थारु राष्ट्रिय दैनिक
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थारु समुदायके पहिचान उप्पर चुनौती

पहुरा | ४ कार्तिक २०७९, शुक्रबार
थारु समुदायके पहिचान उप्पर चुनौती

मधेशी आयोगके प्रतिवेदनप्रति थारु आयोगके आपति

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ४ कार्तिक ।
थारु समुदायके पहिचान उप्पर चुनौती खडा करटी मधेशी समुदायके थर सूचिकरण अध्ययनमे थारू समुदायहेफे मधेशीमे समावेश करल बा ।

मधेशी आयोगसे १ सय ४९ ठो जात ओ मुस्लिम–थारुहे मधेशीके रुपमे परिभाषित कैना वार्षिक प्रतिवेदनमार्फत् राष्ट्रपतिसमक्ष सिफारिस रहे ।

यिहे कुवाँर ३१ गते राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारीसमक्ष पेश करल आयोगके चौठा वार्षिक प्रतिवेदनमे १ सय ४९ ठो जात ओ २ हजार २ सयसे ढेर थरहुकनहे मधेशीके रुपमे पारिभाषित कैना सिफारिस करल हो ।

थारु समुदायके पहिचान उप्पर चुनौती खडा कैना करके नानल उ सिफारिश प्रति थारु आयोगके पूर्ण असहमति रहल जनैले बा ।

मधेशी आयोगके चौठा वार्षिक प्रतिवेदन सम्माननीय राष्ट्रपति समक्ष प्रस्तुत करल ओ उ प्रतिवेदनमे मधेशी समुदायके थर सूचिकरण अध्ययनमे थारू समुदायहेफे मधेशीमे समावेश करलप्रति थारू आयोगके गम्भीर ध्यानाकर्षण हुइल विज्ञप्तीमार्फत जनैले बा ।

थारु समुदाय नेपालके तराईमे आदिमकालसे बसोबास करटी अइटी रहल आदिवासी जनजाति समुदाय हो आयोगके अध्यक्ष विष्णुप्रसाद चौधरीसे हस्ताक्षरित विज्ञप्तीमे कहल बा ।

विगतमे राज्य तथा गैरराज्य पक्षसे थारुहे मधेशी समूहभिटर समाहित करे खोज्ना टमान प्रयास हुइलपाछे कैलालीसे भारी आन्दोलन हुइल रहे ।

थारु समुदायहे मधेशीकरणके विरोधमे थरुहट÷थारुवान आन्दोलनसे यिहीहे अस्वीकार करटी रहल बाटफे थारु आयोगके विज्ञप्तीमे कहल बा । नेपालके संविधानसे स्वीकार करसेकल ओ तदनुरूप कानूनफे निर्माण हुइटी कार्यान्वयनके क्रम आघे बढटी रहल अवस्था बा ।

सक्कु पक्षसे यि विषयहे गम्भिरतापूर्वक लेके आ–अपन जिम्मेवारी पूरा करेक लाग थारु आयोग सक्कुहुनके ध्यानाकर्षण हुइल जनैले बा ।

मधेशी आयोगसे अपन प्रतिवेदनमार्फत चुरे संरक्षण करके पानीके स्रोत जोगाई पर्ना, स्थानीय पाठ्यक्रममे स्थानीय भाषाके प्रयोग हुई पर्ना, हुलाकी राजमार्गके पूर्णता, मधेश प्रदेशके आठ जिल्लाहे सुक्खा क्षेत्र घोषणा करके किसानहे राहत डेहे पर्ना लगायत सिफारिसफे करल रहे ।

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