थारु राष्ट्रिय दैनिक
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नेपालके निजामति प्रशासन ओ थारु कर्मचारी

पहुरा | २२ माघ २०७७, बिहीबार
नेपालके निजामति प्रशासन ओ थारु कर्मचारी

वि.सं. १८२५ मे जब राजा पृथ्वीनारायण शाह काठमाडौँ उपट्यका जिटके नेपाल राज्यक स्ठापना कैलाँ, टबसे राज्य संचालनमे निजामति प्र्रशासनके भुमिका रलेसे फेन खास कैके वि.सं. २००७ सालमे जब राणान्के जहाँनिया पारिवारिक शासन ओराइल टब राज्य संचालनमे निजामति प्र्रशासनके भुमिका व्यवस्ठिट हुइटि गइल ।

निजामति प्र्रशासनहे व्यवस्ठिट ओ प्रभावकारि बनाइक लग पहिले सुरुम वि.सं. २०१३ सालमे निजामति सेवा ऐन लागु कइगैल । शान्ति सुव्यवस्ठा ओ विकास निर्मानके काममे सरकार आपन संलग्नटा बह्रैटि लैजैना व्रmममे वि.सं. २००७ सालमे लगभग ७ हजार के संख्यामे रलक निजामति प्र्रशासनमे २०७५ साल आइ पुगटसम लगभग ८६ हजार के संख्यामे कर्मचारी बटाँ । ओस्टक स्थानिय तहमे १७ हजार कर्मचारी बटाँ ।

वि.सं. १८२५ मे विस्वमे २२ औँ स्वाढिन राज्यके रुपमे स्ठापिट नेपाल सयौँ बरस सम परिपक्व राजनैटिक प्रनालिक अभावमे आर्ठिक विकासके ओजरारसे डुर रहल । जब राणा शासन ओराइल, टब जाके वि.सं.२००८ साल ठनसे वार्सिक रुपमे रास्टिूय बजेट तर्जुमा कैके आढुनिक विकासके वर आपन पहिला कदम चालल । वि.सं. २०१३ सालमे प्रठम पंच वर्सिय योजना टर्जुमा कैके विकासके ओर आगे बढना कोसिस कैल । सडक, स्वास्थ्य, सिच्छा जसिन छेट्रमे कुछ प्रगटि हुइलेसे फेन हमारेसँगे विकास याट्रामे निकरलक आउर डेसहे सोंच्ना हो कलेसे हमरे बहुट पाछे बटि । विकासके यि प्रयासके वावजुड हमार समाजमे गरिबि, बेरोजगारि, भुँख ओ रोग जसिन समस्या कठोर यठार्ठ बन्के जनटन्के आसाहे निरासा बनैटि बा । नेपाल अटि कम विकसिट मुलुकके डर्जासे उम्के नइ सेकले हो ।

नेपाल राजनिटिक रुपमे स्वाढिन हुइलक २४७ बरस हु राखल । वि.सं. २००७ हे आढार मन्ना हो कलेसे आढुनिक विकासके ओर नेंग्लक फेन ६५ बरस हुु राखल । नेपालके विकास यात्राक् बहसमे बारम्बार सिंगापुर ओ दक्षिण कोरियक नाउँ लेजाइठ । ५० बरस आगे जन्मलक सिंगापुर आज कहाँ बा ओ हमार डेस कहाँ बा ? जबकि हमरे पहिला बजेट तर्जुमा करेबेर सिंगापुर एकठो स्वटन्त्र राज्यक रुपमे स्ठापिट फेन नैहुइल रहे । ओहोर दक्षिण कोरिया भर्खर जापानके उपनिवेससे स्वटन्त्र हुके हमारे नन्हे पाइला चालटेहे । आज दक्षिण कोरिया ओ सिगांपुर विस्वमे आर्ठिक हिसाबले समुन्नट गनल चुनल डेसमे गनजइठाँ लेकिन नेपाल, अफ्रिका महाडेसके अटि कम विकसिट डेस जसिन बा । भौगोलिक हिसाबमे समरुप हुइलक ओरसे हुइ सायड नेपालहे स्विट्जरल्यान्ड बनाइ सेक्जइना बाट बारम्बार सुन जाइठ । मेची, महाकाली लडियामे ढेउर पानि बहराखल, लेकिन नेपालके विकास कबु गटि लेहे नइसेकल । असिन अवस्ठामे प्र्रशासन आपन भागके जिम्मेवारि स्विकार कैके निरन्टर सुढार कैटि डेस विकासमे जुटे पर्ना बिल्गाइठ ।

