । कैलाली निर्वाचन क्षेत्र नम्बर ३ स्थित ओहकान घर रहल कैलारी गाउँपालिकाके हसुलियामे ओहकाने समर्थक पुतला दहन करला । उहाँ मन्त्री हुइलपाछे ओहकान निर्वाचन क्षेत्रके पार्टी कार्यकर्ता सामाजिक सञ्जालमे रिस पोख्ना क्रम जारि बा । मन्त्री चौधरीके नेकपा ओली समूहमे प्रवेशसे आक्रोशित हुइल कैलारी गाउँपालिके अध्यक्ष लाजुुराम चौधरी ‘अंकित’ पदके मोहमे नेता ओ कार्यकर्ताउपर गौरीशंकर विश्वासघात करल आरोप लगैले बाटैं ।

एकठो कहाइ बा, राजनीति ओ प्रेममे सबकुछ जायज बा । मने अचानकके निर्नय जिहि फे पचैना कर्रा हुइठ । लर्का लर्कीबिच उह्ररके भग्नासे पहिले फेन प्रेम झंगझंगाइ परठ । माओवादी आन्दोलनसे राजनीतिमे आइल गौरीशंकर इहिसे पहिले कृषि मन्त्री रहि सेकल रहिट । ओहेसे मन्त्रीके तामझाम उहाँहे सायद फेन डोस्रे लोभ्वाइल । एकठो प्रश्न उठे सेकठ, सर्जे माओवादी पार्टीहे प्रचण्ड एमालेमे विलय कराइ हुइना, लेखराज भट्ट प्रचण्डहे छोरके ओलीसे साँठगाँठ करे मिल्ना, मने गौरीशंकर काजे कित्ता फेरे नै पैना ? जरुर पैना, मने यकर फेन समयक्रम रहठ । जस्टक लेखराज भट्ट प्रचण्डहे साथ नै डेना कहिके बरा पहिले अपन कित्ता काट कै सेकल रहिट । यदि गौरीशंकर फेन अपन कित्ता काट पहिले कैले रटाँ कलेसे उहाँक् सुभेच्छुकहुकन अटरा जोरसे झटका नै लग्ने रहिन ।

कामचलाउ सरकारमे कोइ मन्त्री काम कैके डेखाइ सेक्ना अवस्था अब्बे नैहो । अइसिनमे मन्त्रीके लग डौरटि जैना क्षणिक फाइदा डेखैलेसे फेन लम्मा राजनीतिके लग गौरीशंकरहे घाटाजनक बा । उहाँक कित्ता परिवर्तनले कुछ दिनिक पदके लग अपन इमान बेचल इ घटना ‘गौरीशंकर प्रबृत्ति’के रुपमे कम्तिमे थारु राजनीतिमे जान जाइ ।

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