संंग्राहलय निर्माणहे निरन्तरता डेउ

रानाथारु समुदायके परम्परागत कला, सीप, पहिरन, सामग्री प्राचीन औजार, हातहतियार, बाजागाजा, दुर्लभ चित्र, मुर्ती लगायतके विविध पौराणिक चिज हैरैटी गैल बा । रानाथारु समुदाय सुदूरपश्चिमके कैलाली, कञ्चनपुरमे बसोबास कैना प्रमुख आदिवासी जनजाति भूमीपुत्र हुइट यी समुदायके मौलिक कला, संस्कृती, भाषा, साहित्य, भेषभुषा, रहनसहनसहितके अलगे पहिचान बा ।
रानाथारुके लोप हुइटी आइल कला, भेषभूषा, संस्कृति, भाषा, इतिहास, साहित्यके संरक्षण ओ विकास करेक लाग सांस्कृतिक संग्रहालयके निर्माणके माग ओ पहल करटी आघे बह्रगैल रहे । उ अनुसार कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर–१३ राजपुर रानाथारु समुदायसे रानाथारु संंग्राहलयके निर्माण कार्यहे आघे बह्रागिल रहे जौन स्थितमे निर्माणधिन अवस्थामे रहल बा । राजपुरमे रहल संग्राहलयहे प्रदर्शनी स्थलसंगे रानाथारु समुदायके समग्र विषयवस्तुके खोज, अन्वेषण, अध्ययन अनुसन्धान केन्द्रमे रुपमे स्थापना करे सेक्जाई । रानाथारु संग्रहालय स्थापना हुइलेसे रानाथारुके कला संस्कृतीके संरक्षण, सम्बद्र्र्धन, विकास हुइना, रानाथारु भाषा, कला, साहित्य, संस्कृति, इतिहास, पौराणिक बस्तुके अध्ययन, अनुसन्धान, शोध, प्रोत्साहन, प्रशिक्षण, प्रकाशन, संकलन, अवलोकन, प्रदर्शनी स्थल बने सेकी । संग्रहालय निर्माण हुइलसे गोष्ठी, सम्मेलनके आयोजना मार्फत युवा पिढीहे देशके सांस्कृतिक विरासतके सम्बृद्धिमे सम्मिलित करेसेक्ना सांस्कृतिक सम्पदाके विषयमे टमान संस्था, विश्वविद्यालय, प्रतिष्ठान, आयोग, सङग्रहालय (राष्ट्रिय, अन्तर्राष्ट्रिय) अभिलेखालयसंग परस्पर सम्बन्धके ज्ञान, सहयोगके आदान प्रदान करे सेक्जाई । रानाथारुके शैक्षिक, विशेषज्ञताके दिशा निर्देशमे नेतृत्वदायी भुमिका, पौराणिक खेलहे जिवन्त रख्ना कृयाकलापके आयोजना, संग्रहालयहे पर्यटनसहित आर्थिक उपार्जनसंग जोरे सेक्ना, रानाथारुके जैविक बिबिधताके ज्ञानके अध्ययन, संरक्षण ओ विकास, स्थानीय परम्परागत सीप, प्रविधीके अध्ययन, संरक्षण विकास, रानाथारुके इतिहास सहित भुगोल ओ जनसंख्याके अध्ययन करे सेक्जाई ।
रानाथारु संग्रहालयसे रानाथारुके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, कलात्मक पुरातात्विक अवशेषके महत्वहे जिवन्त रख्न, इतिहास, भाषा, कला, संस्कृतिके उत्कृष्टता ओ उपलब्धीके महत्वके ज्ञानके प्रचार प्रसार हुई सेक्ना कहल बा । यिहीसे राष्ट्रिय पहिचानमे भुमिका खेल्न, रानाथारुके मानवीय ओ पर्यावरणीय विरासतके संरक्षणके लाग संग्राह, शोध, प्रचार प्रसार, प्रदर्शनी जेकर प्रयोग शिक्षा, अध्ययन ओ मनोरंजन, दुर्लभ इतिहासके जानकारी, ज्ञान प्राप्त करके भावी जीवनशैलीके पथ प्रदर्शकके रुपमे भुमिका खेल्नसहित यी संग्रहालयसे रानाथारुके विस्तृत ओ दिगो विकासके योजनके साथ आघे बह्रना विश्वास लेहल बा । नेपाल रानाथारु समाजके अगुवाईमे सुदुरपश्चिमके कैलाली ओ कञ्चनपुरमे बसोबास करुइया रानाथारु समुदायसे रानाथारु संंग्राहलयके निर्माण कार्यहे पूर्णता डेना माग करटी सोम्मारके रोज धनगढी उपमहानगरपालिकाके नगर प्रमुख गोपाल हमालहे ज्ञापनपत्रफे बुझैले बटै । धनगढी उपमहानगरपालिका अभिभावक, लग्गेक स्थानीय सरकार हो । यहाँके जातजातिके भाषा, कला, संस्कृति, पम्पपरा यी पालिकाके गहनाफे हो । रानाथारुके पहिचान मेटटी जैना खतरा बा । रानाथारु समुदाय सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक विकासके अवस्था एकदम कमजोर बा । समाजके कुरुती हटैटी शैक्षिक, सामाजिक सुधारके अभियान संचालन करटी रानाथारु भाषा, संस्कृति, कला, साहित्यके संरक्षण, प्रवद्र्र्धन ओ विकासमे रानाथारु समाजके हकअधिकार, माग मुद्धा स्थापित कैना हो कलेसे स्थानीय, प्रदेश सरकारके ध्यान जैना जरुरी बा ।
