घरेलु हिंसा न्यूनीकरण करी

घर परिवार भिटर वा घरेलु सम्बन्ध रहल व्यक्तिसँग गाँसके हुइना हिंसा जन्य शारीरिक, मानसिक, यौनजन्य वा आर्थिक यातना घरेलु हिंसा हो । यि गाली कैना तथा भावनात्मक चोट पुर्यइना अन्य कौनो कार्यहे समेत जनाइठ । यी राष्ट्रिय तथा अन्तर्राष्ट्रिय समस्याके रूपमे डेखा परल बा । घरेलु हिंसा (कसूर ओ सजाय) ऐन, २०६६ से घरेलु हिंसाहे अपराध मानल बा । पीडितहे कानूनी सुरक्षा प्रदान करले बा । चालु आर्थिक वर्षके सावनसे पुससम ६ महिनाके अवधिमे घरेलु हिंसा सम्बन्धी ८ हजार २०८ ठो मुद्दा दर्ता हुइलमे उ मध्ये ४ हजार ९७ उजुरी फछर्यौट हुइल बा । उ अवधिमे घरेलु हिंसासे जम्मा ८ हजार २१४ जाने पीडित हुइल बटै । उ मध्ये ७ हजार ४०१ जाने महिला ओ ८१३ जाने पुरूष बटै । जेम्ने पीडितमध्ये काठमाडौं उपत्यकामे १ हजार २२३, कोशी प्रदेशमे ८८२, मधेश प्रदेशमे २ हजार ७३७, बागमती प्रदेशमे ६३८, गण्डकी प्रदेशमे ३२८, लुम्बिनी प्रदेशमे १ हजार ३६७, कर्णाली प्रदेशमे ३९९ ओ सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ६४० रहल बटै ।
घरेलु हिंसा विश्व गम्भीर समस्या हो । यी सामाजिक, मानसिक, आर्थिक, पारिवारिक असर करठ । यिहीहे नेपाल प्रहरीसे घरेलु हिंसा नियन्त्रण तथा अनुसन्धानहे समेत प्राथमिकतामे धरले बा । घरेलु हिंसा विरूद्ध प्रचलित कानूनके कार्यान्वयन करके पीडितहे न्याय डेना काम हुइटी रहल बा । मदिरा सेवन, टिसरा व्यक्तिसंगके सम्बन्ध, औरके देखासिकी, मनैनमे पछिल्का समय देखा पर अधैर्यपन, शिक्षाके कमी रहल परिवारमे घरेलु हिंसा हुइल विल्गाइठ । यैसिन घरेलु हिंसा कानुनी पहलके साथे जनचेतना ओ सचेतनासे न्यूनीकरण करे सेक्ना हुइल ओरसे प्रहरी सचेतना कार्यक्रम समेत संचालन करटी आइल बा । घरेलु हिंसा न्यूनीकरण कैना सरोकारवाला पक्षसे समेत पहल हुइना जरूरी बा । घरेलु हिंसा हुइल, हुइटी रहल वा हुईलागल पत्ता पैना जौनफे व्यक्तिसे उ सम्बन्धी विवरण खुलाके प्रहरी कार्यालय वा राष्ट्रिय महिला आयोग वा स्थानीय तह समक्ष लिखित वा मौखिक उजुरी डेहे सेक्ठै । प्रहरी कार्यालयमे दर्ता हुइल उजुरीमे प्रहरी कार्यालयसे डगरमे म्याद बाहेक २४ घण्टाभिटर पीडकहे झिकाके ओ अटेर करके पक्राउ करके बयान कराई पर्ना कानूनी व्यवस्था बा । चालु आर्थिक वर्षके साउनसे पुससम ६ महिनाके अवधिमे घरेलु हिंसाके जम्मा ९ हजार २४६ जाने पीडक बटै । उ मध्ये ७ हजार ४७८ जाने पुरूष ओ १ हजार ७६८ जाने महिला बटै । जेम्ने पीडकमध्ये निरक्षर ३ प्रतिशत, सामान्य साक्षर ७७ प्रतिशत, विद्यालस्तर १४ प्रतिशत ओ प्रमाणपत्र तह से उप्पर ६ प्रतिशत रहल बटै ।
नेपाल प्रहरीमे दर्ता हुइल उजुरी सम्बन्धी आर्थिक वर्ष २०७९/०८० समके तथ्याङक हेरेबेर कुल लैंगिक हिंसाके ८० प्रतिशत घरेलु हिंसा रहल विल्गाइठ । प्रहरी कार्यालयमे पर्ना घरेलु हिंसा सम्बन्धी उजुरी महिला तथा बालबालिका सेवा केन्द्रसे हेर्ना करल बटै । पीडित केन्द्रित अनुसन्धानके लाग पीडितहे उजुरीमे सहज पहुँच, पीडितके सुरक्षा, पीडितके उद्दार, परामर्श, पुर्नस्थापना लगायतका पक्षहे ध्यान डेहल बा । घरेलु हिंसा करुइयाहे ६ महिना कैद वा ३ हजारसे २५ हजार रूप्या जरिवाना वा दुनु सजाय हुइठ । घरेलु हिंसा हुइल करल मितिसे ९० दिनभिटर सम्बन्धित निकायमे उजुरी करे परठ । घरेलु हिंसाहे समयमे न्यूनीकरण कैना आवश्यक बा ।
