थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ 26 Apr 2025, Saturday ]
‘ सम्पादकीय ’

महिलाहे विभेद ओ सम्पतिसे बन्चित काहे ?

पहुरा | १० फाल्गुन २०८०, बिहीबार
महिलाहे विभेद ओ सम्पतिसे बन्चित काहे ?

समान हैसित रहल, समान उद्देश्य रहल ओ एक्के ठाउँमे बैठना व्यक्तिहुक्रे रहल ठाउँहे समाज कहठै, मने हमार समाज विभेदसे भरल बा । जहाँ लैङिक विभेद बा । जातिय विभेद बा । भौगौलिक विभेद बा । वर्ग ओ धर्मके आधारमे विभेद बा । महिलाहे, डाइ, छाई, पटुहिया, गोसिनिया वा दिदी बहिनीयाके परिचय टे डेजाइठ । मने सिंगो मानवके रुपमे अपन पहिचान बनाइक लाग महिला अभिनफे संघर्ष करे पर्ना अवस्था रहल बा । महिलाहुक्रे अभिनफे परिवार, समाज ओ राज्यस्तरसे दबे पर्ना अवस्था बा । राजनीतिक तवरसे अब्बेफे महिला अधिकार, महिला सशक्तिकरण, समानता ओ समताके विषयमे जटराफे चर्का भाषण करलेसेफे ग्रामीण भेगके महिला अभिनफे चुलाचौकासे उप्पर उठे नइसेकल हुइट । अपने परिवारभिटर विभेद बा । अपने छावा ओ छाईहे टे फरक व्यवहार करठै । दलित महिलाहुक्रे टे झने विभेदभिटर विभेद खेपे परल बा । उहे अवस्था बा एकल महिला, सीमान्तकृत समुदायके महिला ओ अपाङता रहल महिलाके ।

एकाध महिला पढल लिखल हुइही, जागिर खाइल हुइही । अपन बोली प्रष्ट रुपमे धारे सेकट हुइही । मने ८० प्रतिसतसे ढेर महिला चुलोचौकोसे उप्पर उठे नइसेकल हुइट । एक ठो महिला पूर्ण मनै हुके बाँचे पाइल अवस्था नइहो । उ परिवारसे दमित हुइठ । कौनोफे मनैहे छावा चाहठ कना हमार समाजमे नइमजा छाप परल बा । अब्बे एक ठो सन्तान जलमैना प्रचलन बा । जेकर कारण छाईहे गर्भमे टुहैठै यी हमार वाध्यता हो । शक्ति, सत्ता ओ पहुँचमे रहलहुक्रे महिला उपपर दमन कैना करल विल्गाइठ । जहाँ सत्ता ओ शक्ति हावि रहठ, उहाँ अन्याय, अत्याचार, विभेद, विसंगति ओ विकृति हुइठ ।

समाजसे अभिनफे छावाहे बोर्डिङ ओ छाईहे सरकारी विद्यालय पढैना करल बा । महिला ओ पुरुषके विभेद प्रत्येक घर घरमे बा । उ यी समाजके उपज हो । चुल्हाचौकोसे उठके अभिनफे उठके खुल्ला रुपमे अपन आवाज धारे सेकल अवस्था नइहो । महिलाहे प्रत्येक पाइला पाइलामे विभेद भोगे परल बा । महिला पुरुषके बराबर हक बा कहिजाइठ मने कार्यान्वयन हुई नइसेकल हो । सभ्य समाज बनाइक लाग समानता कायम करे परठ । कदम कताचित जग्गा किनबेच हुइलबेला नाउँसारी करेबेर राजश्वमे छुट डेहलपाछे महिलाके नाउँमे जग्गा पाँस कैना करजाइठ, महिलाके नाउँमे बैंक खाता खोल्ना कैजाजाइठ मने ओइने अपन चाहल अनुसार पैसा खर्च करे नइपाके अधिकारसे भर बञ्चित कराइल अवस्था बा । महिलाहुक्रे समाज ओ सम्पतिसे बहिस्कृत बटै । टबमारे समाजमे महिलाहुक्रे स्थापित हुइक लाग ओ अपन मर्यादा कायम करेक लाग अलगे संघर्ष करे पर्ना जरुरी बा ।

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