मुक्तहलिया पुनर्स्थापनामे कन्जुसाई काहे ?

हलिया मुक्तिके १३ बर्ष हुइलेसेफे पुनर्स्थापना कार्यसे पुर्णता नइपैना दुःखके बाट हो । मुक्त घोषणापाछे अभिन २० प्रतिशत मुक्तहलिया पुनर्स्थापना हुइना बाँकी रहल बटै । राष्ट्रिय मुक्तहलिया महासंघके केन्द्रीय कार्यालयसे सुदूरपश्चिम प्रदेशके ९ जिल्ला ओ कर्णाली प्रदेशके ३ जिल्ला करके १२ जिल्लामे अभिन २० प्रतिशत मुक्तहलिया पुनर्स्थापना हुइना बाँकी रहल बटै । २१ औं सताव्दीके गणतान्त्रिक व्यवस्थामेफे दलित समुदाय उप्पर जातिय विभेद तथा छुवाछुतके पीडा अभिन कायम रहल बा । अधिकांस हलिया परिवार सरकारी लगतमे नाम छुट हुइ गैल बा । हलिया महासंघके निरन्तर पैरवी ओ खवरदारीके बावजुतफे हलिया सम्बन्धी कानून संघ ओ प्रदेशमे पारित हुई नइसेकल हो ।
नेपाल सरकार २०७० सालसे सुदूरपश्चिम प्रदेशके सक्कु (९ जिल्ला) ओ कर्णाली प्रदेशके सुर्खेत, जाँजरकोट ओ हुम्ला जिल्लामे मुक्त हलिया समुदायके तथ्याङक संकलन करटी पुनर्स्थापनाके काम आघे बढाइल रहे । पुनर्स्थापना कार्यक्रमके प्रगति हेरेबेर हालसम सुदूरपश्चिम प्रदेशके ९ जिल्ला ओ कर्णाली प्रदेशके ३ जिल्ला करके १२ जिल्लामे घरमर्मत ९,२०५, घरनिर्माण १,१९६, घर निर्माण, जग्गा खरिद २,३४२, जग्गा खरिद ८०३ जाने करके जम्मा १३ हजार ५४६ घरधुरी मुक्तहलिया पुनर्स्थापना प्याकेज प्राप्त करल रहिट ।
सम्मानित सर्वोच्च अदालतसे २०६४ ओ २०७४ मे करल परमादेशके आदेश, २०६५ मे ९ सदस्यीय कार्यदलके १० बुँदे सिफारिस कार्यान्वयन नइहुइल हो । गैल आर्थिक बर्षमे घर निर्माण ओ मर्मतके लाग छनौट हुइल मुक्त हलियाहुक्रे अन्तिम किस्ता रकम नइपैटी रकम फ्रिज हुइल ओरसे घर निर्माण ओ मर्मत कार्य अधुरे रहल बा । कोभिड १९ के कारण मुक्त हलियाहुकनके जीवन झन कष्टकर बन्टी गैल अवस्था रहल बा । पुनर्स्थापना केल नाही हलिया समुदायके शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, सीप विकास, सामाजिक सशक्तिकरण ओ समावेसीकरण जैसिन सवाल सम्बोधन हुइ नइसेकल हो ।
बैतडी, डडेल्धुरा ओ डोटीके ८ ठो स्थानीय तह छुट मुक्तहलियाके लगत संकलनके शुरुवात करल रहे । उ स्थानीय तह ३ हजार ८५२ घरधुरीके लगत संकलन करले बा । ओस्टेक सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे गैल बर्ष कैलाली ओ कञ्चनपुरके १ हजार ५५५ घरधुरीके तथ्यांक संकलन करल बा । मने अभिन मुक्तहलिया छुटल बटै । समस्या समाधानके लाग अन्तिम प्रयाससहित पुनस्र्थापना कैना हो कलेसे छुट हलियाहुकन समावेश कैके पुनर्स्थापना कैना चाही । राष्ट्रिय मुक्तहलिया महासंघसे मुक्तहलिया, कमैया, कम्लहरी, हरवा, चरवा बस्तुस्थिति अध्ययन समिति गठन करके समितिसे सक्कु जिल्लामे अध्ययन करके मन्त्रालयहे विस्तृत अध्ययन प्रतिवेदन बुझाइठ मने कार्यान्वयन नइहुइठ । अन्तिममे प्रतिवेदन कागजके खोस्टामे परिणत हुइठ । उहे कारण मुक्तहलिया, मुक्तकमैया,मुक्तकमलरी, हरुवा चरुवाके पुनर्स्थापना हुई नइसेकल हो । जाटिक पुनस्र्थापना कैना हो कलेसे संघ, प्रदेश ओ स्थानीय तह एक चो गम्भीरसे सोचे परल ।
