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कांग्रेस कम्युनिष्टमे रहल थारुनके कारण थारु अधिकारसे वञ्चित: महतो

पहुरा | १६ फाल्गुन २०७७, आईतवार
कांग्रेस कम्युनिष्टमे रहल थारुनके कारण थारु अधिकारसे वञ्चित: महतो

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १६ फागुन ।
जनता समाजवादी पार्टीके नेता राजेन्द्र महतो कांग्रेस कम्युनिष्टमे रहल थारु जनताह गुमराहमे राखके झुठके खेती करटी रहल ओरसे थारुहुक्रे अधिकार पैनासे वञ्चित रहल बटैले बाटै ।

अँट्वारके भजनी नगरपालिका–२, मोहनपुरमे कार्यकर्ता भेटघाट तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमहे सम्बोधन कैटी उहाँ जबसम कांग्रेस कम्युनिष्टमे रहल थारु संघरिया जनताहे गुमराहमे राखके झुठके खेती करही टबसम थारु आपन हक अधिकार ओ पहिचान पैनासे वञ्चित रहना बटैलै ।
‘कांग्रेस कम्युनिष्टमे रहुइया थारु संघरियाहुक्रे जनताहे गुमराह कैके झुठके खेती कैके जनता अधिकार पैही, पहिचान पैही ?’, नेता महतो कहलै ।

उहाँ थारुनउपर अन्याय अत्याचार, दमन ओ शोषण हुइल बटैलै । साथे उहाँ कांग्रेस ओ कम्युनिष्ट सरकारसे सांसद रेशम चौधरीहे डारल अरोप लगैलै ।

नेता महतो कहलै–‘अरे अन्याय फेन टुहरे कैना, केकर सरकार, कम्यूनिष्ट पार्टीके सरकार नैहो ? जेलमे के डारल ? जेलमे डरुइया कम्यूनिष्ट पार्टी नैहो रेशम चौधरीहे ? लक्ष्मण थारुउपर मुद्धा लगैना इहे कम्युनिष्ट, कांग्रेस न हो । अनि उहे पार्टीमे बैठ्के कल्याण हुइ ?’

थारुहुक्रे कांग्रेस कम्युनिष्ट पार्टीहे भोट डेके सरकार बना डेना मने ओकर बदलामे थारुहुक्रे जेलमे बैठे पर्ना नेता महतो कहलै ।

‘उहे पार्टीहे भोट डेउ, सरकार बना डेउ अनि उहे टुहरीनहे जेलमे कोचठ्, गोली चलाइठ्, कंगाल बनाइठ् अनि उहे पार्टीमे बैठ्ले रना ? अइसीनमे थारुनके कल्याण हुइ ?’

उहाँ अइसीन कमजोर मनस्थितिसे देश फे नैचल्ना ओ अधिकार पउइया अधिकार फे नै पैना न टे पहिचान पैना बटैलै । यकर साथे नेता महतो सरकारसे मधेश थरुहटमे गोली चलाके, जेलमे कोचके संविधानके घोषणा करल औँल्याइलै । कार्यक्रमहे सम्बोधनके क्रममे नेता महतो कहलै–‘इ संविधान बनुइया के हो टे ? जौन संविधानके लाग थरुहट आन्दोलन हुइल । उ संविधान बनुइया के रहे टे ? उहे कांग्रेस नैहो ? अरे कोइराला उ बेला रहे सुशिल कोइराला, कांग्रेस पार्टी नैहो ? अनि एमाले नैहो ? माधव नेपाल केपी शर्मा ओली संविधान बनाइल नैहुइट ? अनि माओवादी प्रचण्ड महरा जी संविधान बनाइल नै हुइट ?’

उहे कार्यक्रममे नेता महतो नेपाली कांग्रेसके विजय कुमार गच्छदारहे जन्तु ओ गद्दारके संज्ञा डेलै ।
‘संविधान बनुइया औरे नाउँके थारु जन्तु फेन रहिट ओकर नाउँ केरे…? विजय…विजय पाछे ओकर नाउँ…विजय कुमार गच्छदार नैहो नाउँ ओकर बदकले विजय कुमार गद्दार हो, ओकर नाउँ परिवर्तन हुइल काहे कि उ गद्दारी करल’, नेता महतो आघे कहलै– ‘कांग्रेस कम्युनिष्ट कोइराला दाहाल गद्दारी टे करलै, एकठो थारुनके छावा फेन अधिकारके बात करे उ फेन मिलल् अनि चार जाने मिलके १६ बुँदे सम्झौता कैटी संविधान बनाइल नै हुइट ?’

ओस्टके नेता महतो दुनियाँके कौनो फेन शक्ति आब थारुनहे गुलाम बनाइ नैसेक्ना बटैले बाटै । थरुहट थारुवान राष्ट्रिय मोर्चाके फागुन १५ ओ १६ गते हसुलियमे हुइल दुई दिने राष्ट्रिय सम्मेलनहे सम्बोधन करटी उहाँ अइसीन बटाइल रहिट । उहाँ अत्याचार हुइल कारण थारु समुदाय आगी नैहोके ज्वाला बनसेकल उल्लेख करटी उहे ज्वालासे टीकापुर विद्रोह निम्त्याइल बटैलै । ‘टीकापुर घटना नैहो’, पूर्वमन्त्रीसमेत रहल नेता महतो कहलै ।‘उ थारु समुदायके विद्रोह हो ।’

अधिकारके लाग इ देशमे अन्तिम लडाई लर्ना बाँकी रहल उल्लेख कैटी नेता महतो थारु समुदायसे अधिकार माग्न का अपराध हो, कहिके प्रश्न करलै । ‘अरे, थारु समुदाय पहिचान ओ अधिकार माग्न अपराध हो कलेसे १७ हजार मनै मारल प्रचण्ड काहे जेल बैठे नैपरल ?’ महतो कहलै । ‘अधिकार मागेबर रेशम चौधरी, लक्ष्मण चौधरी जेल बैठे पर्र्ना, १७ हजार मनै मारल प्रचण्ड प्रधानमन्त्री बन्ना इ कैसिन व्यवस्था हो, कैसिन संविधान हो ?’

टीकापुर आन्दोलनमे षडयन्त्र करलपाछे दुःखद् घटना घटल नेता महतोके कहाइ रहे । उहाँ थारु समुदायसे उठैटी आइल माग, मुद्दामे आपन पूर्ण साथ समर्थन रहल बटैलै । उहाँ नेपालमे पापके घरा भरल ओ उ भरलपाछे विष्फोट हुइना करल उल्लख करलै ।

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