थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १५ बैशाख २६४९, सोम्मार ]
[ वि.सं १५ बैशाख २०८२, सोमबार ]
[ 28 Apr 2025, Monday ]

नवजीवन सहकारी परिवर्तनके सम्बाहक हो ः प्रदेश प्रमुख देवकोटा

पहुरा | १४ बैशाख २०८२, आईतवार
नवजीवन सहकारी परिवर्तनके सम्बाहक हो ः प्रदेश प्रमुख देवकोटा

पहुरा समाचारदाता
काठमाडौं, १४ बैशाख ।
बागमती प्रदेश प्रमुख दीपक प्रसाद देवकोटा सहकारी संस्था आम जनताके सुख दुःखके संघरिया बनल दाबी करले बटै ।

कैलालीके धनगढीस्थित नवजीवन सहकारीसे पहिलचो काठमाडौंमे आयोजना करल कार्यक्रममे बर्का पहुना देवकोटा समूहसे व्यक्तिहे उत्थान करे परठ् ओ करे सेकजाइठ् कना उदाहरण सहकारीसे डेहल दाबी कैटी सक्कु सहकारीकर्मीके लाग यी गौरबके बात रहल बटैलै ।

संविधानसे सरकारी, सहकारी ओ नीजि क्षेत्रहे अर्थतन्त्रके तीन खम्बाके रुपमे उल्लेख कैके सहकारी क्षेत्रके बिस्तार ओ प्रर्वद्धनमे जोड डेहल बटैलै । इहीसे सहकारी क्षेत्रके चुनौती ओ कमीकमजोरीहे चिर्टी संविधान ओ कानुन प्रदत्त अधिकारके उपयोगसहित आम जनताके जीवनस्तर उकस्ना अभियानके सारथी बन्ना अभिप्रेरित करल उहाँ उल्लेख करलै ।

सुर्केथैली, बाकस अनि पटुकीमे पोका पारके निम्न आय समूहके पैसा जनताके बैङ्कके रुपमे सहकारीसे सहकार्यमे परिचालन करल दाबी उहाँ प्रस्तुत करल रहिट । ‘ओस्टहे निस्क्रिय रहल पैसा अण्डा पर्ना मुर्गनीया बनल बावै’, प्रदेश प्रमुख देवकोटा कहलै, ‘यी खुशीके बात हो ।’

व्यक्तिगत ओ पारिवारिक ढङ्गसे सञ्चालन करल ओ कुछ बदमास नियतहुक्रनसे नेतृत्व करल सहकारीसे यी अभियानमे हिला फच्के खोजल उहाँ बटैलै । उ सिमित उदाहरण बाँकी सहकारीके लाग सिकाइ होए ओ सहकारीके मर्यादा कायम रहे कना सबके चाहना हुइल उहाँ बटैलै । ‘नकारात्मकताके यिबा लगाके सकारात्मकता जामे नैसेकी,’ उहाँ कहलै, ‘ओहमारे कुछ छिटपुट बदनियतहे समग्र सहकारी जगतके बदनामीमे जोर्ना घोर अन्याय हुइना बावै ।’

पैतिस हजार सदस्यके आवद्धता, पाँच अर्बसे ढेर निक्षेप संकलन, चार अर्बसे ढेर कर्जा प्रवाहसहित देशके सहकारी मध्येके एक अग्रणी ओ उत्कृष्ट सहकारीके रुपमे आज नवजीवन रहल उहाँ बटैलै । नवजीवन आजके जैसिन गौरवपूर्ण अवस्थामे अइनामे अपने लगायत कुछ संघरियनके सहकार्यके परिकल्पना, होस्टेमे हैँसे करुइयनके साथ ओ एकठो अवोध बालकके जीवनदानके घटनाके परिदृश्यसँग जोरल उहाँ चर्चा करलै ।

‘२०४८ सालके बात हो, सडक दुर्घटनासे एक बेसहारा बनल बालकहे हम्रे कुछ संघरिया मिलके अस्पताल ओ उपचारके पहलमे जुट्ली, ’नवजीनके इतिहास स्मरण कैटी प्रदेश प्रमुख देवकोटा सुनैलै, ‘यी हमार सहकार्यसे बालक चोखैलै, ओहकान बाबा भेटलै अनि आँखीभर आँस झर्टी उ बाबा आपन छावाहे लावा जीवन डेहलमे धन्यवाद डेलै । एकतासे सकारात्मक परिणाम लाने सेकजाइठ् कना बातमे हम्रहीनहे थप हौसला प्राप्त हुइल ओ हम्रे संस्थाके परिकल्पनामे पुग्ली । नयाँ जीवन प्राप्त करल उ बालकके समग्र घटनाहे प्रेरणाके रुपमे लेटी संस्थाके नाउँ नवजीवन राखे पुग्ली ।’

मनै सफलता डेख्ठै ओ सफलतामे हातेमालो करठै मने संघर्ष ढेरजनहनहे पता नैरहना कहटी उहाँ एकठो बाँसक कर्ला जमिनसे निकरके कुछ अँठ्वारे २०औं फिट ढेंग बाँस बने पुगठ्, मने ओकर जरा पाँच बरससम जमिनमे माटीटर गरल रहना स्मरण करैलै । उहाँ कहलै, ‘उ पाँच बरसके राप, ताप ओ प्रयत्नहे नजरअन्दाज कैके जमिनउपरके हर्लक्क बह्रल बाँसके किल चर्चा कैना अन्याय हुइ जैसिन लागठ् । जात्तिके नवजीवनके यी छवि स्थापनाकालपूर्व ओ स्थापनासँगे ठोस अभियानके परिणाम हुइना जैसिन लागठ् ।’

नवजीवन सहकारी संस्थासे सुदूरपश्चिम ओ लुम्बिनीके लाखौं जनतामे आर्थिक क्रियाशीलता अभिवृद्धि कैके जीवनस्तर उकास्न सफल हुइल उहाँ बटैलै । उहाँ कहलै, ‘नवजीवन परिवर्तनके संवाहक हो । सहकारीके मूल्य, मान्यता ओ शिद्धान्तहे सर्वोपरि राखके आघे बह्रल ओरसे इतिहासके कौनो कालखण्डसे नवजीवनहे बिचलित पारल नैहो ।’

सहकारीसे वित्तीय साक्षरतामे आभिन जोड डेके आम समुदायहे यकरसँग जोडे पर्ना उहाँके जोड रहे । ओस्टके, वित्तीय साक्षरतामे फेन सहकारीसे विशेष ध्यान डेहे पर्र्ना उल्लेख करलै । ‘हम्रे सबके चीज पह्रैठी, मने पैसा बारे कुछ नैसिखैठी, प्रदेश प्रमुख देवकोटा कहलै, ‘चाहना पैसा सक्कु ओर मने ओक्रेबारेम पह्राइ नैहुइठ् । विद्यालय, विश्वविद्यालयका पाठ्यक्रममे वित्त सम्वन्धि विषयवस्तु अनिवार्य समावेश करे परल । आर्थिक समृद्धिके लाग सकारात्मक सोंचाइसे किल नैपुग्ना ओरसे सकारात्मक कार्य आवश्यक पर्नामे ओहकान जोड रहे ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू