‘मोर्चासे दासताविरुद्धके लाग संयुक्त विद्रोह’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १७ फागुन । कैलालीके कैलारी गाउँपालिका–१ हसुलियामे समानता, न्याय, अधिकार प्राप्ति ओ दासता विरुद्धके लाग कहटी आयोजना हुइल थरुहट थारुवान राष्ट्रिय सम्मेलन अँट्वारके १५ बुँदे घोषणापत्र जारी कैटी उसरल बा । सोम्मारके धनगढीमे पत्रकार सम्मेलन मार्फत मोर्चासे घोषणापत्र सार्वजनिक करले बा ।
यहोर दुई दिनसम आयोजना हुइल सम्मेलनसे बन्द सत्रमे थारु समुदायके माग, मुद्दाके सवालमे गम्भीर रुपमे छलफल करल रहे । बन्दसत्रमे छलफलपाछे सम्मेलनसे थरुहट थारुवान एकता, मोर्चाबन्दी, साझा मुद्दा ओ साझा संघर्षके लाग शान्तिपूर्ण रुपमे विद्रोह नै अब्बेक आवश्यकता, बाध्यता एवम् मूल डगरा रहल निष्कर्ष निकरले बा ।
जाति, वर्ग, लिंग, क्षेत्रमे करल शोषण, दमन, उत्पीडन, विभेद, तिरस्कार, बलात्कार, भ्रष्टाचारविरुद्ध समानता, न्याय ओ अधिकारके लाग संघर्ष कैना शान्तिपूर्ण विद्रोह कैना तयारी रहल उल्लेख करल बा । सम्मेलनसे प्रतिवद्धताके साथे विद्रोहके सवाल फेन स्पष्ट पारल बा । दासता विरुद्धके विद्रोहके तयारीके लाग नेतृत्व ओ जनताके बीचमे विश्वास, भरोसा, जिम्मेवारी, उत्तरदायित्व बहन कैना उल्लेख रहल बा ।
थरुहट माग, मुद्दाप्रति सकारात्मक वा प्रतिवद्ध सक्कु शक्तिबीच सहकार्य, एकता, मोर्चाबन्दी, साझा मुद्दा बनाके सामाजिक, सांस्कृतिक, सामुदायिक, आर्थिक ओ राजनीतिक दासतामे बाँच्न विवश जनलोकके संयुक्त विद्रोहके तयारी कैना प्रतिवद्धता व्यक्त करल बा ।
समानता, न्याय, अधिकारके लाग दासताविरुद्धके संयुक्त ओ साझा विद्रोह कौनो जाति, लिङ, क्षेत्र, समुदाय ओ धर्मविरुद्ध नैहुइना प्रतिवद्धता जनाइल बा । हिंसा, डर, धाक, त्रास, धम्की आतंक, चन्दा असुली, लुटपाट नगरी सभ्य, सालिन भद्र तवरसे अधिकार प्राप्ति ओ स्थायी शान्तिके लाग शान्तिपूर्ण विद्रोह हुइना सम्मेलनसे ठहर करले बा ।
राज्यके पुनःसंरचनामा जातीय, ऐतिहासि पृष्ठभूमिके आधारमे पहिचानसहित नामांकन, सिमांकन एवम् अधिकार प्राप्त थरुहट स्वायत्त प्रदेशके स्थापनाके लाग विद्रोह रहना जनाइल बा । ओस्टके, राज्यके हरेक अंगके सक्कु तहतप्कामे जातीय जनसंख्याके आधारमे पूर्ण समानुपातिक प्रतिनिधित्व, पूर्ण समानुपातिक निर्वाचन प्रणालीके संवैधानिक व्यवस्थासहित संविधानके अन्तरवस्तुसंग रहल अधिकारके १४ बुँदे मुख्य राजनतिक माग, मुद्दा संशोधन कैके पूरा कराइक लाग विद्रोह रहना जनाइल बा ।
थरुहट आन्दोलनकर्मी ओ सरकारबीच २०६५ साल चैत १ मे हुइल ६ बुँदे ओ २०६९ जेठ १० मे हुइल १० बुँदे सहमति सम्झौता कार्यान्वयनके लाग आन्दोलन रहना जनाइल बा । अधिकारके लाग शान्तिपूर्ण थरुहट आन्दोलनमे होमल निहत्था थरुहट नेता कार्यकर्ता उपर लगाइल सक्कु खाले मुद्दा झूठा रहल निष्कर्ष निकरटी मुद्दा खारेजी ओ बन्दी जीवन बिटैटी रहलहुक्रनहे निशर्त रिहाइके लाग विद्रोह रहना जनाइल बा ।