निजामति प्र्रशासन, राज्य संचालन कैना महट्वपुर्न संरचना हुइलक ओरसे यकर प्रभावकारिटा ओ कार्यकुसलटामे सरकार निर्भर रहठ । बिगटमे नेपालमे निजामति प्र्रशासनमे एकठो वर्ग ओ समाजके किल हालि मुहालि रहे लेकिन वि.सं. २०४६ सालके बाड राज्यके हरेक संरचनाहे बहुलबाडि बनइना व्रmममे निजामति सेवाहे फेन बहुलबाडि बनाइक लक कुछ निटिगट प्रयास कइ गइल । आगामि डिनमे नेपालके प्र्रशासनहे आपन बहुल समाजके सुग्घर रङ बोक्टि लावा युगके नन्लक परिवर्टन अनुकुल आपन पुरान चरिट्र ओ व्यवहारहे सुढरटि जनटनके सेवाहे सर्वोपरि माने पर्ना अवस्ठा बा । जनटनके सेवा जो खास कैके राष्टूके सेवा हो । नेपालके संविढान २०७२ अनुसार नेपालके बहुल समाजके अवढारनाहे आढार मानके नेपालि समाजके व्यवस्ठापन, प्रवर्ढन ओ विकासके लक आवस्यक चरिट्र ओ व्यवहार नेपालके प्र्रशासनहे डेखाइ पर्ना आवस्यक बटिस । लावा युगके लावा नेपालमे आब निजामति प्र्रशासनहे, प्रव्रिmयामे सहज, चरिट्रमे स्वच्छ, व्यवहारमे नम्र हुइ पर्ना बटिस ।

निजामति प्र्रशासनहे सुढार करक लग निजामति कर्मचारीन्के आचरन सम्बन्ढि नियमावलि २०६५ व्यवस्ठा कइ गइल बा । यि नियमावलि कर्मचारिनके चरिट्र ओ व्यवहारहे निर्डेसिट करठ । अब्बेक अवस्ठामे कौनो फेन कार्यालयमे काम ढिला हुइलेसे ‘हेरि, अपनिक काम हालि कैके घरे पठाडिउँ कलक काम कैटि कैटि ढिला हो गइल, माफ कैबि’ कहे पर्ना ठाउँमे कर्मचारि उल्टे झोक्कइठाँ । आजकल सरकारि कार्यालयमे कौनो सेवाग्राहि नम्र बोलि बचन पैलेसे आज डिन कँहोरसे उठल कहिके सोँचठुइहिँ । सरकारके नानल मुस्कान सहिटके सेवा ठुस्कान सहिटके सेवा बा ।

निजामति सेवामे थारु समुदायके उपस्थिति हेर्लेसे बहुट सोग लग्टिक बा । मेरमेरिक निकायमे थारु आयोगके लेहल प्रारम्भिक तथ्यांक अन्सार निजामति सेवामे थारु समुदायके कर्मचारी जम्मा ३ सय ७१ जने बटाँ । जब अपन समुदायके कर्मचारी नइ रहिहि, टब उ समुदायके काम समयमे कसिक हुइ ? कौनो फेन अफिसमे पैठक लग डवारपाले गेट खोले परठ । सरकारी आफिसमे थारु डवारपाले टे डुरिक बाट, हाकिम कसिक बन्हि । ओहेसे थारु आयोग, थारु कल्याणकारिणी सभा लगायट निकाय निजामति सेवामे थारु समुदायके उपस्थिति बह्राइक हालिसे हालि रणनिटि बनइना चाहि । थारु युवावर्ग अपने फेन सरकारी सेवामे कसिक छिर्ना कन्कनार बनक चाहि ।

(घोराहा, दाङदेउखर निवासि लेखक सहरी विकास मन्त्रालय, सिंहदरबार, काठमाडौँमे नायब सुब्बा बटाँ ।)

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