थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०५ सावन २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं ४ श्रावण २०८२, आईतवार ]
[ 20 Jul 2025, Sunday ]

महिला हिंसा न्यूनीकरण करी

पहुरा | ४ श्रावण २०८२, आईतवार
महिला हिंसा न्यूनीकरण करी

महिला पुनर्स्थापना केन्द्र (ओरेक)से अप्रिलसे जुन, २०२५ समके अवधिमे सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली जिल्लामे केल्ह यौनहिंसाके घटना कुल लैङिक हिंसाके ३६ प्रतिशत रहल तथ्यांकसे बालिका ओ महिलाउप्प हुइना हिंसाके अवस्था गम्भीर रहल स्पष्ट करठ । बालिका उप्पर विद्यालय, घर, जंगलजैसिन सार्वजनिक स्थानमे यौन हिंसा हुइना कहल समाजके सुरक्षा संरचना, शिक्षा प्रणाली, कानूनी संयन्त्र ओ राज्यके नीति सक्कु तहमे कमजोर ओ उदासिनता रहल पुष्टि हुइठ ।

ओरेक नेपालसे अप्रिलसे जुन २०२५ समके अबधिमे सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली जिल्लासे लैङिक विभेदमे आधारित हिंसाके कुल २२ ठो घटना अभिलेखिकरण करल रहे । ओम्नेसे यौन हिंसा ३६ प्रतिशत अर्थात ८ ठो घटना यौन हिंसाके रहल बा । जौन अन्तर्गत बलात्कार ६३ प्रतिशत (५ ठो), यौन दुब्र्यबहार २५ प्रतिशत (२ ठो) ओ बैबाहिक बलात्कार १२ प्रतिशत (१ ठो) घटना रहल बा ।

दस्तावेजिकरण हुइल घटनाहे हेरेबेर अपने घर परिवार, सार्वजनिक स्थल ओ विद्यालय जैसिन सुरक्षित हुइ पर्ना स्थानमे समेत बालिकाहुक्रे बलात्कृत हुइटी रहल अवस्था जग जाहेर बा । समुदायमे घटल बलात्कार जैसिन जघन्य प्रकृतिके अपराधिक घटना प्रायः गुपचुप धारके गाउँमे मिलापत्र कैना ओ जिल्लासम आपुगल घटनाफे टमान तवरके आर्थिक प्रलोभन, चलखेल ओ राजनैतिक दबाबसेफे अइसिन घटना दिनानुदिन बह्रटी गैल विल्गाइठ ।

जबसम हम्रे यैसिन घटनाहे केवल ‘घटना’के रूपमे हेरटी रहबी संरचनागत कारणके गहिर विश्लेषण नैकैबी, टबसम यौन हिंसाके समाधान सम्भव नैहो । यी पितृसत्तात्मक सोच, शक्ति संरचना ओ राज्य संयन्त्रमे गहिर रुपमे जरा गारल परिणाम हो, जेम्ने परिवर्तन नैकरटसम, कानूनी सुधार, प्रभावितमैत्री प्रणाली, यौन शिक्षा ओ सामूहिक चेतना सक्कु प्रभावहिन हुई । हिंसाहे सामान्य बनैना पितृसत्तात्मक सोच ओ उहीहे संरक्षण कैना शक्ति संरचनाके गहिर आलोचनात्मक विश्लेषण बिना यथास्थितिमे कौनो सुधार सम्भव नैहो । टबमारे, राज्य, समुदाय, विद्यालय, अभिभावक, मिडिया ओ नागरिक समाज सक्कु जाने मिलके अइसिन हिंसाहे सामान्यीकरण कैना सोच विरुद्ध खडा हुइना जरुरी बा ।

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