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‘ द्वन्द्वपीडितके पीडा ’

हमार मनै नइहुइट, सरकार बाट नइसुनठ

पहुरा | ३० असार २०८०, शनिबार
हमार मनै नइहुइट, सरकार बाट नइसुनठ

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३० असार ।
द्वन्द्वपीडित महिलाहुक्रे अपनेहुकनके पीडा राज्यपक्षसे सुनुवाई नइकरलपाछे घर परिवार चलैनासे लेके लर्कापर्का पह्रैना कर्रा हुइल बटैले बटै ।

द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय संजाल सुदूरपश्चिम प्रदेशके आयोजनामे हुइल ‘महिला शान्ति र सुरक्षा सम्बन्धी संयूक्त राष्टसंघके प्रस्ताव नम्बर १३२५ ओे १८२० के दुसरा राष्ट्रिय कार्ययोजनाके प्रभावकारी कार्यान्वयनमे सरकारके भूमिका ओ हमार दायित्व’ विषयक दुई दिने अन्तरक्रिया छलफल कार्यक्रममे उहाँहुक्रे उ बाट बत्वाइल हुइट ।

द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय संजालके जिल्ला अध्यक्ष समेत रहल द्वन्द्वपीडित कृति चौधरी द्वन्द्वकालमे अपन गोसिया गुमैली । सरकारसे पाइल क्षतिपूर्तिसे घर खर्च चलैना, लर्कन पह्रैना ओ सास ससुरहे पालेफे नइपुगल बटैली । द्वन्द्वपीडितके लर्कन छोटमे निःशुल्क शिक्षा डेना कहलेसेफे उमेरके हद लागल कारण १८ बरससे उप्पर उच्चशिक्षाके लाग पैसाके अभाव हुइल बटैली । छोटेहेमे लर्कन पह्राई सेक्जाइठ, उहाँ कहली, कक्षा बह्रटी जाईबेर खर्चफे बह्रठ । १८ बरस पुगसेकलपाछे छात्रबृति नइपैना उमेर हदबन्दी लगाईल कारण उच्च शिक्षा डेना मुस्किल हुइल बा । मोर छावा होटल मेनेजमेन्ट पह्रल कहटा महीफे हम्मे हम्मे बा । अब्बे ११ कक्षामे गैल बा । भर्ना कैना पैसा कहाँसे नन्ना कर्रा हुइल बा ।

कृति कहठी, द्वन्द्वपीडितके बाट सुनुइया कोईफे नइहो, सरकार हमार बाट नइसुनठ । हमार मनै रहलेसे बाट सुनैटी । द्वन्द्वपीडितहहे गाँस बास ओ कपासके समस्या हुइल बा ।

कृति गौरीगंगा निवासी हुइट । उहाँ कहली, गौरीगंगा नगरपालिकामे मृतक परिवार कम रहलेसेफे महिलाहुक्रे ढेर पीडित बटै । नगरपालिकाहे बाट धारे बजेट नमग्बी कहिके जवाफ आइल उहाँ बटैली । द्वन्द्वकालमे यौनहिंसामे परल डिडीबाबुनके लाग औेषधी उपचारके खाँचो बा । मनोवल बह्रैना खाँचो बा । उहाँहुकनसे जन्मल बच्चनहे लालनपालन पोषण, शिक्षाके खाँचो बा । घटना घटल ढेर बरस हुगैल पीडित न्याय पैलक रेकर्ड नइहो । मृतक परिवार कहिके १० लाख रुप्या केल डेहल बा । द्वन्द्वकालमे कुटपिटसे घाहिल हुइल महिलाके आर्थिक, शारिरीक अवस्था कम्जोर बा । काम करु, मजदुरी करु कलेसे करे नइसेक्ना अवस्था बा । गोसियाफे छोरडेहल अवस्था बा । समाजफे घृणके नजरसे हेरटा ओेकर व्यवस्थापन कैसिक कैना पीडितके पीडा स्थानीय तहसे सम्बोधन कैना उहाँ आग्रह करली ।

