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अपांतामैत्री भौतिक संरचना नैहुइल गुनासो

पहुरा | १५ चैत्र २०८०, बिहीबार
अपांतामैत्री भौतिक संरचना नैहुइल गुनासो

पहुरा समाचारदाता
दाङ, १५ चैत ।
सार्वजनिक भवन, सडक, सूचना ओ सञ्चार लगायत सार्वजनिक सेवा सुविधा लेना ठाउँ अपाङतामैत्री नइहुके अपाङता हुइल व्यक्तिसे सेवा लेना, पह्रना एवं न्यायमे पहुँच नइपाइल डेखल बा । हरेक सरकारी कार्यालय, भवन ओ डगर अपांतामैत्री हुई पर्ना प्रावधान हुइलेसेफे लुम्बिनी प्रदेशके अधिकांश सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालय अभिनसमफे अपांतामैत्री बने नइसेकल हो ।

लुम्बिनी प्रदेशके अस्थायी मुकाम बुटवलसे स्थायी राजधानी राप्ती उपत्यका देउखुरीमे स्थान्तरण हुके सञ्चालनमे रहल सरकारी कार्यालयके भवन अभिनसम अपाङतामैत्री तथा सेवा पहुँचयुक्त हुई नइसेक्के अपाङ्ता हुइल सेवाग्राहीसे बहुट सास्ती भोगे परल अपाङ्ता हुइल नागरिकहुक्रे गुनासो करले बटै । सरकारसे अपाङता हुइल व्यक्तिहुकनके आवश्यकताहे ध्यानमे धारके वि.सं २०६९ मे ‘अपाङता हुइल व्यक्तिक लाग पहुँचयुक्त भौतिक संरचना तथा सञ्चारसेवा निर्देशिका’ जारी करल रहे ।

अपाङतामैत्री संरचनाके अभावसे सरकारी सेवा सुविधासे समेत वञ्चित हुई परल अपाङता हुइल व्यक्तिके गुनासो बा । सरकारी कार्यालय अपाङतामैत्री नइहुइलसंगे सरकारसे डेना पाँच प्रतिशत आरक्षण समेत व्यावहारिक ओ प्रभावकारी रूपमे प्रदान हुई नइसेकल ओइनके गुनासो रहल बा । लुम्बिनी प्रदेशके स्थायी राजधानीमे रहल मुख्यमन्त्री तथा मन्त्री परिषद्के कार्यालय, भौतिक मन्त्रालय, गृह मन्त्राल, अर्थ मन्त्रालय लगायतके दर्जनौँ मन्त्रालय तथा सरकारी कार्यालय अपाङतामैत्री नइहु्इट । मन्त्रालय तथा सरकारी कार्यालय अपाङतामैत्री नएहुइल कारण ओइनहे भेटघाट कैना, सरकारी सेवा सुविधा लेना बहुट कठिनाइ हुइना करल ओइने गुनासो करले बटै ।

अपाङता हुइल नागरिकहुकनके समस्या, ओइनके क्षमता, रुची चाहनाके विश्लेषण कैना, ओइनके अवरोध हटैना ओ शिक्षा तथा रोजगारी, समावेशी योजना, निर्णयक प्रकृया तथा सामाजिक सहभागिता मुख्य आवश्यकता रहल राष्ट्रिय अपाङता महासंघ नेपालके कार्यालय व्यवस्थापक धिरेन्द्र विक बटैलै । देशभर रहल अपाङता रहल नागरिकहुकनके हकहित तथा अधिकारके लाग वकालत कैना संस्था राष्ट्रिय अपाङ महासंघ नेपाल २०५० सालमे स्थापना हुके ओइनके नीतिगत सवालके विषयमे पैरवी, जनवकालत करटी अइलेसेफे २०७८ सालके जनगणना अनुसार लुम्बिनी प्रदेशमे रहल २.३४ प्रतिशतके हाराहारीमे रहल अपांता रहल नागरिक टमान कठिनाईसे टमान मेरिक सास्ती खेपे परल ओ खास करके ह्वीलचियर प्रयोगकर्ता, दृष्टिविहिन, बहिरा व्यक्तिहरु, अटिज्म रहल व्यक्ति, बौद्धिक अपाङता रहल व्यक्तिसे अभिनसमफे प्रदेश तथा स्थानीय स्तरके सेवा प्रवाह कैना ठाउँमे ओइनके प्रत्यक्ष रुपमे पहुँच पुग्न बहुट कठिनाई हुइल ओ राज्यसे उपलब्ध करैना नीतिगत रुपमे व्यवस्था करल टमान सेवा सुविधासे बञ्चित हुई परल व्यवस्थापक विक बटैलै ।

