प्रदेश ओ स्थानीय सरकार बीच समन्वय आवश्यक
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २९ चैत । प्रदेश सरकार ओ स्थानीय सरकार बीच प्रभावकारी समन्वय ओ सहकार्य नैहुइलपाछे काम कैना ढेर चुनौती आइल एक कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे बटैले बाटै ।
नेपाल कानून समाजसे आयोजित प्रदेश सकार ओ स्थानीय सरकारके प्रभावकारी समन्वय ओ सहकार्यके वर्तमान अवस्था ओ झावि रणनीति विषयक अन्तरक्रिया कार्यत्रमके सहझागीहुक्रे ओइसीन बटाइल हुइट ।
कार्यत्रममे सहभागी जानकारी गाउँपालिकाके अध्यक्ष गणेश चौधरी संघ, प्रदेश ओ स्थानीय सरकार बिच अक्को समन्वय ओ सहकार्य नैरहल बटाइल रहिट । अध्यक्ष चौधरी नीति निर्माणसे लेके बजेट विनियोजमे संघीय, प्रदेश ओ स्थानीय सरकार बिच कौनो समन्वय ओ सहकार्य नैरहल बटैलै । कौनो फेन कार्ययोजना, नीति निर्माण, बजेट विनियोजन लगायत सक्कु कार्य संघ ओ प्रदेश सरकार एक्लौटी रुपमे बनाइल ओरसे उहीहे स्थानीय सरकारसे कार्यान्वयनमे चुनौती आइल उहाँ बटैलै ।
‘संघ ओ प्रदेश सरकार स्थानीय तहमे नीति तथा कार्यक्रम बनाके फठाइठ् मने ओकर लाग आवश्यक वजेट विनियोजन नैकैले रहठ’्, अध्यक्ष चौधरी कहलै–‘नीती तथा कार्यक्रमके लागग आवश्यक बजेट नैहोके स्थानीय सरकारसे कार्यान्वयमे ढेर चुनौती अइना करठ् ।’
‘नीति तथा कार्यत्रम एकजानै बनैना, कार्यान्वयन औरे जनहनहे कराइ लगैना, अइसीन फेन हुइठ्’, अध्यक्ष चौधरी प्रश्न करलै ।
प्रदेश सभा सदस्य बीर बहादुर थापा प्रदेश सकार ओ स्थानीय सरकार बिच सम्बन्ध मजा नैरहल बटैलै । उहाँ कहलै–‘स्थानीय सरकार ओ प्रदेश सरकारके सम्बन्ध मजा नैहो, प्रदेश सरकारके कामकारवाही प्रति स्थानीय सरकार अक्को नै सन्तुष्ट होवइ, उहीसे प्रदेश सरकारसे स्थानीय स्तरमे डारल योजना कार्यान्वयमे फेन समस्या आइल बा ।’
उहाँ आघे कहलै–‘प्रदेश सरकार ओ स्थानीय सरकारबीच जबसम सम्बन्ध सुधार नैहुइ, तबसम चाहे जैसिन कानून बनैलेसे फेन उहीहे कार्यान्वयनके कौनो अर्थ नैहो ।’
जिल्ला समन्वय समिति कैलालीके उप–प्रमुख खगराज भूसाल प्रदेश सरकारके टमान कानून बनैलेसे फेन कार्यान्वय फितलो रहल बटैलै । ‘प्रदेश सरकारसे सम्भवत सक्कु मेरके कानून बनासेकल बा’, उपप्रमुख भूसाल कहलै–‘मने उहीहे कार्यान्वयनमे अक्को ध्यान नै डेहल हो ।’
दलित महिला अधिकार मञ्चके अध्यक्ष सावित्रा घिमिरे प्रदेश सरकारसे बनाइल कानूनहे कार्यान्वयमे आइल चुनौतीहे पहिचान कैना आवश्यक रहल बटाइल रही । उहाँ प्रदेश सरकार ओ स्थानीय तहसे लानजैना नीति तथा कार्यक्रम बीच तालमेल नैमिलल् कारण कार्यान्वयनमे चुनौती थपल बटैली । ओस्टके उहाँ प्रदेश सरकार ओ स्थानीय सरकारसे मानवीय विकाससे फेन भौतिक विकासमे किल जोड डेहल बटाइल रही ।

थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य प्रभात कुमार चौधरी कृषि ऐनहे कार्यान्वयनमे जोड डेहल रहिट । ‘कृषि ऐन कार्यान्वयन नैहोके यहाँके कृषक ढेर मारमे परल बाटै, उहाँ कहलै–‘कृषकहुक्रनहे अनुदान सहयोग, कृषि कार्यमे सहजताके लाग कृषि ऐन कार्यान्वयन हुइना जरुरी रहल बा ।’
जसपा कैलाली जिल्ला अध्यक्ष गया प्रसाद कुश्मी प्रदेशमे रहल सक्कु समुदायहे समेट्ना मेरके समावेशी कानून निर्माणमे प्रदेश सरकारहे ध्यानाकार्षण कराइल रहिट ।
कार्यक्रमके बर्का पहुना सुदूरपश्चिमके मुख्यमन्त्री कमल बहादुर शाह प्रदेश सकार ओ स्थानीय सरकार बीच समन्वय ओ सहकार्य आवश्यक रहल बटाइल रहिट । उहाँ कौनो फेन नीति तथा कार्यक्रम अथवा ऐन कानून निर्माण करेबर स्थानीय सरकारके समस्या सम्बोधन हुइना मेरके बनैना आवश्यक रहल बटैलै ।
‘प्रदेश ओ स्थानीय सरकार बीच राजस्व बाँडफाँट, सीमा विवाद लगायत ढेर समस्या रहल बा, ओकर लाग प्रदेश ओ स्थानीय सरकार बीच समन्वयात्मक भूमिका आवश्यक रहल बा, मुख्यमन्त्री शाह कहलै–‘अगामी दिनमे प्रदेश सकारसे बनाजैना कानून ओ कार्यान्वयके लाग स्थानीय सरकारसे आवश्यक राय सुझाव लेके आघे बह्रब ।’
कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्यन्यायधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय ओ ओस्टके मुख्यमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषदके कार्यालय सुदूरपश्चिम पदेश कानून सचिव गंगा बहादुर खरेल सुदूरपश्चिम प्रदेश तथा स्थानीय तह समन्वय तथा विवाद समाधान ऐन २०७९ कार्यान्वयनके अवस्था ओ भावी रणनीति बारे कार्यपत्र प्रस्तुत करल रहिट ।
कार्यक्रम विधायन व्यवस्थापन समिति राष्ट्रि सभाके पूर्व अध्यक्ष पर्शुराम मेघी गुरुङके अध्यक्षतामे हुइल रहे । नेपाल कानून समाजके सदस्य दिना श्रेष्ठ कार्यक्रमके उद्देश्य बारे मनतब्य राखल रही ।
कार्यक्रमके सञ्चालन नागरिक संवाद केन्द्र धनगढीके प्रशासन तथा कार्यक्रम अधिकृत रेणु प्रधान श्रेष्ठ करल रही । कार्यक्रममे टमान राजनीतिक दलके प्रतिनीधी, प्रदेश सभा सदस्य, नगरपालिका गाउँपालिकाके प्रमुख तथा उपप्रमुख, संघसंस्थाके प्रतिनीधी, सञ्चारकर्मीहुक्रनके सहभागिता रहल रहे ।


