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प्रदेश निजामति सेवा ऐनमे थारु कोटा कटौती

पहुरा | १५ भाद्र २०७९, बुधबार
प्रदेश निजामति सेवा ऐनमे थारु कोटा कटौती

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १५ भदौ ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके प्रदेश निजामति सेवा ऐन २०७८ पारित करेबेर प्रदेश निजामति सेवा ऐनमे थारु कोटा कटौती कैगिल ।

सरकारसे प्रदेश निजामति सेवामे ४९ प्रतिशत समावेशी प्रक्रियासे नियुक्त कैना प्रावधान राखल हुइलेसेफे विधायन समितिसे ४५ प्रतिशत केल समावेश कोटा धारके प्रतिवेदन डेहलपाछे उ प्रावधानफे संशोधन सहित पारित हुइल बा ।

सरकारसे ४९ प्रतिशतहे शतप्रतिशत मानके दलितहे २१, थारुहे २०, आर्थिक रुपसे विपन्न खस आर्यहे १७, आदिवासी जनजातिहे १५, पीछरल क्षेत्रहे ५, अपांगताहे ५, मधेशीहे ४ ओ मुस्लिमहे ३ प्रतिशत समावेशी कोटा निर्धारण कैना प्रस्ताव करल रहे । मने विधायन समितिसे महिलाहे ३३, दलितहे १४, थारु÷रानाथारुहे १३, आर्थिक रुपसे विपन्न खसआर्यहे ११, आदिवासी जनजातिहे १०, पीछरल क्षेत्रहे १०, अपांगताहे ३, मधेशीहे ३ ओ मुस्लिमहे २ प्रतिशत समावेशी कोटा निर्धारण करके प्रतिवेदन तयार करल रहे ।

थारु समुदायके अगुवाहुक्रे विधायन समितिसे थारु कोटा घटाइल कहटी विरोध करटी रहल बटै । थारु कल्याणकारिणी सभा कैलालीके कार्यवाहक सभापति माधव थारू प्रदेश सरकारसे ऐन पारित करेबेर थारु कोटा घटाइलमे अपनेहुकनके अपत्ती रहल जनैलै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके प्रदेश मामिला तथा विद्यायन समिति सभापति नेपालु चौधरी महिलाहुकनके अधिकार ३३ प्रतिशत सुनिश्चित करेबेर सक्कुहुनके अधिकार कटौती हुइल बटैलै ।

मुख्यमन्त्री त्रिलोचन भट्ट समावेशी कोटा समेत सन्तुलित हुइना करके ऐन पारित हुइल बटैलै । एक वर्ष पहिले प्रदेश सभामे दर्ता हुइल यी विधेयकउप्पर प्रदेश मामिला तथा विधायन समितिसे ९ जिल्लामे कर्मचारी ओ नागरिक समाजसंग दफावार छलफल करके संसोधन सहितके प्रतिवेदन पेश करल रहे । विधायन समितिसे पेश करल संशोधन सहितके प्रतिवेदन ऐनके अंग बन्ना करके विधेयक पारित करल मुख्यमन्त्री भट्ट बटैलै ।

टरेक तहके कर्मचारी लोकसेवा आयोगके प्रक्रियासे स्थायी कैना

सुदूरपश्चिम सरकारसे लोकसेवा आयोगके प्रक्रियासे तरेक तहमे कार्यरत अस्थायी ओ करार सेवाके कर्मचारीलाई स्थायी कैना जनैले बा ।

प्रदेश सभासे हलुका सवारी चालक, हेवी सवारी चालक ओ कार्यालय सहयोगी पदमे कार्यरत कर्मचारीहे लोकसेवा आयोगसे स्थायी पदपूर्ति कैना प्रक्रिया पुरा करके स्थायी कैना प्रावधान सहित प्रदेश निजामति सेवा ऐन २०७८ पारित करले बा । ‘यी ऐन प्रारम्भ हुइबेर स्वीकृत दरबन्दीमे करार वा अस्थायी रुपमे कार्यरत हलुका सवारी चालक, हेवी सवारी चालक ओ कार्यालय सहयोगी पदमे एक चो प्रदेश लोकसेवा आयोगसे स्थायी पदपूर्ति कैना प्रक्रिया पुरा करके स्थायी पदपूर्ति कैना,’ ऐनके दफा ५ के उपदफा २ मे कहल बा ।

