थारु राष्ट्रिय दैनिक
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‘ सम्पादकीय ’

सुरक्षा हुइना ठाउँमे महिला असुरक्षित काहे ?

पहुरा | १५ पुष २०७८, बिहीबार
सुरक्षा हुइना ठाउँमे महिला असुरक्षित काहे ?

ओरेकके पछिल्का ५ महिना सावनसे अगहनसम ८४४ जाने महिला तथा बालिकाउप्पर हिंसा हुइल घटना अभिलेखीकरण करले बा । यी अवधिमे घटल महिला हिंसाके घटनाके विश्लेषण करेबेर सबसे ढेर ५६ प्रतिशत अर्थात् ४७५ ठो घटना घरभिटरके सदस्यके संलग्नता हुइल तथ्याँकमे डेखल बा । यी समयमे गोसिया तथा परिवारके और सदस्यसे महिलाहे टमान बहानामे कुटपिट करल, स्रोत–साधनसे वञ्चित करल, घरनिकाला करल, गालिगलौज करके भावनात्मक चोट पुगल, टमान डर त्रास डेखाके मानसिक यातना डेहल तथ्यांक संकलन हुइल बा ।

परिवार, समाज ओ राज्यमे स्थापति पितृसत्तात्मक सोँच ओ उहे अनुरूप विभेदकारी मूल्य मान्यताके कारण हुइना हिंसा महिलासे भोगे पर्ना नियती जस्टे बनल बा । यी तथ्यांकसे महिला घर परिवार जहाँ महिला ढेर सुरक्षा पाई पर्ना हो उ ठाँउमे ढेउर असुरक्षित हुइल डेखल बा । ओस्टेक करके अगहन महिनामे केल ओरेकसे अपन कार्यालयमे अभिलेखीकरण करल (११९) तथा टमान राष्ट्रिय पत्रपत्रिकासे प्राप्त (३०) घटनाके आधारमे १४९ ठो लैंगिक विभेदमे आधारित हिंसाके तथ्यांक फे अभिलेखीकरण करले बा ।

हिंसाके प्रकार ओस्टेक करके यी अवधिमे १५२ ठो (१८ प्रतिशत) बलात्कार, ७५ ठो (९ प्रतिशत) सामाजिक हिंसा, ५३ ठो (६ प्रतिशत) हत्याके घटना ओस्टेक करके ३७ ठो (४ प्रतिशत) यौन दुव्र्यवहार, १४ ठो (२ प्रतिशत) और मन्से ७ ठो अलपत्र अवस्थामे डगरमे फेला बा । ओस्टेक ७ ठो साइवर अपराधसँग सम्बन्धित घटना, ११ ठो (१ प्रतिशत) बलात्कारके प्रयास ओस्टेक ११ ठो (१ प्रतिशत) आत्महत्या, ८ ठो (०.९ प्रतिशत) मानव बेचविखन ओस्टेक ४ ठो (०.५ प्रतिशत) हत्याके प्रयास ओ ४ ठो (०.५ प्रतिशत) मानव बेचविखनके प्रयासके घटना रहल बा । घरेलु हिंसाके घटना मन्से २१६ ठो (४५ प्रतिशत) मे कोई कुहीहे खाइ लगाई नइडेके माया ममतासे वञ्चित करके घर निकाला करल, कुहीहे नागरिता नैबनाडेहल, केक्रो विवाह दर्ता नैबनाडेहल ओस्टेक करके कोई बच्चाके जन्मदर्ता नैबनाडेहल ओस्टेक कुहिहे शैक्षिक सुविधासे वञ्चित करल ओ कुहिहे स्वास्थ्य सुविधासे वञ्चित करल पाइल बा ।

घरेलु हिंसासे प्रभावित महिला मन्से ३५६ जाने (७५ प्रतिशत) गोसिया ओ ११९ जाने (२५ प्रतिशत) परिवारके और सदस्यसे महिला हिंसा प्रभावित हुइल यथार्थतासे महिला सबसे ढेर असुरक्षित घरभिटरसे बटै कना बाटके पुष्टि करठ ।

समाज परिवर्तनमे लागे पर्ना युवा हिंसाके लाग जिम्मेवार हुडेके समाज परिवर्तनसंगे देशके समग्र विकासमे बाधा पुगैना विल्गाइठ । टबमारे कारण घरेलु हिंसा तथा महिलाउप्पर हुइना सक्कु खाले हिंसा अन्त्यके लाग व्यक्तिगत सोँच ओ व्यवहारमे परिवर्तन करे पर्ना यकर लाग स्थानीय तहसे हरेक घर सुरक्षित बनैना अभियान सञ्चालन कैना साथे यकर प्रमुख कारणके खोजी ओ समाधानके उपाय सहित आघे बढ्न जरुरी बा ।

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