महिला हिंसा न्यूनीकरण करी

महिला पुनर्स्थापना केन्द्र (ओरेक)से अप्रिलसे जुन, २०२५ समके अवधिमे सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली जिल्लामे केल्ह यौनहिंसाके घटना कुल लैङिक हिंसाके ३६ प्रतिशत रहल तथ्यांकसे बालिका ओ महिलाउप्प हुइना हिंसाके अवस्था गम्भीर रहल स्पष्ट करठ । बालिका उप्पर विद्यालय, घर, जंगलजैसिन सार्वजनिक स्थानमे यौन हिंसा हुइना कहल समाजके सुरक्षा संरचना, शिक्षा प्रणाली, कानूनी संयन्त्र ओ राज्यके नीति सक्कु तहमे कमजोर ओ उदासिनता रहल पुष्टि हुइठ ।
ओरेक नेपालसे अप्रिलसे जुन २०२५ समके अबधिमे सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली जिल्लासे लैङिक विभेदमे आधारित हिंसाके कुल २२ ठो घटना अभिलेखिकरण करल रहे । ओम्नेसे यौन हिंसा ३६ प्रतिशत अर्थात ८ ठो घटना यौन हिंसाके रहल बा । जौन अन्तर्गत बलात्कार ६३ प्रतिशत (५ ठो), यौन दुब्र्यबहार २५ प्रतिशत (२ ठो) ओ बैबाहिक बलात्कार १२ प्रतिशत (१ ठो) घटना रहल बा ।
दस्तावेजिकरण हुइल घटनाहे हेरेबेर अपने घर परिवार, सार्वजनिक स्थल ओ विद्यालय जैसिन सुरक्षित हुइ पर्ना स्थानमे समेत बालिकाहुक्रे बलात्कृत हुइटी रहल अवस्था जग जाहेर बा । समुदायमे घटल बलात्कार जैसिन जघन्य प्रकृतिके अपराधिक घटना प्रायः गुपचुप धारके गाउँमे मिलापत्र कैना ओ जिल्लासम आपुगल घटनाफे टमान तवरके आर्थिक प्रलोभन, चलखेल ओ राजनैतिक दबाबसेफे अइसिन घटना दिनानुदिन बह्रटी गैल विल्गाइठ ।
जबसम हम्रे यैसिन घटनाहे केवल ‘घटना’के रूपमे हेरटी रहबी संरचनागत कारणके गहिर विश्लेषण नैकैबी, टबसम यौन हिंसाके समाधान सम्भव नैहो । यी पितृसत्तात्मक सोच, शक्ति संरचना ओ राज्य संयन्त्रमे गहिर रुपमे जरा गारल परिणाम हो, जेम्ने परिवर्तन नैकरटसम, कानूनी सुधार, प्रभावितमैत्री प्रणाली, यौन शिक्षा ओ सामूहिक चेतना सक्कु प्रभावहिन हुई । हिंसाहे सामान्य बनैना पितृसत्तात्मक सोच ओ उहीहे संरक्षण कैना शक्ति संरचनाके गहिर आलोचनात्मक विश्लेषण बिना यथास्थितिमे कौनो सुधार सम्भव नैहो । टबमारे, राज्य, समुदाय, विद्यालय, अभिभावक, मिडिया ओ नागरिक समाज सक्कु जाने मिलके अइसिन हिंसाहे सामान्यीकरण कैना सोच विरुद्ध खडा हुइना जरुरी बा ।