अपांता रहल व्यक्तिहुकनके अधिकार सम्बन्धि ऐन २०७४ अनुसार राज्यसे तोकल १० मेरिक अपाङता रहल व्यक्तिमे शारिरिक, दृष्टि सम्बन्धी, बहिरा, श्रवन दृष्टिविहिन, स्वरबोलाई, हेमो फेलिया, अटिज्म, बौद्धिक, मनोसमाजिक ओ बहु अपाङता परठै । कौनोफे संस्थागत भवनके नक्सा स्वीकृत करेबेर अपाङतामैत्री हुई पर्ना निर्देशिकासे अनिवार्य करले बा । निर्देशिकामे सरकारी भवन, विद्यालय, विश्वविद्यालय, अस्पताल, स्वास्थ्य संस्था, धार्मिक स्थल, कार्यस्थल, सार्वजनिक सडक, सडकपेटी, यात्रु प्रतीक्षालय ओ पार्किङ स्थल ‘पहुँचयुक्त अपाङतामैत्री हुई पर्ना कहल बा ।

निर्देशिका अनुसार भवनके साथे सार्वजनिक सडक ओ सडकपेटी समेत अपाङतामैत्री हुई परठ । अपाङता रहल नागरिकहुकनहे ओइनके हक ओ अधिकारके लाग राज्यके मुल प्रवाहीकरणमे नानेक लाग जैसिक बजेट विनियोजन करल बा । उ बजेटहे सरता तरिकासे कार्यान्वयन कैना पद्धतिमे जनप्रतिनिधिसेफे सहयोग पुगाई पर्ना ओ संसद चलेबेर अथवा नीति तथा कार्यक्रम प्रस्तुत करेबेर बहिरा व्यक्तिहे कठिनाई हुइना करल ओरसे अइना अधिवेशनसे सांकेतिक भाषा दोभासेके व्यवस्था कैना ओ नयाँ बन्टी रहल हरेक भौतिक संरचनाहे अपाङतामैत्री बनैना काममे पहल करटी लुम्बिनी प्रदेश सभाके सदस्य यमबहादुर नेपाली बटैलै ।

लुम्बिनी प्रदेशके अस्थायी मुकाम बुटवलसे स्थायी राजधानी राप्ती उपत्यका देउखुरीमे मन्त्रालय स्थान्तरण हुके सञ्चालनमे रहल सरकारी कार्यालयके भवन पुरान संरचनामे बनल कारण अपाङतामैत्री नइरहल ओ अब्बे बन्टी रहल सक्कु भौतिक संरचना तथा सेवा अपाङतामैत्री रहना मुख्यमन्त्री तथा मन्त्रीपरिषद् कार्यालयके मुख्य सचिव राधिका अर्याल ओ भौतिक विकास मन्त्री धर्मबहादुर चौधरी बटैलै ।

विगत १५ वर्षसे संघीय सरकार सरकारसे डेहल ५ प्रतिशत आरक्षणहे घटाके ३ प्रतिशतमे झारल ओरसे उ आरक्षण कोटा यथावत करके ‘अपाङता रहल व्यक्तिके लाग पहुँचयुक्त भौतिक संरचना तथा सञ्चार निर्देशिकाहे तीनु तहके सरकारसे पूर्ण कार्यान्वयन करके ओइनके हक अधिकार तथा सेवासुविधा अपाङमैत्री बनैना आवश्यक राज्यके ध्यान जैना जरुरी बा । तीनु तहके सरकारसे अपाङता रहल नागरिके लाग बनाइल कानुन तत्काल कार्यान्वयनके लाग तदारुकता देखाई परठ ।

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