गौरीगंगाके ६५ हजार ६९२ जहन हात्तीपाइले औषधी खवैना

पहुरा समाचारदाता
मसुरिया, २६ फागुन । गौरीगंगा नगरपालिकाके गौरीगंगाके ६५ हजार ६९२ जहन हात्तीपाइले रोग विरुद्धके औषधी खवैना खवैना बा । यिहे फागुन २८ गतेसे सुरु हुइना अभियानमे गौरीगंगा नगरपालिकामे २९१ जाने स्वास्थ्यकर्मी ओ महिला स्वास्थ्य स्वयसेविका परिचालन करके ६५ हजार ६ सय ९२ जाने नागरिकहे औषधि खवैना जनस्वास्थ्य निरीक्षक ईश्वरी प्रसाद भुसाल जानकारी डेलै ।
गैल वर्ष दुई मेरिक औषधि खवाइलमे यी बार ‘डाइथाइल कार्बामाजिन’ (आडिए) रिजके औषधि ‘अल्वेन्डाजोल’ ओ आइभरमेक्टिन नामक तीन ठो औषधि खवैना हुइल हो । रगत ओ पेटमे रहल परिजीवि रिजहे मुवैना ओ छालामे रहना लुतो÷खुङजैना समस्या, औलोके लाग उ औषधि खवैना करजाइठ ।
चिकित्सकके अनुसार डिइसीसे रगतमे रहल परजीवि रिजहे ओ ‘अल्वेन्डाजोल’ से पेटमे रहल रिजहे मुवैना करठ । आइभरमेक्टिन औषधीफे रगतमे रहल रिज ओ प्रजिबिहे मुवैना काम कैना प्रभावकारी औषधि हो । यी औषधि रोग नियन्त्रणमे नन्ना प्रयोग करल थप औषधि हो, यिहीसे छालामे रहना लुतो÷खुङजैना समस्या ओ औलो लगायतके रोगमे समेत काम कैना चलन चल्तीमे यी औषधी रहल गौरीगंगाके जनस्वास्थ्य निरीक्षक भुसाल बटैलै ।
शुरुमे नेपालमे ६३ जिल्ला हात्तीपाइलेके जोखिममे रहलमे दुई मेरिक औषधि ५३ जिल्लामे हात्तीपाईसे संक्रमण रोके सेकल मने मनै विविध कारणसे खाके अथवा नइखाके १० ठो जिल्लामे राके नइसेकलपाछे फेल हुइल उ १० जिल्ला मन्से मोरङ, कपिलवस्तु, दाङ, बाँके ओ सुदुरपश्चिम प्रदेशमे कैलाली जिल्लामे यिहे फागुन २८ गतेसे साताव्यापी अभियान संचालन करके तीन मेरिक सुरक्षित औषधि खवाई लागल हो । गैल बर्षमे उमेर समूहके आधारमे औषधि खवाइलमे यी बार उचाइके आधारमे औषधि खवैना बा ।
नेपालमे हात्तीपाइले नियन्त्रणके लाग सरकारसे सन् २००३ से औषधि खवैटी रहल बा । हात्तीपाइले रोग संक्रमित पोथी मच्छरके कटाई सरठ । यी रोग लागलपाछे मनैनहे शारिरीकरुपमे अशक्त, असमर्थ ओ अपाङता बनैना करठ । यी रोग एक मेरिक मसिनो धागा आकारके रिज जैसिन परजीविसे मनैनके शरिरमे प्रवेश करलपाछे हुइना करठ । परजीवि प्रवेश करल कुछ वर्षपाछे केल यी रोगके लक्षण विल्गैना करठ ।
हात्तीपाइले रोग शुरूके अवस्थामे नरम वा थिच्लेसे थिच्ना खालके सुवैना करठ कलेसे पछिल्का अवस्थामे छाला ठुल्ह हुइटी नथिच्ना खालके हुइटी जैना, ठुल्ह खालके सुवैना, छालमे पत्र हुइटी जैना वा गाँठागुँठी पलाई लग्ना ओ सुवाइल अङमे मुसा पलैना ओ र घाउ हइटी जैना करठ ।
सरकारसे राष्ट्रिय हात्तीपाईले रोग निवारण कार्यक्रम सञ्चालन करके सन् २०२६ सम हात्तीपाइलेके रोगीहे एक प्रतिशतमे झर्ना लक्ष्य लेले बा । हात्तीपाइले रोग ढेर जैसिन पुरुषके अण्डकोष सुवैना ओ हात तथा गोर सुवैना करठ ।
विश्व स्वास्थ्य संगठनसंगे नेपालसेफे सन् २०३० सम आम औषधि सेवनमार्फत संसारभरसे यी रोगहे निवारण कैना लक्ष्यके साथ काम करटी रहल जनस्वास्थ्य निरीक्षक भुसाल बठैलै ।
औषधि सेवन करलपाछे सामान्य खालके मुरी बठैना, वाकवाकी लग्ना तथा पेट बठैना जैसिन समस्या आइलपाछे औषधिसे प्रभावकारी काम करे लागल कना बुझ्न किटजन्य शाखा प्रमुख डा साह जानकारी डेलै । उहाँ ओसिन लक्षण कुछ घण्टामे अपनही हेराके जैना नम्मा समयसम लक्षण विल्गैलेसे लग्गेक स्वास्थ्य संघसंस्थामे उपचार कैना अनुरोध करलै ।
दुई वर्ष उमेर नइपुगल बालबालिका, गर्भवती ओ सात दिनसम सुत्केरी तथा सिकिस्त विरामी हात्तीपाइले रोग विरुद्धक उ औषधि सेवन नइकरे परठ ।
