थारु राष्ट्रिय दैनिक
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होशियार, ठग्वा पैनासे बँचि

पहुरा | १२ माघ २०७७, सोमबार
होशियार, ठग्वा पैनासे बँचि

एकठो कहाइ बा, हमार पइला पइलामे ठग्वन नेंग्टि रहठाँ । अपनेक हमार, कमि कमजोरि पैलैटि रहठाँ । ओ, जहाँ झिंझर डेख्ठाँ, उहाँ लपाकसे अपन मोह्न्यइना बोलिले अइसा जाल बिछैठाँ कि सोझ मनै फँसे बिना रहे नइ सेक्ठाँ ।

ठगल मुद्दामे भागल कैलालीके गौरीगंगा नगरपालिका–८, के राजाराम चौधरी पकरवा पैले बटै । धनगढी उपमहानगपालिका–१ बैठना अनिता चौधरीके भारत बैंगलोरसे बिएस्सी नर्सिङ पास करल प्रमाणपत्र त्रिभुवन विश्वविद्यालय (त्रिवि) काठमाडौंसे मान्यता डेहुवा डेना कहिके उ ठग्ले रहैं । बहला फुस्लाके पाँच लाख ठगके सम्पर्क बिहिन रहलमे पकरवा पइलक हुइट । राजारामहे साथ डेहुइया शिवकुमार चौधरी फेन पकरवा पैले बटै ।

भारतमे पह्रल प्रमाणपत्र त्रिविसे मान्यता डेहुवा डेना कहिके ठगल किल नाहि राजारामके आउर फेन कर्तुत साम्ने आइल बा । उ चार बरस पहिले सिटिईभिटिसे अनुमति लेहल कहिके विद्यार्थीनहे झुक्याके धनगढीमे मल्टिस्किल ईन्टिच्युट अफ टेक्नोलोजी प्रालि खोल्ले रहैं । मने उ प्रालि अनुमति विना गैरकानुनी रूपमे खोल गइल रहे । उहाँ अध्ययनरत ११८ जनहनहे झुक्याके राजाराम उन्नचास लाखसे ढेर ठग्ले रहैं ।

विद्यार्थी अपन सुविधा अनुसार संसारके चाहे जौन कोन्वम फेन पह्रे सेक्ठाँ । उहे क्रममे भारत एकठो सहजिल गन्तव्य हो । मने भारत लगायत अन्य देशमे पह्रल अपन क्याम्पस नेपालके त्रिविसे मान्यता पैना मेरिक बा कि नै ? विद्यार्थी चनाखो रहना चाहि । काजेकि थारु विद्यार्थी जहाँ पह्रिट, सकेसम अपने देशमे करियर बनाइक चहठाँ । शायद अनिता चौधरीके भारत बैंगलोरसे बिएस्सी नर्सिङ पास करल प्रमाणपत्र त्रिभुवन विश्वविद्यालय (त्रिवि) काठमाडौंसे मान्यता पइना मेरिक नइ रहल हुइ । नइ टे उहाँ काजे दलालके फन्डामे पर्टि ?

राजाराम ठगल डोसर घटना सम्बन्धित निकायसे विना अनुमति ईन्टिच्युट खोल्के विद्यार्थीन् ठगल घटना साम्ने आइल बा । अनुमति बिना खुलल ईन्टिच्युट फेन सम्बन्धित निकायसे मान्यता पइना बाटे नइ आइल । उहेसे विद्यार्थी का पह्रना, कहाँ पह्रना, अपन पह्रना निकाय बैधानिक हो कि नाइ ? पटा लगाके टब बल्ले भराना हुइक चाहि । नइ टे विद्यार्थीन्के भविस्य अंढारके साथसाथे डाइबाबन्के पैसा किल स्वाहा हुइना हो । होशियार, ठग्वा पैनासे बँचि । कोइ ठग्ना नियतसे काम कइटि रहल पटा पइलेसे सम्बन्धित निकायमे खबर करके सच्चा नागरिकके उडाहरन डि ।

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