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‘मानव बेचविखन तथा ओसारपसार नियन्त्रण ऐन निर्माणमे ढिलाई’

पहुरा | २५ श्रावण २०७८, सोमबार
‘मानव बेचविखन तथा ओसारपसार नियन्त्रण ऐन निर्माणमे ढिलाई’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २५ सावन ।
प्रदेश सरकार गठन हुइल ४ बर्षसम मानव वेचविखन तथा ओषारपसार सम्बन्धी ऐन निर्माण करे नइसेकल कहटी सरकोकारवालासे हालीसे हाली उ सम्बन्धमे ऐन निर्माण करे पर्नामे जोड डेले बटै ।

मानव वेचविखन सम्बन्धी प्रदेश स्तरीय कानून निर्माण सम्बन्धमे अँटवार धनगढीमे आयोजित पत्रकारसंगके छलफलमे सरोकारवालासे ऐन निर्माण ओ ओकर कार्यान्वयनमे जोड डेहल हुइट । महिला कानून र विकास मञ्चके आयोजना तथा युयसएआइडी, युकेयड, पिपिआर, वीनरकके सहकार्यमामे हुइल छलफल कार्यक्रममे बोल्टी अधिबक्ता रेणु प्रधान श्रेष्ठ हिंसा पीडित महिला पुनस्र्थापना, वेचविखनमे परल नागरिकके पुनस्र्थापना ओ ओइनहे समाजसे अपनत्व करे सेक्ना ऐन निर्माण करे पर्ना बटैली ।

गण्डकी प्रदेश सकारसे उ सम्बन्धी ऐन निर्माण करके कार्यान्वयनके पक्षमे रहल कहटी सुदूरपश्चिममेफे उ सम्बन्धी ऐन निर्माण हुई पर्नामे जोड डेली । ‘यी विषयमे हम्रे प्रदेश सरकारके सामाजिक विकास मन्त्री, प्रदेश सचिव, सचिव ओ प्रदेशसभा सदस्यसंगपसंगफे छलफल करले बटी उहाँ कहली–‘उहाँहुक्रेफे सकारात्मक बटै, प्रदेश सरकारसे ऐन निर्माण कैना सुरु करलेसे हम्रेफे सघैबी ।’ उहाँ सरकार सञ्चालनके विषयमे सरकार केन्द्रीत हुके जनमुखी ऐन निर्माण कैना कार्य प्रदेश सरकारके प्राथमिकतामे परे नइसेकल बटैली ।

छलफलमे कार्यपत्र प्रस्तुत करटी अधिबक्ता तथा महिला कानून र विकास मञ्चके कार्यकारी निर्देशक सविन श्रेष्ठ मानव अधिकारके सुरक्षा कैना प्रदेश सरकारसे मानव वेचविखन तथा ओषारपसार सम्बन्धी ऐन निर्माण करे पर्ना बटैलै ।

‘पहिले यी अधिकार केन्द्र सरकारसंग केल रहे,’ उहाँ कहलै–‘अब्बे प्रदेश सरकार ओ स्थानीय तहहेफे मानव वेचविखन तथा ओषारपसार सम्बन्धी ऐन निर्माण कैना अधिकार बा, सरकारसे यम्ने ध्यान डेना आवश्यक बा ।’ उहाँ अब्बेक ऐनमे हिंसा पीडित तथा वेचविखनमे परल नागरिकहे पुनस्र्थापना केन्द्रमे रख्नाके साथे समाजमे पुनस्र्थापना करैना कना धारल कहटी प्रदेश वा स्थानीय तहसे मानव वेचविखन तथा ओषारपसार सम्बन्धी ऐन निर्माण करेबेर उ बाटहे ध्यान डेहे पर्ना बटैलै ।

अधिवक्ता श्रेष्ठ संघीय सरकारसे प्रदेश ओ स्थानीय तहहे पुनस्र्थापना केन्द्र सञ्चालन कैना ओ कोष स्थापना कैना अधिकार डेहल बटैलै । उहाँ कहलै –‘मने, प्रदेश ओ स्थानीय तहसे कानून निर्माण नइकरके हिंसा पीडित महिला, बेचविखनमे परल महिला लगायतके क्षेत्रमे काम हुई नइसेकल हो ।’ उहाँ लुम्बिनी प्रदेशसे पुनस्र्थापना तथा कोष ओ हिंसा पीडित महिलाके सेवा केन्द्र स्थापना कैना सम्बन्धी विधेयक नानसेकल बटैलै । उहाँ कहलै –‘लुम्बिनी प्रदेश विद्येयक नन्लेसेफे हिंसा पीडित महिलाके लाग सेवा कोषहे समेटल नइहो ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे सक्कुहुनके समेटके हालीसे हाली ऐन नाने परठ ।’ उहाँ संघीय सरकारसे हरेक वर्ष सात सय ५३ स्थानीय तहमे हिंसा पीडित महिलाके कोषके लाग एक लाख रकम पठैना करल बटैलै । उहाँ कहलै–‘संघीय सरकारसे रकम पठैलेसेफे अधिकांस स्थानीय तह कानुन निर्माण नइकरके उ रकम फ्रिज जैना करल बा ।

पत्रकार कर्ण शाह देश संघीय प्रणालीमे जाके परिवर्तित कानूनके बारेमे ढेर नागरिक अनविज्ञ रहल कहटी ऐन, कानून सम्बन्धी ढेरसे ढेर छलफल हुई पर्ना बटैलै । उहाँ कतिपय ऐन तथा कानून कार्यान्वयन कैना अधिकार संघमे निहित हुइलेसेफे प्रदेश ओ स्थानीय तहहे ओहोर कानून ढेर आवश्यक पर्ना करल कहटी तीनु सरकारके अधिकारके दायराके बारेमेफे सोचे पर्ना बटैलै ।

‘कोरोनाकालमे सरकारसे भारतीय सीमानाका बन्द करेबेर ढेर नागरिक सीमामे अलपत्र करलै, शाह कहलै,–‘संघसे सीमानाका बन्द करलपाछे नागरिकके व्यवस्थापन कैना कार्यमे प्रदेश ओ स्थानीय तहहे समस्या हुइल रहे, यिहीसे पाठ सिख्टी अधिकार कार्यान्वयनके क्षेत्रमेफे कुछ ध्यान डेना आवश्यक बा ।

अधिबक्ता रेणु प्रधान श्रेष्ठ सञ्चालन करल कार्यक्रममे महिला कानून ओ विकास मञ्च कैलालीके अधिकृत अधिवक्ता विनोद देवकोटा स्वागत मन्तव्य व्यक्त करले रहिट । कार्यक्रममे युएसए आइडी ओ युकेएड समन्वय करल रहे ।

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