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‘ जाई–जाली सिँचाई बाँधके उद्घाटन ’

बाँधसे चारसय हेक्टर क्षेत्रफलमे सिंचाइ हुइना

पहुरा | १३ श्रावण २०७८, बुधबार
बाँधसे चारसय हेक्टर क्षेत्रफलमे सिंचाइ हुइना

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १३ सावन ।
जाई–जाली सिँचाई बाँध आयोजनाके एक कार्यक्रमके बिच उद्घाटन करल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके भौतिक पूर्वाधार विकास मन्त्री दीर्घबहादुर सोडारी सिचाई बाँधके उद्घाटन करल रहिट । बाँधके उद्घाटन कैटी मन्त्री सोडारी प्रदेशके राजधानी धनगढीके पुरान क्षेत्र जाली रहल ओरसे उहीहे दृष्टिगत कैके आयोजना निर्माण हुइल बटैलै ।

परापूर्वकालसे परम्परागत नहर परली रहे । बैशाख जेठ महिनामे बेगारी कैके कुलुवा बनाके सिचाई कैना करजाए मन्त्री सोडारी कहलै, ‘परम्परागत अवस्थाहे आधुनिक अवस्थामे रुपान्तरण हम्रे करले बाटी । इहसिे अपनेहुक्रे मजासे लाभ उठैबी कना विश्वास रहल बा ।’

‘हम्रे लम्मा समयके संघर्षपाछे संघीय लोकतान्त्रीक गणतन्त्र लन्ले बाटी । संविधान कार्यान्वयन करे पर्ना बा । व्यवस्था परिवर्तन कैनाके मूल उद्देश्य हमार जीवन पुरान अवस्थासे लावा अवस्थामे सहज बनैना बा, मजा बनैना अवस्थामे बटी,’ं मन्त्री सोडारी कहलै, ‘ओकर लाग इहीसे कोशे ढुंगा सावित हुइना बा ।’

करिब १० करोड रुपैयाँ लागल बा । इ छोट रकम नैहो सोडारी कहलै, थप इ आयोजनाहे सफल बनैना, कार्यान्वयनके निम्ति प्रदेश सरकारके ओरसे, ‘मोर ओरसे का आवश्यक परी । अपनेनसे हम्रे हातेमालो कैना तयार बाटी ।’

जलश्रोत तथा सिँचाइ विकास डिभिजन कार्यालय धनगढीके डिभिजन प्रमुख डम्बर प्रसाद धिताल सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके ९ करोड ४ लाख ५४ रुपैयामे सिचाइ बाँध आयोजना सम्पन्न हुइल बटैलै ।

वि.स. २०७६ असोज २३ गते सम्झौता होके २०७८ असोज २२ गते निर्माण सम्पन्न कैना मेरके केएस रोयल जेभी सम्झौता हुइल रहे । डिभिज प्रमुख डम्बर प्रसाद धिताल कहलै, ‘निर्माण कम्पनीसे २०७७ असोजमे निर्माण सम्पन्न करल । नहरसे तीन सय ७६ हेक्टर क्षेत्रफलमे सिचाइ हुइना ओ उहीसे तीन सय ८० घरधुरी लाभान्वित हुइना बटैलै ।

धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ६ के अध्यक्ष भागीराम चौधरी ढिउर समयके प्रयासपाछे नहर निर्माण सम्पन्न हुइलेसे फेन आभिन ढिउर काम बाँकी रहल बटैलै ।

बरवार लगानीमे नहर बनल बा, वडा अध्यक्ष चौधरी कहलै, ‘मने, नहरके साइडमे तटबन्ध नैबनैलेसे लगानी खेर हुइना चिन्ता बह्रल बा ।’ पहिले फेन जाई, जाली, हसनपुर, तारानगरसम इहे नगहर लागे चौधरी कहलै ।

जाई–जाली निर्माण समितिके अध्यक्ष रामप्रसाद चौधरी २०६२ सालसे करल प्रयास सफल हुइल बटैलै । नहर निर्माणपाछे स्थानीयहुक्रे धान ओ गहुँ खेतीसे नगदे बाली खेती कैके मजा आम्दानी कैना सफल हुइल बटैलै ।

एक कठ्ठामे धान, गहुँ लगाइबर पाँच हजार आम्दानी होए अध्यक्ष चौधरी कहलै, ‘अब्बे उहे क्षेत्रफलमे तरकारी खेती करेबर १५ हजार ढिउर आम्दानी हुइना करल बा ।’

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