प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीके सिफारिसमे ५ पुसमे प्रतिनिधिसभा विघटन हुइलपाछे राजनितिक दल, लेखक, कलाकार, पत्रकारलगायत टमान पेशामे आबद्ध बुद्धिजीवि तथा सर्जक आन्दोलनमे बटै । प्रजातान्त्रिक मुल्य–मान्यताके वेवास्ता करटी प्रधानमन्त्रीसे
थारु कल्याणकारिणी सभा (थाकस) क्षेत्रीय समिति देउखुरी लमहीमे आयोजित एक कार्यक्रममे देउखरके टमान गाउँक अगुवा ककनडार, भलमन्सनहे थारु भिटपटरा हस्तान्तरण कइले बा । ओस्टके लुम्बिनी प्रदेशके मुख्यमन्त्री शंकर पोखरेलहे फेन डोसर भेटघाटमे
माघ टिह्वारके रहलपहल अभिन फेन थारु गाउँमे बाँकि बा । काजेकि कुछ गाउँमे अभिन फेन गाउँक् भुरा खेल ओराइल नइ हो, गाउँकु अगुवा नइ चुन गइल हुइट । पहिले पहिले माघ महिना भर माघे हो कहिके महिना भर माघ मना जाए । मने समयक्रममे माघ मनैना दायरा
राष्ट्रिय योजना आयोगके पहिलक उपाध्यक्ष्य पिताम्वर शर्मा कहठाँ, ‘जव राजनीति पेशा हो डेहठ, टब बहुट खतरनाक हुइठ ।’ ओस्टक नेता देवराज चालिसेके कहाइ बा, राजनीति पेशा नाहि सेवा हो, इहि पेशाके रुपमे लेहुइया नेतन देशके विकास करे नइ सेक्ठाँ ।