ओस्टेक करके अछाम जिल्लाके द्वन्द्वपीडित निर्मला साउद अपने घाहिल अपांगता महिला रहल बटैली । बहुट जैसिन द्धन्दपीडित महिलाके अब्बे कोईफे जेकर अप्ध्यारो बा । ओइनहे राज्ये टमान अंगमे समावेश कैना जरुरी बा । लोक सेवामे अलग कोटाके व्यवस्था करेपर्ना, आय आर्जनके विषयमे आत्म निर्भर कैसिक बनाई सेक्जाई, द्वन्द्व प्रभावितके कारण टमान जानेक सम्बन्धफे विच्छेद हुइल बा । द्वन्द्वपीडित महिलाहे समावेश कैके लैजैना जरुरी बा ।

टीकापुर नगरपालिका टीकापुरके रजनी चौधरी अपने यातना पीडित रहल बटैली । उहाँ कहली यातना पीडित न क्षति, ना कहु सेवा सुविधा, न टे खुलके आइसेक्ना अवस्था हो । यी विषयमे प्रदेश सरकार स्थानीय सरकार हेरे पर्ना जरुरी बा । यातना पीडित निर्मला खडका अपने ढेर ठाउँ आवाज उठाइल मने सुनुवाई नइहुइल बटैली । द्वन्द्वकालमे पाइल मानसिक यातना अभिनफे मनमे घोसठ अविस्मरणीय हुइल बा । हमार न पहिचान हो न सेवा सुविधा राज्य पक्षसे ध्यान डेना जरुरी बा ।

लम्की चुहा नगरपालिकाके यातना पीडित आशा चौधरी सरकारसे क्षतिपूर्र्ति किस्ता किस्तामे डेहल कारण खासै सदुपयोग नइहुइल बटैलै । परिचयपत्र डेना बाट सुनल मने स्पष्ट नइहुइल, यौनजन्यमे परलहुक्रे एकदम ढेर पीडितमे परल बटैली ।

धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ५ निवासी वेपत्ता परिवार पदमादेवी बम गोेसिया २०६० साल २ महिना ५ गते चुरे से वेपत्ता हुइलिन । वेपत्ता पारगिलपाछे अपन मनै लौटके अइही कना डगरा कुरके बैठल बटु अभिनसम ना सास हो ना लास हो, उहाँ कहली, ‘मै केल नाही यहाँ ढेर महिलाके गोसिया, छावा वेपत्ता बटै । कमुइया व्यक्तिहे वेपत्ता पारगिलपाछे पीडितके बच्नाहुकनहे शिक्षा दिक्षा कैसिक डेना अप्ध्यारोमे रहल बटी ।

पदमादेवी वेपत्ताहुकन सार्वजनिक करे पर्ना, पीडितके बाल बच्चाहुकनहे उच्च शिक्षाके व्यवस्था करे पर्ना माग करली । पह्रल लर्का ओ द्वन्द्वपीडितहे शैक्षिक योग्यताके आधारमे रोजगारीके ग्यारेन्टी करे पर्नाफे उहाँ माग करली ।

जिल्ला समन्वय समिति कैलालीके कार्यवाहक सभापति खगराज भुषाल द्वन्द्वपीडितहुकनके पीडा अभिन नइघटल बटैलै । द्वन्द्वपीडितके पीडाहे सम्बोधन करे नइसेक्लेसे समस्या फेरसे बल्झे सेक्ना उहाँ बटैलै । द्वन्द्वकालके बेला टमान मेरिक पीडित सक्कु जानेक तथ्यांक अइना जरुरी बा । कोेइफे पीडित आब पार्टीगत रुपमे आवाज नइउठाके आब एक रुपता अइना आवश्यक रहल बटैलै ।

गौरीगंगा नगरपालिको उपप्रमुख भोजबहादुर बम द्वन्द्वपीडितके मागप्रति सरकार गम्भीर नइहुइल बटैलै । द्वन्द्वपीडितके माग सम्बोधननके लाग तीन तहके सरकार समन्वय करके आघे बह्रलेसे समस्या सम्बोधन हुइना उहाँ बटैेलै । महिला ढेर पीडित हुइलेसे कुछ कुछ पुरुषफे पीडित हुइल उपप्रमुख बम बटैलै ।

