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अपाङगता रहल व्यक्तिनके प्रादेशिक नीतिके मस्यौदाहे अन्तिम रुप डेना तयारी

पहुरा | ५ भाद्र २०८०, मंगलवार
अपाङगता रहल व्यक्तिनके प्रादेशिक नीतिके मस्यौदाहे अन्तिम रुप डेना तयारी

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ५ भदौ ।
अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके प्रादेशिक नीतिके मस्यौदाहे सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे अन्तिम रुप डेना तयारी करले बा ।

विगत छ वर्षसे अपाङगता रहल व्यक्तिहुक्रे अपने नीति नाने पर्ना माग करटी बटै । मंगरके रोज धनगढीमे सरोकारवालाहुकनसंग अन्तिम चो प्रदेशके सामाजिक विकास मन्त्रालयसे सुझाव संकलन करल हो ।
मन्त्रालयके कानुन तथा फैसला कार्यान्वयन महाशाखाके प्रमुख दानबहादुर सुनार अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके लाग नीतिके मस्यौदामे समावेश उद्देश्य, लक्ष्य, रणनीति लगायतके बारेमे जानकारी कराइल रहिट । विशेषतः अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनहे सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, प्रशासनिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रके पहुँचमे नानके समावेशी तथा सम्मानजनक जिना वातावरणके सृजना कैना नीतिके उद्देश्य रहल उहाँ जानकारी डेलै ।

१४ बुँदे नीति अवलम्बन करल उ मस्यौदासे टमान रणनीति समावेश करले बा । अपाङगता रहल व्यक्तिके मुुल निकायमे सहभागिता नइहुके अभिनफे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारीसे वञ्चित हुइनाके साथे राजनीतिमे सहभागिता नइकरैना, यातायातमे छुटके व्यवस्था हुकेफे समेत कार्यान्वयन नइहुइना, अपाङगतममैत्री भौतिक संरचना नइहुइना, विकासके पूर्वाधार अपाङगतामैत्री नइहुइना, अपाङगता रहल व्यक्तिहुक्रे समाजमे सम्मानजनक जीवन जिए नइपैना लगायतके समस्या रहल उहाँक कहाई बा ।

समाजमे शाररिक, मानसिक लगायत करके १० मेरिक अपाङगता रहल व्यक्ति बटै । राष्ट्रिय जनगणना २०७८ के अनुसार सुदूरपश्चिममे टमान मेरिक करके ७० हजार आठ जाने अपाङगता रहल व्यक्ति रहल उल्लेख बा ।

अष्टे«लियन एड, दिगो विकास समाज ओ सर्वाङिण अपांगता विकास समाज नेपालके आयोजनामे धनगढीमे हुइल कार्यशाला गोष्ठीमे सहभागि अपाङगता रहल व्यक्ति प्रदेश सरकारसे यथाशिघ्र नीति पारित करे पर्ना सुझाव रख्ले रहिट । अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके क्षेत्रमे काम करटी रहल मानबहादुर साउँद विगत छ वर्षसे अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके प्रादेशिक नीति नन्ना माग करेबेरफे सरकारसे अभिनसम पारित करे नइसेकल बटैटी–‘अभिन मस्यौदाहे अन्तिम रुप डेहे लागल बा । यिहीहे यथाशिघ्र पारित करके सरकारसे कार्यान्वयन चरणमे लैजैना जरुरी बा ।’ उहाँ आवश्यकता अनुसार नीतिहे संशोधन करटी लैजाई सेक्जाई मने, सरकारसे अब्बे यिहीहे पारित करेबेर नीति कार्यान्वयनके डगर खुल्ला हुइना अपेक्षा व्यक्त करलै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्य न्यायधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय नीति यथाशिघ्र पारित करैना सरकारहे सुझाव डेना बटैलै । उहाँ कहलै –‘छ वर्षसे बनल मस्यौदाहे सरकारसे पारित करल नइविल्गाइठ । यिहीसे सरकारके संरचना कैसिक जनताके पक्षमे काम करटी रहल बा कना यी छोट उदाहरण हो । मने हालीसे हाली पारित करैना सरकारहे सुझाव डेम ।’ उहाँ बनल नीति समय अनुसार संशोधन ओ कार्यान्वयन कैना क्रम जारी रहना बटैलै ।

मुख्य न्यायधिवक्ता उपाध्याय सरकारी अस्पतालमे उपचार कराई अइना अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनहे सहज तरिकासे उपचार पैना व्यवस्था करे पर्ना बटैलै । उहाँ कहलै–‘अस्पतालमे भारी भिड रहठ । प्रर्चा काट्न अपाङता रहल व्यक्ति लाइनमे बैठे पर्ना स्थिति बा । यी उचित नइहो । अस्पतालसे अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके हातमे प्रर्चा पुग्न व्यवस्था मिलाई परठ । सहजे चिकित्सकसम पुगैना वातावरण बनाई परठ ।’ उहाँ अब्बे मनैनमे मानविय चेतना ओ संस्कार घटटी गैल बटैटी –‘अब समाजहे नैतिक शिक्षाफे अध्यापन कराई परल ।’

सर्वाङिण अपांगता विकास समाज नेपाल कैलालीके अध्यक्ष कृष्ण भण्डारीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेशके कार्यालय प्रमुख हरि ज्ञावली, अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके क्षेत्रमे काम करटी रहल भीमबहादुर शाह लगायत अपाङगता रहल व्यक्ति, सञ्चारकर्मी लगायतके सहभागिता रहल रहे ।

कोशिस नेपालके कार्यक्रम संयोजक खडकराज डंगाोलसे स्वागत करल कार्यक्रमके सञ्चालन अपाङ महासंघ सुदूरपश्चिम सचिव नन्दराज भट्ट करले रहिट ।

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