ओस्टके, कफ्र्यु निषेधाज्ञाके बीचमे थारु समुदायके व्यावसायिक केन्द्र, संचार गृह, घर लगायतमे आगजनी, चेलीबेटीउपर बलात्कार करुइयाहे कारबाहीके ओ लाल आयोगके छानविन प्रतिवेदन सार्वजनिक कैना दबाबके लाग थरुहट मोर्चाके विद्रोह हुइना जनाइल बा । जातिय छुवाछुट, असमानता, विभेद, बलात्कार लगायतके विरुद्धमे मोर्चाके शान्तिपूर्ण विद्रोह रहना उल्लेख करल बा ।
सम्मेलनसे मोर्चाके आगामी संघर्षका कार्यक्रम फेन तय करल बा । प्रचारात्मक तथा जागरण अभियान निरन्तर जारी रहना, सहकार्य एकता ओ मोर्चाबन्दी कैके संघर्षहे प्रभावकारी बनाइक लाग प्रतिवद्ध सक्कु शक्ति, संघसंस्था, संगठन, नेता, अभियन्तासे समन्वय करटी आघे बह्रना उल्लेख करल बा ।
थारु समुदायके बसोबास रहल पूर्व मेचीसे पश्चिम महाकालीसम जिल्लामे संयुक्त भेला, अन्तरक्रिया कार्यक्रम कैना, तराईके सक्कु जिल्लामे हस्ताक्षर अभियानसहित विरोध, कोणसभा कैना जैसिन आन्दोलनके कार्यक्रम तय करल बावै । आगामी वैशाख १० गते १० लाख हस्ताक्षर प्रमुख जिल्ला अधिकारीमार्फत मुलुकके राष्ट्रपतिहे बुझैना सम्मेलनसे तय करल बा ।
बन्द सत्रमे राजनीतिक विश्लेषक प्राध्यापक डा. भाष्कर गौतम, नेपाल आदिवासी जनवातीका गोविन्द छन्त्याल, दलित समुदायके रीता परियार प्रशिक्षण डेहल मोर्चाके कैलाली नेता माधव थारु जानकारी डेलै । भेलामे टमान जिल्लासे प्रतिनिधिमूलक सहभागिता रहल रहे ।
थारु समुदायसे अधिकार प्राप्ति, संविधान संशोधनके माग कैटी ओ मुलुकके संघीय संरचनाके सिमांकन ओ नामांकनप्रति असहमति जनैटी आन्दोलन करटी आइल बा । २०७२ भदौ ७ गते थरुहट थारुवान आन्दोलनके क्रममे टीकापुरमे हिंसात्मक घटनासमेत हुइल रहे । उ घटनाके थारु समुदायसे राजनीतिक समाधान खोजे पर्र्ना माग करटी आइल बा ।
उहे घटनामे कैलाली जिल्ला अदालतके फैसलाहे उल्ट्याइटी उच्च अदालत दिपायललस फैसला सुनाइलपाछे मोर्चासे पुनः आन्दोलनके कार्यक्रम करे लागल बा ।
संविधान लेखनके क्रममे २०७२ भदौ ७ गते कैलालीके टीकापुरमे थरुहट आन्दोलनकारी ओ प्रहरीबीच दोहोरो झडप हुँदा ८ प्रहरीसहित १ नाबालकके ज्यान गैल रहे । ओकर डोसर सकारे कफ्र्यु जारी हुइल समयमे ८० से ढिउर थारु समुदायके घर, पसल, एफएम लगायतमे आजजनी हुइल रहे । उ घटनाके मुद्दामे सांसद रेशम चौधरीसहित नेता कार्यकर्ता जेल सजाय भोग्टी रहल बाटै ।
इहीसे आघे जिल्ला अदालत कैलालीके फैसालासे कुछ सजाय पाके जेल मुक्त हुइल मोर्चाके केन्द्रीय संयोजक समेत रहल लक्ष्मण थारु उच्च अदालत दिपायलके जन्मकैदके फैसालापाछे उहाँ अर्धभूमिगत रहल बाटै ।
मोर्चासे जारी १५ बुँदे घोषणा पत्र
१. दास्ता विरुद्वके विद्रोहके तयारीके लाग नेतृत्व ओ जनताके बीचमे विश्वास, भरोसा, जिम्मेवारी उत्तरदायीत्व वहन कैैटी आदिवासी थारु, दलित, जनजाती, मुस्लिम, मधेशी, महिलाके एकल वा फरक–फरक आन्दोलन नै कैना । सामाजिक, साँस्कृतिक, सामुदायीक, आर्थिक ओ राजनैतिक दासतामे बाँच्न विवश जनलोकके संयुक्त विद्रोहके तयारी थरुहट माग मुद्दा प्रति सकारात्म वा प्रतिवद्ध सक्कु शक्तिके बीच सहकार्य एकता मोर्चाबन्दी, साझा मुुद्दा बनाई शान्तिपूर्ण साझा आन्दोलनके अवधारणासे कैना प्रतिवद्धता व्यक्त करटी ।