राष्टिय मानव अधिकार आयोगके अधिकृत गणेश जोशी जघन्य अपराधके दोेषीहे कार्वाही हुई पर्ना बटैलै । जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीके प्रमुख प्र्रशासकीय अधिकृत कमलराज उपाध्याय द्धन्दपीडितके आवाज केन्द्रसम पुगैना सहयोग कैना बटैलै । पत्रकार रमा चन्द द्वन्द्वपीडितहुक्रे अपन आवाज उठाइल मने अभिनसम कार्यान्वयन नइहुइल बटैली ।

एडभोकेसी फोरमके संयोजक पुष्पविक्रम शाही तीन तहके सरकारसम महिला शान्ति र सुरक्षा सम्बन्धी संयूक्त राष्टसंघके प्रस्ताव नम्बर १३२५ ओे १८२० के दुसरा राष्टिय कार्ययोजना पुगे नइसेकल बटैलै । द्वन्द्वपीडितके पीडा ढेर बा, उहाँ कहलै, ‘पीडा पोख्न ठाउँ नइहो । पीडितहे सामान्य राहत डेहल बा । आब तीन तहके सरकार अपन भुमिका, दायित्वमे लग्ना चाही ।

द्वन्द्वपीडित साझा चौतारीके प्रदेश संयोजक गणेश मल्ल विस्तृत शान्ति सम्झौता हुइल १६ बरस पुगलेसेफे पीडित न्याय नइपाइल बटैलै । उहाँ कहलै, पीडित ढिला न्याय पैना कहल न्याय नइपाइल बराबर हो । काल्हके दिनमे करल सहमति अभिन कार्यान्वन नइहुइल हो ।

कार्यक्रममे सहजीकरण करटी अ राष्टिय संजालके महासचिव सुशिला चौधरी महिला शान्ति र सुरक्षा सम्बन्धी संयूक्त राष्टसंघके प्रस्ताव नम्बर १३२५ ओे १८२० के दुसरा राष्टिय कार्ययोजना कार्यान्वयन हुइना आवश्यक रहल बटैली । सुदूरपश्चिम प्रदेशसे उहाँ छाया रिपोर्टफे पठैना बटैली । कार्यक्रम द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय संजालके प्रदेश संयोजक सोनिया चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल रहे । कार्यक्रमके संचालन सहसंयोजक माोतिकला चलाउने रहिट । कार्यक्रममे नौ जिल्लाके द्वन्द्वपीडित महिलाहुकनके सहभागिता रहल रहे ।

द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय संजालके माग

तत्काल पीडितहुकनके पहिचान करके परिचयपत्रके व्यवस्था करेपर्ना, आधिक राहत, औषधोउपचार, सीपमूलक कार्यक्रम, पीडित महिला ओ बालबच्चाहे समेत उच्च शिक्षासम निःशुल्क व्यवस्था हुई पर्ना माग करल बा ।

द्वन्द्वपीडित महिला ओ छाई छावाके लाग छात्रवृत्ति, क्षमता विकास तालिम ओ समाज तथा परिवारमे पुनःस्थापना लगायतके कार्यक्रम प्रभावकारी रूपमे संचालन हुई पर्ना कहले बटै ।

द्वन्द्वके कारण मृत्युवरण करल व्यक्ति, घाहिल एवं अपांगता रहल व्यक्ति, एकल महिला ओ पूर्व लडाकुहे लक्षित करके नियमित वा एकमुष्ट राहत तथा क्षतिपूर्तिके कार्यक्रम प्रभावकारी रूपमे कार्यान्वयन हुई पर्ना माग करल बा ।

ओस्टेक करके द्वन्द्वके कारण यौनजन्य हिंसामे परल महिलाहुकनके अलगे तथ्यांक संकलन करके विशिष्ट आवश्यकताके सम्बोधन करे पर्ना । यौनजन्य हिंसामे परल पीडित महिलाहुकनके विशिष्ट आवश्यकता अनुसार पाठेघरका गम्भीर मेरके समस्याके निशुल्क उपचारके कार्यक्रम अविलम्ब नाने पर्ना माग करल बा । राज्यके सक्कु निकायमे द्वन्द्वपीडित महिलाहे विशेष अवसरके कोटा छुटयाई पर्ना लगायतके माग कैगिल बा ।

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