६३ प्रतिशत महिलाहे घरभिटर हिंसा

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ९ अगहन । महिला तथा किशोरीहुक्रे घरभिटरे असुरक्षित रहल महिला तथा सामाजिक क्षेत्रमे काम करटी रहल संघसंस्थासे जनैले बा ।
३० औं अन्तर्राष्ट्रिय १६ दिने महिला हिंसा विरुद्ध अभियानके सन्दर्भसे ३० ठो संघसंस्थासे संयुक्त रुपमे विज्ञप्ति निकरटी महिला तथा किशोरीहुक्रे घरभिटरे असुरक्षित रहल जनैले बटै ।
आर्थिक वर्ष २०७७/७८ के तथ्यांकमे नेपाल प्रहरीमे १४ हजार २ सय ३२ ठो उजुरी आइल मन्से सबसे ढेर घरेलु हिंसा रहल जनाइल बा । यी तथ्याङकसे हिंसा सहन सहे नइपरल कना चेतना महिलामे कुछ बढल विल्गाइल महिला अधिकार अगुवाहुक्रे बटैले बटै । मने घरभिटर हुइल ढेर जैसिन हिंसाके घटना अभिनफे प्रहरीकहाँ पुगे नइसेकल हो ।
ओरेकसे यी बरस १ हजार ७ सय ७२ ठो घटना अभिलेख करके बहिङग अध्ययन करेबेर सबसे ढेर महिला घरेलु हिंसासे प्रभावित हुइल पाइल बा । प्राप्त तथ्याङकके आधारमे सबसे ढेर ६३ प्रतिशत (१,११६ जाने) महिलाउप्पर अपने घरभिटर हिंसा हुइल ओरेक नेपालके कार्यकारी निर्देशक लुभराज न्यौपाने बटैलै । हिंसा करुइया मन्से सबसे ढेर अपने गोसिया ओ घरपरिवारके सदस्य रहल उहाँ जनैलै ।
कुल घरेलु हिंसा मन्से ७७ प्रतिशत (८६० जाने) महिला गोसिया ओ २३ प्रतिशत (२५०) महिला घरपरिवारके सदस्यसे हिंसामे परल निर्देशक न्यौपाने बटैलै । ‘हिंसाके चरम अवस्थामे पुगलपाछे केल पीडित प्रहरीके थेन पुग्न करठै,’ निर्देशक लुभराज कहलै,–‘यी तथ्याङकसे महिला तथा किशोरी घरभिटरे असुरक्षित रहल पुष्टि बा ।’
घरेलु हिंसा सहन बाध्य महिलामन्से सबसे ढेर २६ से ३५ वर्ष उमेर समूहके ४२ प्रतिशत (४६४ जाने) ओ १७ से २५ वर्ष उमेर समूहके ३३ प्रतिशत (३७१ जाने) रहल उहाँ जनैले । उहाँ कहलै, ‘यी तथ्याङ्कसे सक्रियरुपमे प्रजनन उमेरमे रहल महिलाउप्पर ढेर हिंसा हुइल पाइल बा, महिलाके लाग सार्वजनिक स्थलफे सुरक्षित नइरहल ओ टमान मेरिक हिंसाके सामना करे परल तथ्य बा ।’
नेपालमे राष्ट्रिय महिला आयोगके अनुसारफे पहिल ओ दुसरा बन्दावन्दीके अवधिमे महिलाउप्पर हुइल हिंसामे ११ प्रतिशतसे बृद्धि हुइल डेखल विज्ञप्तीमे जनाइल बा । ‘अब्बेक लैंगिक हिंसाके अवस्थासे विकराल पुष्टि हुइठ,’ संयूक्त विज्ञप्तीमे कहल बा,–‘नेपालके कुल जनसंख्याके आधासे ढेर हिस्सा (५०.४५) ओगटल महिलाके सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, प्रशासनिक लगायतके सक्कु क्षेत्रमे पुरुषके तुलनामे पहुँच ओ उपस्थिति न्यून बा ।’
महिलाके समान नागरिकके हैसियतमे पहिचान स्थापित हुई सेक्के राजनैतिक सहभागितामे कुछ वृद्धि हुइलेसफे निर्णायक तहमे पुरुषके बाहुल्य रहल महिला अधिकारकर्मी गोमा आचार्य बटैठी । संविधानमे महिलाहे हरेक क्षेत्रमे ३० प्रतिशत सहभागिता करैना कहल मने उ कार्यान्वयन हुई नइसेकल उहाँ जनैली ।
नेपालमे १६ दिने अभियानके शुरुवात
लैंगिक हिंसा विरुद्धके १६ दिने अभियानहे विश्वभर मनाई लागल ३० वर्ष हुसेकल बा । नेपालमे भर १६ दिने अभियानके शुरुवात वि सं २०५४ सालसे हुइल पाइल बा ।
यी अवधिमे विविध महिला विरुद्ध हुइना हिंसाके सवालमे सचेतना ओ पैरवीमुलक कार्यक्रम संचालन करटी मनैटी आइल बा । मने नेपाल सरकारके मन्त्रीपरिषद्से भर २०७५ सालमे आके केल लैंगिक हिंसा विरुद्धके १६ दिने अभियानहे सामाजिक सचेतना सहित प्रत्येक वर्ष सक्कु स्थानीय पालिका, प्रदेश तथा संघमा संचालन कैना निर्णय करल रहे ।
नेपालके संविधानसे लैंगिक विभेदके अन्त्य करके आर्थिक समानता, समृद्धि ओ सामाजिक न्याय सुनिश्चित कैना समानुपातिक समावेशी ओ सहभागितामूलक सिद्धान्तके आधारमे समतामूलक समाजके निर्माण कैना संकल्प करले बा ।
नेपाल सरकारसे लैंगिक हिंसाके सम्बोधनके लाग नीतिगत व्यवस्थाके साथे टमान कार्यक्रम तय करले बा ।
वर्ष २०७६ हे नेपाल सरकारसे लैंगिक हिंसा विरुद्धके अभियान वर्षके रुपमे घोषणा करके मनाइल, गैल वर्ष २०७७ मे राष्ट्रिय लैंगिक समानता नीति पारित करके लागु हुइल जेकर आधारमे स्थानीयतहसे प्रदेश तहसम टमान नीति तय हुइल मने हिंसामे कौनो कमी आई नइसेकल हो ।
मुलुकके लैंगिक विकासके वस्तुस्थिति हेरेबेरफे नेपाल कम लैंगिक विकास हुइल देशके वर्गमे अर्थात् विश्वके १४५ औँ स्थानमे परल अवस्था बा । ओस्टेक नेपाल एशियाली मुलुकमन्से सबसे कम लैंगिक विकास हुइल देशके सूचीमे बा ।