ऐनके दफा ५ के उपदफा ३ मे उपदफा २ बमोजिम स्थायी पदपूर्ति हुके बाँकी रहल ओर कौनो मेरिक रिक्त हुई आइल हलुका सवारी चालक ओ कार्यालय सहयोगी पदमे करार सम्बन्धी प्रचलित कानुन बमोजिम पदपूर्ति कैना उल्लेख बा । उपदफा ४ मे उपदफा २ ओ ३ बमोजिम बाहेक उल्लेखित पदमे ज्यालादारी वा करारमे नियुक्ति करे नइपैना उल्लेख बा ।

प्रदेश सभासे यि प्रावधान पारित करल हुइलेसेफे खेस्रा प्रस्ताव लेके ऐनके विरोध करल मुख्यमन्त्री त्रिलोचन भट्ट बटैलै । उहाँ टरेक तहमे कार्यरत विपन्न वर्गके कमजोर कर्मचारीहे न्याय कैना ऐनमे यि प्रावधान धारल बटैलै । ‘प्रदेश निजामति सेवा ऐन ओ प्रदेश प्रहरी ऐन पारित नहोए कना चाहना धरुइया ऐनके विरोध करल हुइट,’ मुख्यमन्त्री भट्ट कहलै, ‘एमाले यी जस प्रदेश सरकारसे लेहल हेरे नइचाहटेहे । एमाले ओ कुछ संघीयता विरोधी ओ प्रदेश सरकार विरोधसे गलत हल्ला फैलैटी रहल बटै । ओइने कहलै जस्टेक करके सक्कु अस्थायी ओ करार कर्मचारीहे स्वतः स्थायी कैना व्यवस्था ऐनमे नइहो ।’

मुख्यमन्त्री भट्ट रिटायर हुके कमजोर तहके कर्मचारी खाली हात लौटे नपरे कहिके यी प्रावधान अपने प्रस्ताव करल बटैलै । उहाँ प्रदेशके टमान कार्यालयमे इमान्दारिताके साथ वर्षौंसे कार्यरत सवारी चालक ओ कार्यालय सहयोगी रहल बटैटी ओइनहे न्याय डेहुवइक लाग एक बारके लाग यी व्यवस्था करल बटैलै । उहाँ लोकसेवा आयोगसे आन्तरिक ओ बाह्य परीक्षामार्फत् उ कर्मचारीहे स्थायी कैना बटैलै । ‘लोक सेवा आयोगसे अपन प्रक्रिया पुरा करके केल स्थायी करठ,’ उहाँ कहलै, ‘परीक्षा पास करे सेक्ना स्थायी हुइठै । पास करे नइसेक्ना रिटायर हुइठै । ऐनसे लोक सेवा आयोगके क्षेत्राधिकार मिचल नइहो ।’

ऐनके प्रावधान एक ठो हुइलेसेफे प्रचार दुसरके करके प्रदेश सरकारके विरोध हुइटी रहल बटैटी मुख्यमन्त्री भट्ट प्रदेश सरकारके पदाधिकारीहुकनके कौनो स्वार्थ नइरहल बटैलै । ‘ऐनके प्रावधान एक बा, गलत प्रचार हुइटी रहल बा,’ मुख्यमन्त्री भट्ट पत्रकारहुकनकसंगके भेटमे कहलै, ‘कमजोर वर्गके अस्थायी ओ करारमे कार्यरत कर्मचारीफे स्थायी हुई पैना संवैधानिक हक बा । हम्रे नयाँ दरबन्दी सिर्जना कैनाफे कहल नइहो । स्वीकृत दरबन्दीमे लोकसेवा आयोगसे प्रक्रिया पुरा करके स्थायी कैना करके ऐन बनैले बटी । पारित करल ऐन से बाहेरके बाट नानके विरोध हुइटी रहल बा ।’

मुख्यमन्त्री भट्ट बिफे रोज बैठना प्रदेश सभाके बैठकसे प्रदेश प्रहरी ऐन समेत पारित कैना बटैलै । उहाँ निजामति सेवा ऐन ओ प्रदेश प्रहरी ऐन पारित हुके कार्यान्वयन हुइलपाछे प्रदेश सरकारहे नागरिकहे सेवा प्रवाहमे सहज हुइना बटैलै । उहाँ प्रदेश निजामति सेवा ओ प्रदेश प्रहरी गठन कैना प्रदेश सरकारके एकल अधिकार रहल ओरसे यी ऐन संघीय निजमति सेवा ऐनसंग दाजे नइमिल्ना बटैलै ।

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