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बालबालिका सम्बन्धी प्रादेशिक नीतिबारे छलफल

पहुरा | ४ फाल्गुन २०७९, बिहीबार
बालबालिका सम्बन्धी प्रादेशिक नीतिबारे छलफल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी,४ फागुन ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे बन्ना बालबालिका सम्बन्धी प्रादेशिक नीतिबारे छलफल हुइल बा ।

सामाजिक विकास मन्त्रालय सुदूरपश्चिम प्रदेशके आयोजना तथा महिला कानून र विकास मञ्च, यूनिसेफके सहकार्यमे विफेक रोज धनगढीमे टमान सरोकारवाला निकायसे बालबालिका सम्बन्धी प्रादेशिक नीतिबारे छलफल हो । सामाजिक विकास मन्त्रालय सुदूरपश्चिम प्रदेशके निमित्त सचिव गणेशबहादुर सिंहके अध्यक्षतामे हुइल छलफm कार्यक्रममे मन्त्रालयके बालबालिका महाशाखाके अधिकृत जयन्ती गिरी प्रदेश सरकारसे नन्ना बालबालिका सम्बन्धी प्रादेशिक नीतिके ड्राफट प्रस्तुत करल रहिट ।

सक्कु वर्ग ओ समुदायके बालबालिकाहे सक्कु मेरिक बालअधिकारके निर्वाध रुपमे उपभोग कैना अधिकार सम्पन्न बनाइक लाग नीति नन्ना उहाँ बटैली ।

बालबालिका सम्बन्धी प्रादेशिक नीतिमे विभेदपूर्ण लिङ पहिचान करके लैङिक आधारमे गर्भपतन कैना ओ करैना कार्यहे कानुनी कारवाहीके लाग पहल कैना, प्रदेशभिटर जन्मल वा बेवारिसे अवस्थामे फेला परल सक्कु बालबालिकाके जन्मदर्ता, सुरक्षा ओ संरक्षणके व्यवस्थाके लाग स्थानीय तहसंग समन्वय ओ पहल कैना कहल बा ।

बालबालिकाहुकनके स्वास्थ्य अवस्थामे सुधार नानेक लाग सम्बन्धित निकायसंग समन्वय ओ पहल कैना, डाई ओ नवशिशु दुनुके स्वास्थ्य सुरक्षाके सुरक्षित मातृत्व सेवा सुनिश्चित कैना, प्रदेशभिटरके प्रत्येक बालबालिकाहे खोप सेवा अनिवार्य रुपमे उपलव्ध कैना कहल बा ।

स्थानीय ओ जिल्लास्तरमे उपचार हुई नइसेक्ना घातक संक्रामक रोग ओ दिर्घरोग लागके उपचार अभावमे रहल बालबालिकाहुकनके निशुल्क उपचारके व्यवस्था मिलैना, प्रत्येक बालबालिकाके शिक्षाके अधिकारहे सुनिश्चितता कैना व्यवस्था मिलैना नीति बा ।

घरपरिवार ओ समुदायमे हुइना लैङिक विभेद् तथा जातीय छुवाछुत ओ अपहेलनाहे न्यून करेक लाग तयार करल नीति ओ कानूनहे प्रभावकारी रुपमे कार्यान्वयन करजैना, बालबालिकाउप्पर हुइना टमान मेरिक हिंसा (जस्टेः शारिरीक, मानसिक, यौन) ओ दुव्र्यवहारके अन्त्य कैना नीति रहल उहाँ बटैली ।

बालबालिकाबिरुद्ध हुइना सक्कु प्रकारके शारीरिक ओ मानसिक दुव्र्यवहार, जोखिम न्यून कैना आवश्यक व्यवस्था कैना, महिनावारी हुइल बेला किशोरीहुकनउप्पर हुइना भेदभाव अन्त्य कैना वातावरण वनाके छाउपडि मुक्त प्रदेश घोषणा कैना, बालविवाह अन्त्यके लाग व्यापक अभियान सञ्चालन कैना, बालविवाह बिरुद्धके कानूनके प्रभावकारी कार्यान्वयनके लाग सम्बन्धित निकायसंग समन्वय कैना नीतिमे कहल बा । बालविवाहके अन्त्य करेक लाग उचित कार्यक्रमके व्यवस्था मिलैना, बालबिवाहहे प्रभावित तथा बालविवाहके जोखिममे रहल बालबालिकाके संरक्षणके व्यवस्था कैना नीतिमे बा ।

बालश्रम, बेचबिखन, लागु पदार्थ दुव्र्यसनी लगायत बालबालिकाहे हानी पुगैना सक्कु कार्यके बिरुद्धमे व्यवस्था रहल नीति तथा कानूनके प्रभावकारी कार्यान्वयनके लाग पहल कैना, बालश्रम तथा बेचबिखनमे परल बालबालिकाके उचित संरक्षण तथा व्यवस्था कैना कहल बा । लागू औषध तथा अन्य दुव्र्यसनीमे लागल बालबालिकाके आवश्यक सेवा तथा पुनस्र्थापनाके व्यवस्था मिलैना, कौनोफे प्रयोजनके लाग बालबालिकाके वेचविखन ओ ओसारपसार कैना कार्यहे रोकथाम कैना नीति बनैना कहल बा ।
कौनोफे कारणसे विस्थापित बालबालिकाके लाग आधारभूत सेवा सुविधामे पहुँचके सुनिश्चितताके व्यवस्था कैना, सक्कु तहमे बालमैत्री सुशानके सुनिश्चितता कैना, प्रदेश ओ स्थानीय तहसे तयार कैना नीति, कार्यक्रम ओ संरचनामे बाल सहभागिता प्रवद्र्धन कैना गिरी बटैली ।

बालबालिकाके संगठनात्मक व्यवस्थाहे सुदृढ कैना, बालबालिकाके क्षेत्रमे क्रियाशील सरकारी निकाय तथा गैरसरकारी सस्थासंग आवश्यक समन्वय ओ सहकार्यके सुनिश्चिता कैना, बालबालिकाके लाग सार्वजनिक निकाय ओ शैक्षिक संस्थामे बालमैत्री वातावारणके सुनिश्चितता कैना, प्रदेशभिटरके भौतिक संरचनाहे बालमैत्री वनैना नीतिगत व्यवस्थाके सुनिश्चिता कैना, बालबालिकाके अवस्था अनुगमन÷मुल्याङकनके लाग प्रभावकारी संयन्त्र निर्माण कैना नीतिमे बा ।

कार्यक्रममे महिला कानून र विकास मञ्चके अधिवक्ता सविन श्रेष्ठ, अधिवक्ता दिपेश श्रेष्ठ, अधिवक्ता रेणु प्रधान श्रेष्ठ सहजीकरण करल रहिट । कार्यक्रममे आन्तरिक मामिला तथा कानून मन्त्रालयके सहसचिव विश्वदिप बेस्रा, मन्त्रालयके सहसचिव कृष्ण प्रसाद नेपाल, यूनिसेफके बाल संरक्षण अधिकृत कंगा सण्डुप लामा, यूएनएफपिएके कार्यक्रम संयोजक कृष्ण चौधरी, राष्ट्रिय अपाङता महासंघके प्रदेश अध्यक्ष मानबहादुर साउदलगायतसे सल्लाह सुझाव डेहल रहिट । कार्यक्रमके संचालन सामाजिक विकास मन्त्रालयके अधिकृत विन्दु चटौत करले रहिट ।

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