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राजनीति, पेशा ओ भ्रष्टाचार

पहुरा | १४ माघ २०७७, बुधबार
राजनीति, पेशा ओ भ्रष्टाचार

राष्ट्रिय योजना आयोगके पहिलक उपाध्यक्ष्य पिताम्वर शर्मा कहठाँ, ‘जव राजनीति पेशा हो डेहठ, टब बहुट खतरनाक हुइठ ।’ ओस्टक नेता देवराज चालिसेके कहाइ बा, राजनीति पेशा नाहि सेवा हो, इहि पेशाके रुपमे लेहुइया नेतन देशके विकास करे नइ सेक्ठाँ ।

भख्खर नेकपाके सचेतक शान्ता चौधरी संघीय राजधानी काठमाडौंके कोटेश्वरमे फिटनेस सेन्टर ओ ब्यूटी पार्लरके सुरु करल समाचार आइल बा । व्यवसाय सुरु करलपाछे शान्ता कले बटि, ‘राजनीति पेशा नइ हो, सेवा हो । म पार्टीक् काम कर्ठु, पार्टी डेहल चहा जा जिम्मेवारी मै पुरा कर्टि आइल बटुँ ओ करम फेन । हम्रे राजनीति करुइयन उद्यमशील बनके आपन गोडम ठह्रियइना चाहि कना मान्यता ढर्ठु । ओहेसे फिटनेस सेन्टर ओ ब्यूटी पार्लर सुरु कर्ले बटुँ ।’

राजनीति पेशा नाहि सेवा हो कहइया नेता टे सबहस बटा, मने व्यवहारमे ओइसिन नइ हो । बहुट कम नेतनके अपन पेशा, व्यवसाय बिल्गाइठ । ओइने राजनीतिहे जो कमइना भाँरा बना लेठाँ, जिहिसे देशके विकास हुइ नइ सेकठो ।

पहिले सांसदहुकन किल पारिश्रमिक सुबिधा रहे । स्थानीय निकायके पदाधिकारीन् भत्ताके नाउँमे सामान्य सुबिधा डे गइल रहे । मने इ फेरा निर्वाचित स्थानीय तहके सरकारके पदाधिकारी (प्रमुख, उपप्रमुख, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष्य ओ वडाध्यक्ष) हे फेन आफिसमे रहे पर्ना उ वापत मासिक सुबिधा डेना व्यवस्था कइ गइल बा । सामान्य अर्थमे बुझेबेर इ सार्वजनिक क्षेत्रमे लगानी कइलक श्रम ओ समय वापतके पारिश्रमिक हो । अब्बे स्थानीय तहके सरकार, प्रदेश सरकारके जे जे पदमे बा, एक अर्थमे उ पेशामे फेन बा । मने प्रतिनिधि सभा भंग हुइल पाछे संघीय सांसदलोग पदमे नइ हुइट । ओइनके पेशा ढरापमे परल बटिन । अइसिनमे वैकल्पिक पेशाके लग सांसद रहल शान्ता चौधरी एकठो व्यवसायमे पकरना स्वागतयोग्य पक्ष हो ।

सांसद, नगरके प्रमुख, गाउँपालिका अध्यक्ष, वडाध्यक्ष अर्थात जनप्रतिनिधि रहटसम सक्रिय बिल्गइना मने पद ओराइल पाछे राजनीतिसे हेरा जइना थारु समुदायके अग्वनके विडम्वना बा । आज रामजनम चौधरी व्यवसायके लग गाउँमे रेसोर्ट चलइले बटाँ, मने राजनीतिक गतिविधिसे डुरे सुन्जाइठ । फत्तेसिंह थारु बाँकेके अपने गाउँमे बटाँ, मने राजनीतिक गतिविधि सुन्य बटिन । कमैया हस सिमान्तकृत वर्गसे सांसद बनल सुन्दरा चौधरी, सुकदैया चौधरीके राजनीतिसे नामोनिशान हेराइल अवस्था बा ।

हो, निश्चय फेन राजनीति बहुट महंगा हो गइल बा । पदमे रहल बेला जे कमा लेहल, उ डोसर फेरा चुनावके लग जुगार कर लेहल । नइ टे चुनाव लरना अवस्था नइ हो । काजेकि थारु राजनेतनके ओइसिन कौनो व्यवसायन नइ बिल्गाइठ, जिहिसे लम्मा रेसके घोरवा हस लग्ढार राजनीतिमे टिके सेकिट । यकर अर्थ पदमे रहल बेला भ्रष्टाचार कइके ‘एनि हाउ, कमाउ’ कना नइ हो । नेतालोग राजनीतिहे पेशा नइ मानके आर्थिक स्थिति मजवुतके लग अपन फेन कौनो व्यवसाय चलइना चाहि । काजेकि पदमे रहल बेला ओइन कानुनी झन्झट कम रहठ । जब कांग्रेसके युवा नेता गगन थापा छेग्रि पालन करे सेक्ठाँ कलेसे कृषि, पशुपालनमे डख्खल रहल थारु नेतन काजे नइ कइना ?

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