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‘भौतिक पूर्वाधार अपांगतामैत्री खै ?’

पहुरा | ९ फाल्गुन २०७७, आईतवार
‘भौतिक पूर्वाधार अपांगतामैत्री खै ?’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ९ फागुन ।
भौतिक पूर्वाधार विकासमे गति लेटी रहलबेला भवन, सडक लगायत टमान क्षेत्र अपांगतामैत्री नइरहल अपांगताके क्षेत्रमे काम करुइया अगुवाहुक्रे प्रश्न करले बटै ।

शनिच्चरके रोज धनगढीमे राष्ट्रिय अपांग महासंघ नेपाल ओ युएन डिपीके सहकार्यमे ‘अपांगता रहल व्यक्तिहुकनके नीति ओ कानुनमे समावेश’ विषयमे संचारकर्मीहुकनसंगके अन्तरसंवाद कार्यक्रममे उहाँहुक्रे सरकारसे उ प्रश्न करल रहिट । अब्बे भौतिक पूर्वाधारके विकास गति लेले बा, ६ लेनके डगर, लौवा लौवा भवन बन्टी बा मने अपांगतामैत्री खै टे ? राष्ट्रिय अपांग महासंघ नेपालके पूर्व केन्द्रीय सदस्य मानबहादुर साउँद प्रश्न करलै ।

‘स्थानीय तहके लौव भवन बनटा, प्रमुखहुक्रे उप्पर बैठै,’ उहाँ कहलै, ‘सेवा लेहक लाग अपाङ्गता रहल व्यक्ति उप्परसम पुग्ना अपाङतामैत्री भवन नइहो कैसिन सेवा लेना टे, लौवा–लौवा बैंकफे खुलटा मने उप्पर तल्लामे सेवा लेना कर्रा बा ।’ अब्बे टमान नीति तथा कानून बने लागल मने दयाके आधारमे केल कानून बनाइल उहाँ बटैलै ।

पूर्व केन्द्रीय सदस्य साउद कहलै, ‘टमान समिति गठन हुइठ, अपाङता व्यक्तिनके सहभागीता न्यून विल्गाइठ, करारमे धमाधम कर्मचारी भर्ना कैजाइट समावेशी नइहो ।’ अपांगता रहल व्यक्तिहे उच्च शिक्षासम निःशुल्क, यातायातमे अलग सितके साथे छुट कैना सरकार कहटा, मने लागु नइहुइल पाइल केन्द्रीय सदस्य साउँद कहलै ।

अपांगता रहल व्यक्तिहुक्रे विभेदमे, मानव अधिकार हन्नमे परल ओ कानूनसे बञ्चित हुइलहे राज्यके पहु“चसम पुगैना ओ अधिकार सम्पन्न बनाइक लाग गतिविधि आघे बढाइल राष्ट्रिय अपांग महासंघ नेपाल सुदूरपश्चिम प्रदेशके अध्यक्ष उप्रेन्दबहादुर खडायत बटैलै । अपनेहुक्रे अपांगता सम्बन्धी टमान कार्यक्रम करटी आइल उहाँ जानकारी डेलै । ‘३ वर्षिय कार्य योजना बनाके आघे बह्रटी बटी, आब सामाजिक विकास मन्त्रालयके अगुवाइमे अपाङ्गता सम्बन्धी कानून बनाके सक्कु अपाङ्गता रहल व्यक्ति पहु“च अभिवृद्धि हुई, उहाँ कहलै, कानून बन्लेसे अपांगता रहल व्यक्तिहुकनके अधिकार प्राप्त कैना सहज पुगी ।

२०६८ सालके जनगणना अन्सार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ६७ हजार आठ सय ३२ जाने अपाङ्गता रहल व्यक्ति रहल बटै । यम्नेफे सबसे ढेर शारीरिक अपांगता रहल व्यक्ति २६ हजार ६ सय १४ जाने रहल बटै कलेसे न्यून दृष्टि ओ दृष्टिविहीन रहल व्यक्ति १४ हजार ३ सय २७ जाने, सुस्त स्मरण ओ स्मरण विहीन व्यक्ति १० हजार ९ सय ७६ जो, सरमण दृष्टिविहीन व्यक्ति १ हजार २ सय ५१ जाने, स्वर बोलाई कठिनाइ व्यक्ति ५ हजार ७ सय ६० जाने, सुस्त मनस्थिति रहल व्यक्ति ३ हजार १ सय ८४ जाने, बौद्धिक अपांगता व्यक्ति १ हजार ३ सय २९ जाने ओ बहु अपांगता रहल व्यक्ति ४ हजार ३ सय ९१ जाने रहल राष्ट्रिय अपाङ्ग महासंघ नेपाल सुदूरपश्चिम प्रदेश जनैले बा ।

नेपाल लगायत प्रदेशके हकमा कहेबेर भौगोलिक विकटता ओ टमान मेरिक दुर्घटनासे अपाङ्गता हुूइल व्यक्तिहुकनके सख्या बह्रल सुदूरपश्चिम विश्वविद्यालयके उपप्राध्यापक डाक्टर यज्ञराज पाण्डे बटैलै । पौष्टिक आहार, जनचेतनाके कमी लगायत जन्म जातसेफे अपांगता बह्रल उहाँ जानकारी डेलै । नेपालके संविधान २०७२ मे अपाङता हुइल व्यक्तिहुकनके लाग निःशुल्क शिक्षा, बे्रल तथा सांकेतिक भाषामे शिक्षा, समावेशी सिद्धान्तके(बाँकी ३ पेजमे) आधारमे राज्यके टमान निकायमे सहभागिता, अपाङ्गताके आधारमे कैना भेदभावहे दण्डनीय बनाइल ओ राष्ट्रियसभामे अपाङ्गता रहल व्यक्ति प्रतिनिधित्व हुई पर्ना लगायतके महत्वपुर्ण प्रावधान उल्लेख बटै । मने कानुनमे केल यैसिन व्यवस्था हुइना ओ कार्यान्वयन नइहुके अपाङ्गता हुइल व्यक्तिके समस्या समाधान नइरहल डाक्टर पाण्डेके कहाई बा । सडक, विद्यालयके भवन, स्थानीय तहके भवन लगायतके संरचनाफे अपाङ्गतामैत्री बनाई पर्ना उहाँ माग करलै ।

कार्यक्रममे नेपाल पत्रकार महासंघ कैलालीके अध्यक्ष जगत साउद अपाङता रहल व्यक्तिहुकन सीपमुलक आयमुलक तालिम सहभागिता कराके आम्दानीके स्रोत बह्राईमे जोड डेहल रहिट । राष्ट्रिय अपाङ महासंघ नेपाल सुदूरपश्चिम प्रदेशके जन वकालत समूहके सदस्य धर्म ओझा अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके लाग नीति तथा कानून मनल मने कार्यान्वयनके कमी रहल ओरसे संचारकर्मीनहे आवाज उठाडेना उहाँ आग्रह करलै । कार्यक्रमके संचालन प्रिया खडका करले रहिट ।

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