२. समानता, न्याय, अधिकारके लाग दास्ता विरुद्वके संयुक्त ओ साझा विद्रोह कौनो जाति, वर्ग, लिङ, क्षेत्र, समुदाय ओ धर्मका विरुद्व नैहुइना हो ।
३. हिंसा, डर, त्रास, धाक, धम्की आतङ्क, चन्दा असुली, लुटपात नगरी सभ्य शालिन भद्र तवरसे अधिकार प्राप्ती ओ स्थायी शान्तिके लाग शान्तिपूर्ण विद्रोह हुइना बा ।
४. राज्यके पुनःसंरचनामे जातिय ऐतिहासिक पृष्ठभूमीके आधारमे पहिचान सहित नामांकन सीमांकन एवं अधिकार सम्पन्न थरुहट स्वायत्त प्रदेशके स्थापना,राज्यके हरेक अंगके सक्कु तह तप्कामे जातीय जनसंख्याके आधारमे पूर्णसमानुपातिक प्रतिनिधित्व, पूर्ण समानुपातिक निर्वाचन प्रणालीके संवैधानिक व्यवस्था सहित संविधानके अन्तरबस्तु संग रहल अधिकारके १४ बुँदे मुख्य राजनीतिक माग मुद्दा संविधान संशोधन कैके पुरा करैना हमार विद्रोह हुइना बा ।
५. थरुहट आन्दोलनकर्मी ओ सरकारबीच २०६५ साल चैत्र १ गते हुइल ६ बुँदे ओ २०६९ साल जेठ १० गते हुइल १० बुँदे सहमति सम्झौता कार्यान्वयन करैना विद्रोह हुइना बा ।
६. अधिकारके लाग शान्तिपूर्ण थरुहट आन्दोलनमे होमल निहत्था थरुहट नेता कार्यकर्ता उपर लगाइल सक्कु मेरके झुठा मुद्दा खारेज कैके निःशर्त रिहाईके लाग हमार विद्रोह हुइना बा ।
७. कफर््यूू निषेधाज्ञा लागल बेला थरुहट नेता कार्यकर्ता, व्यवसायीनके घर पसल व्यावसायिक केन्द्र, सञ्चार गृहमे हुइल आगजनी लुटपात तोडफोड करुइया थरुहट पहिचान विरोधी तत्वहउपर ओ थारु चेलीबेटी उपर हुइल बलात्कार दुुव्र्यहवार करुइयाहे कारबाहीके लाग हमार विद्रोह हुइना बा ।
८. टीकापुर घटनाके विषयमे पूर्व न्यायाधीश गृहचन्द्र लालके संयोजकत्वमे गठित उच्चस्तरीय छानबिन आयोगके ओ देवीराम शर्माके छानविन समितिके प्रतिवेदन सार्वजनीक कैना दबाबके लाग हमार विद्रोह रहना बा ।
९.जातिय छुवाछुट, असमानता, विभेद् ओ जघन्य बलात्कारके विरुद्व हमार विद्रोह हुइना बा ।
१०. अपाङ्ग एकल महिला, प्रौढ, असक्तहुक्रनके गास, बास, कपास, शिक्षा, स्वास्थ्य निःशुल्क ओ रोजगारी ग्यारेन्टी कैना हमारे विद्रोह हुइना बा ।
११. विद्यमान्, वेतिथी, भ्रष्टाचार, कुशासन विरुद्व हमार विद्रोह हुइना बा ।
१२. किसान, मजदुरहुक्रनके श्रम, शोषणके विरुद्घ हमार विद्रोह हुइना बा ।
१३. बालुवाटार ओ सिंहदरवारसे हमार उपर करल औपनिवेसिकताका विरुद्व हमार विद्रोह हुइना बा ।
१४.धर्तीपुत्र थारुलगायत आदिवासी जनजाति, मुस्लिमहुक्रनके परम्परागत एवं प्रथाजनित मूूल्य मान्यता (बरघर भलमन्सा मटाँवा) हे संवैधानिक एवं कानुनी मान्यता डेहुवाइक लाग हमार विद्रोह हुइना बा ।
१५. थारुहुक्रनके भाषा, धर्म संस्कृति, सभ्यता तथा सम्पदाके संरक्षण, संवद्र्धन एवं प्रवद्र्धनके लाग सरकारहे दबाब डेना हमार विद्रोह हुइना बा ।





