महिला हिंसा उन्मुलनके लाग व्यवहार सुधारमे जोर
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १९ असार । सुदूरपश्चिम प्रदेशके सामाजिक विकास राज्यमन्त्री टेकबहादुर रैका महिला विरुद्ध हुइना सक्कु मेरिक भेदभाव उन्मुलनके लाग सामाजिक व्यवहारमे सुधार करे परनामे बटैले बटैं ।
राष्ट्रिय महिला आयोगके आयोजना तथा राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालय धनगढीके संयोजनमे अँट्वारके रोज धनगढीमे हुइल महिला विरुद्ध हुइना सब मेरिक भेदभाव उन्मुलन करनासम्बन्धी महासन्धि १९७९ (सिड) के कार्यान्वयनके सन्दर्भमे सरोकारवालाहुकनसँग प्रदेशस्तरीय अन्तरक्रिया कार्यक्रममे राज्यमन्त्री रैका महिला विरुद्ध हुइना भेदभाव उन्मुलनके लाग कानून बनाके किल नैहुइना बटैलैं ।
उहाँ कलैं, “महिला विरुद्ध हुइना भेदभाव उन्मुलनके लाग कानून बनाके किल नैहुइना हो, यी कानूनहे इमान्दारी पूर्वक कार्यान्वयन करे परल ।” उहाँ महिला विभेद कम करेके लाग महिला सशक्तीकरणके साथसाथे राष्ट्रिय महिला आयोगके शाखा प्रत्येक प्रदेशमे स्थापना करेपरना जरुरी रहल बटैं । ओस्टेके, उहाँ महिला विभेद उन्मुलनके लाग प्रदेश सरकार फेन आयोगसँग सहमती ओ सहकार्य करटि आघे बह्रना प्रतिवद्धता व्यक्त करले रहैं ।
कार्यक्रममे राष्ट्रिय महिला आयोगके सदस्य जया घिमिरे महिला हिंसा उन्मुलनके लाग सबजे अपन घरेसे सुरु करे परना बटैलैं । उहाँ महिला हिंसा उन्मुलनके लाग आयोग अपन ओरसे हरदम काम करहिट रहल बटैलैं । उहाँ राष्ट्रिय महिला आयोग महिला हिंसा उन्मुलनके लाग आयोग टमान कार्यक्रम नान्के कार्यान्वयनमे लागल फेन बटैलैं ।
ओस्टेके, कार्यक्रममे नेपाल सरकारके उपसचिव सीता निरौला महिला विरुद्ध हुइना सब मेरिक भेदभाव उन्मुलन करनासम्बन्धी महासन्धि (सिड) के प्रावधान, निष्कर्ष ओ सुझावबारे कार्यपत्र प्रस्तुत करे रहि । उहाँ लैंगिक भेदभाव उन्मुलन करेक लाग नीति तथा कानूनके अवलम्बन शैद्धान्तिक तथा नीतिगत व्यवस्था करेपरनामे जोड डेले रहि । उपसचिव निरौला कलि, “महिलाउप्पर हुइना हिंसा हटाइक लाग रुढीगत भूमिकामे आधारित लैंगिक दुराचारी व्यवहार तथा सोच परिवर्तन करेपरना बा ।”
उहाँ उ महासन्धिमे महिलाके शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य तथा पारिवारिक लाभ, ग्रामीण, कानूनी समानता, विवाह तथा पारिवारिकसम्बन्धी अधिकारके व्यवस्था रहल जानकारी करैले रहि । उहाँ कहुँफेन महिला हिंसाके घटना हुइलेसे राष्ट्रिय महिला आयोगके निःशुल्क हेल्पलाइन सेवा ११४५ नम्बरमे खबर कैके आपतकालीन सहायता लेहे सेक्ना जानकारी करैलि ।
राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके सुदूरपश्चिम कार्यालय प्रमुख मोहनदेव जोशी सिड १९७९ ओ महिला अधिकारसम्बन्धी राष्ट्रिय कानून ओ सुदूरपश्चिम प्रदेशमे महिला अधिकारके अवस्थाबारे जानकारी करैटि ग्रामीण महिलाके अधिकारहे सवल बनाइ परना बटैलैं । उहाँ कलैं, “सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ग्रामीण क्षेत्र ढेर रहल ओरसे यी क्षेत्रमे महिलाहे सवल बनाइ परना बा ।”
उहाँक अनुसार सुदूपश्चिम प्रदेश प्रहरीके आर्थिक वर्ष २०७८ सावनसे लेके २०७९ असार १५ समके तथ्यांकमे ४ सय ३० ठो महिला हिंसाके घटना दर्ता हुइल बा ।
ओस्टेके, कार्यक्रममे मुख्य न्यायाधिवक्ता कार्यालयके मुख्य न्यायाधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय महिला हिंसा विरुद्धके कानून कार्यान्वयन करना सामाजिक मूल्य, मान्यता अवरोध करल बटैलैं । उहाँ अइसिन सामाजिक अवरोधहे विस्थापित करनाके साथे कानून कार्यान्वयन करना दक्ष संयन्त्र हुइपरना बटैलैं । उहाँ हमार समाज परिवर्तनहे स्वीकार कैके महिला हिंसा विरुद्ध लागे परना बटैलैं ।
कार्यक्रममे जिल्ला समन्वय समिति कैलालीके उपप्रमुख खगराज भूषाल अन्धविश्वास ओ कुरीतिके कारण महिला हिंसा बह्रल बटैलैं । उहाँ अइसिन सचेतनामूलक कार्यक्रम सुदूर ग्रामीण क्षेत्रमे फेन करेपरना फेन बटैले रहैं । यकर लाग जिल्ला समन्वय समिति फेन सहकार्य कैके आगे बह्रना उहाँ जानकारी करैले रहैं ।
कार्यक्रममे कैलाली बार एशोसियशनके अध्यक्ष सिद्धराज ओझा, सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रहरी कार्यालयके किसन डंगौरा, फाया नेपालके धनपति ढुंगेल, अधिवक्ता रेणु प्रधान श्रेष्ठ, दलित महिला अधिकार मञ्चके अध्यक्ष सावित्रा घिमिरे, पुष्पविक्रम शाहीलगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहैं ।
राष्ट्रिय महिला आयोगके उपसचिव ओमकार शाह स्वागत करल कार्यक्रम आयोगके सदस्य जया घिमिरेके अध्यक्षतामे हुइल रहे । कार्यक्रमके सञ्चालन आयोगके अधिकृत वर्षा ढकाल करले रहैं ।


