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द्वन्द्वपीडितके विषयमे सरकार जिम्मेवार नैहुइल गुनासो

पहुरा | १२ पुष २०७८, सोमबार
द्वन्द्वपीडितके विषयमे सरकार जिम्मेवार नैहुइल गुनासो

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १२ पुस ।
नेपालमे शान्ति पुनस्र्थापना हुइल १५ बर्ष विटलेसेफे द्वन्द्वपीडितके समस्या समाधान कैना सरकार गम्भीर नैहुइल पीडितके गुनासो बा ।

द्वन्द्वपीडितके पुनस्र्थापनाके लाग सत्य निरुपण तथा मेलमिलाप आयोग गठन हुकेफे पीडितके पक्षमे काम नइकरल पीडितहुकनके कहाई बा । ‘हम्रहिनहे पीडित हुई कनाफे लाज लागसेकल,’ द्वन्द्ध पीडित ईन्द्रप्रसाद लेखक कहलै, ‘सरकार मौन बैठल बा, आयोगके कर्मचारी तलब खाइक लाग केल बैठल डेखजाइठ ।’ इन्टरेशनल अलार्ट तथा महिला कानून र विकास मञ्च कैलालीके आयोजनामे सोम्मार धनगढीमे आयोजित पीडितहुकनके परिपुरणीय अधिकार ओ न्याय विषयक संवाद कार्यक्रममे उहाँ समस्या कैसिक समाधान हुई कना विषयमे सक्कु जे सोचे पर्ना बटैलै ।

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‘अब्बे समस्याहे किनारा लगाई परठ कना आवाज उठे लागल बा,’ अधिवक्ता समेत रहल उहाँ कहलै, ‘यी समस्या किनारा लगाई पर्ना सामान्य समस्या नइहो, सक्कु मिल्के समस्या समाधान कैना ओ लागे परल ।’ देशमे तीन तहके सरकार बन्दके द्वन्द्धपीडितहुकनहे सहज हुइना आशा करलमे कौनोफे सरकारसे पीडितहे नइहेरल उहाँक गुनासो बा ।

अधिवक्ता नेत्रबहादुर तामाङ द्वन्द्धपीडितके समस्या समाधानके लाग सरकार इच्छुक नइरहल बटैलै । समस्या लम्ब्यइटी घटनाहे बिरसैना सरकारके योजना रहल उहाँक आरोप बा । ‘जेकर कारण समस्या बल्झल उ अब्बे सरकार चलैटी रहल बटै,’ उहाँ कहलै, ‘ओइने समस्याहे समाधान करे चाहल नइहो, आयोगमे कार्यकर्ता भर्ति करके पल्ना ओ पीडितहे किनारा लगैना योजना विल्गाइठ ।’

द्वन्द्धपीडित नागरिकके क्षेत्रमे कार्यरत टिपिओ नेपालके कार्यक्रम अधिकृत कमला बुढाथोकी समाजमे रहल ढेर पीडित अपन समस्या नुकैना बाध्य हुइटी रहल बटैली । सरकार ओइनके खोजनीति नइकरके बलात्कार जैसिन जघन्य हिंसामे परल महिला अपन समस्या नुकाके बैठना बाध्य हुइटी रहल बटै,’ उहाँ कहली, ‘ढेर नागरिक रोग पालके बैठटी रहल बटै्, ओइनहे के हेर्ना ?’ ढेर महिला अपने उप्पर हुइल हिंसा नुकाके भोज करलपाछे ओइने घरसे निकारडेहल उहाँ बटैली । ‘बलात्कार हुइल पत्ता पैटीकी घर ओ समाजसे महिलाहे तिरस्कार करजाइठ ,’ उहाँ कहली, यी विषयमे सरकार गम्भीर बने परठ, पीडित नागरिकके तत्काल सरकारसे व्यवस्थापन करे परठ ।

जिल्ला समन्वय समितिके उपसभापति सुन्दरी चौधरी द्वन्दपीडितहुक्रे अभिनसम परिचयपत्र नइपाइल बटैली । उहाँ कहली, मै अपनही द्वन्दपीडित हुइटु मने अभिनसम परिचयपत्र नइपैले हुँ । सशस्त्र द्वन्दकालमे सेनाके पिटाई अपने जिन्गीभर नइचोखैना घाउ पाइल ओ बरोमास डबाई खाई पर्ना बाध्यता रहल बटैली ।

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धनगढी उप–महानगरपालिकाके जनप्रतिनिधी भर द्वन्द्धपीडितके लाग केन्द्रसे कौनो कार्यक्रम नइअइना करल बटैले बटै । ‘न टे वडामे कोई द्वन्द्धपीडित हुई सहयोग करे परल कहिके निवेदन डेठै,’ धनगढी–५ के वडा अध्यक्ष हिरासिंह पातली कहलै, ‘न टे केन्द्रसे द्वन्द्धपीडितके लाग कहिके अलग्गे शिर्षक आइठ, ओ कैसिक सहयोग कैना ?’ धनगढी उप–महानगरपालिकासे द्वन्द्धपीडितके लाग नीति निर्माण करके कुछ काम करल उहाँ बटैलै ।

धनगढी–८ के वडा अध्यक्ष नारायण बराल फे द्वन्द्धपीडितहुक्रे सहयोग मागे अब्बेसम वडामे नइआइल बटैलै । ‘वडामे ओइनके लाग कहिके अलगे कार्यक्रम नइहुइलेसेफे सहयोगके लाग सिफारिस मग्लेसे हम्रे तत्पर रहबी उहाँ कहलै, ‘मने अब्बेसम कोई सिफारिस समेत मागल नइहुइट, हमारठेन सहयोगके लाग अलगे बजेट नइआइठ ।’ द्वन्द्धपीडित नागरिकके सम्मानके लाग वडामे १० धुर जग्गा छुट्ट्याके स्मारिका बनैना तयारी करल उहाँ बटैली ।

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धनगढी–३ के कार्यवाहक अध्यक्ष राधा विक अभिनसम द्वन्द्धपीडित हुई कहिके वडामे कोई नइआइल बटैली । वडामे ढेर जाने द्वन्द्धपीडित बटै,’ उहाँ कहली, ‘ओइने सहयोग चाहल कहिके अभिनसम वडामे आइल नइहुइट, जेकर कारण जनप्रतिनिधीकेफे ओहोर ध्यान जाई नइसेकल हो ।’
वडा नम्बर २ सदस्य रत्ना विष्ट द्वन्दपीडितहुकनके लाग बजेट विनियोजन करे नइसेक्लेसे आवाजभर उठैटी आइल बटैली । उहाँ कहली द्वन्द्वपीडितके मन घाउ लागल ओरसे कबु परिपुर्ति करे नइसेक्जाई ।


द्वन्द्वपीडित साझा चौतारीके संयोजक गणेश मल्लके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे वडा नम्बर २ सदस्य रत्ना विष्ट, कार्यक्रम सञ्चालन अधिवक्ता रेणु प्रधान श्रेष्ठ करले रहिट । कार्यक्रममे एफडब्लु एलडीके सदस्य तथा अधिवक्ता अमिशा रायमाझी स्वागत मन्तव्य व्यक्त करले रहिट कलेसे अधिवक्ता दिपेश श्रेष्ठ कार्यक्रमके उद्देश्य बारे जानकारी करैले रहिट ।

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