टरटिह्वार ओ थारु बाजाके संरक्षण

माघ टिह्वारके रहलपहल अभिन फेन थारु गाउँमे बाँकि बा । काजेकि कुछ गाउँमे अभिन फेन गाउँक् भुरा खेल ओराइल नइ हो, गाउँकु अगुवा नइ चुन गइल हुइट ।
पहिले पहिले माघ महिना भर माघे हो कहिके महिना भर माघ मना जाए । मने समयक्रममे माघ मनैना दायरा फेन साँकिर हुइटि गइल बा । मघौटा नाचके मन्ड्रासे लेके ढमारके डफके गुन्जन आब कम बा । कुछ महिना पहिले दाङमे मन्द्रक टंगि (छोप्ना) बनैना तालिम हुइल समाचार आइल रहे । मने मन्ड्रा बजैना तालिम हुइल अभिन फेन नइ सुन गइल हो । मन्ड्रा बजुइया नै भेटाके बहुट गाउँमे डस्या, डेवारिम हुइना सख्या नाच हेरा सेकल । बुह्राइल मन्डरियनसंगे जवान बठिन्यन नाचक मन नइ कर्ठा । युवावर्गके मन्ड्रा सिख्नामे ढ्याने नइ हो । असिनमे थारु बाजाके संरक्षण आजुक आवस्यकटा हो ।
इहे बिफेक रोज सुदूरपश्चिम पन्चेबाजा संरक्षण समिति गठन हुइल समाचार आइल बा । धनगढीमे बैठल भेलासे प्रेमबहादुर आउजीके संयोजकत्वमे १५ सदस्यीय पन्चेबाजा संरक्षण समिति गठन हुइल बा । पाछेक समय पन्चेबाजा लोप हुइटी गैल, यकर संरक्षण ओ प्रचारप्रसार कैना इ समिति गठन हुइल समितिके पदाधिकारिनके कहाइ बा । पन्चेबाजा संरक्षण समिति बनेहस थारु बाजा संरक्षण समिति बनैना समयके मागन हो ।
पहिले सख्या नाचक् बाइस खोट बजुइया पुर्खा आब डिया बारके खोज्लेसे फेन नइ मिल्ठाँ । आब बाइस खोट मन्ड्रक टाल डस बाह्र खोटमे झर सेकल । लय मिलाके झाल बजाइ जन्ना मनै नइ जुहैठाँ । नाचेम बजैना कस्टार लोप हुइटि बा । मन्डरियन अपन टालमे नचुन्यन् नचैना हो । जब मन्डरिया नइ जुहैहि टब, नचुन्यन कहाँसे पुट्ठा डुम्कैहि ?
आब थारु टरह्विारमे टोंगफटोनक मन्ड्रक टालके सटहा डिजे बाजा घन्कटि बा । ऐसिनमे नाचक् स्टेपके का मटलब ? जे जइसिक पुट्ठा उलार लेहे । नइ टे सिपार मन्डरियन अनसिख्वा नचुन्यन आँखिक सान मारके, हाँठक् हाउभाउ डेखाके नाचक सिखैठाँ । ओहेसे थारु अगुवन थारु बाजा संरक्षण समिति गठन करिट । ऐसिन समितिहे स्थानिय निकाय फेन रकम छुट्याके हौसला डेहे, संस्कृति संरक्षणमे टेवा डेहे ।
