थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४८, शुक्कर ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार ]
[ 26 Apr 2024, Friday ]
‘ सन्डर्भः लकडाउन ’

थारु भासा साहिट्य ओ पुस्टा हस्टान्टरन

पहुरा | ११ जेष्ठ २०७७, आईतवार

डा. कृष्णराज सर्वहारी
लकडाउन अर्ठाट बन्डाबन्डिके समयमे मनैन् डिन बिटैना कर्रा पर्टि बटिन् । ओहोर किसान अपन कामेम् डँटल बटाँ । लकडाउनमे डिन कसिक बिटाइक चाहि मेहनटके पुजारि किसानलोगन्से सिखक चाहि । यि अलग बाट हो कि ओइनके टिनाटावन बेचबिखन हुइ नै पाइठुइन् ।

किसानन्के संघरिया कोड्रा, हरबर्डा कहेहस लेखन, पठन कर्ममे लागल स्रस्टा, पट्रकारन्के संघरिया कलम, कापि, ल्यापटप हो । मै एक स्रस्टा, पट्रकार बन्डाबन्डिमे कहि या आघेपाछे कलम, कापि, ल्यापटप मोर जिन्गिक पर्याय हो । बन्डाबन्डिके समयमे अप्निक साहिट्यिक याट्रा कसिख चल्टि बा ? कृपया अपन अनुभुटि लिखि कना अर्जि एक पत्रकार भाइ करल पाछे का लिखुँ भेउ नै पाइ लग्लुँ । महि लागठ केवल एकडिनिक डायरि पस्कलेसे एकर उट्टर पर्याप्ट रहि ।

मैं रोज्डिन डायरि लिख्ठुँ अपने थारु भासामे । सम्झना बिर्सना, फ्रेस हुइना यि फेन मजा उपाय हो । आपन भासाके सब्ड भन्डार बह्रठ । लकडाउनमे फेन डायरि लेखन जारि बा । मै आज्कल सुटउठके मुँह ढोके छाइन्संगे घरक् (कीर्तिपुर, भट्केपाटी) लग्गे खालि चौरमे ब्याडमिन्टन खेले जैठुँ । चाय पिके कविटा कर्ममे लग्ठुँ । नेपालि भासामे रहल कौनो कविके कविटा थारु भासामे उल्ठा कर्ठु । इहिले फेन अप्ठ्यार नेपालि सब्डके डवार थारु सैलिमे खोल्ना सहयोग हुइटि बा ।

भर्खर ठाकुर करिया प्रधान अपन छाइहे थारु भासामे कालीदासके घमन्डके प्रसंगके बट्कुहि सुनाइ लगाके अपलोड कर्ले बटाँ । हो हमरिहिन जाने पर्ना बाट हो कि भासाहे गिट, कविटा, बट्कुहि कौनो माढ्यम मार्फट पुस्टा हस्टान्टरन करि ।

अपन मौलिक कविटा फेन लिख्टि बटुँ । छुटकि छाइक सहयोगसे कविटाके भिडियो बनाके फेसबुकमे अपलोड कर्ठु । जेठ ११ गटेसम ४८ सिरिंखला पुगल बा । लकडाउन लागटसम इहि निरन्टरटा डेना विचार बा । ढेरजाने पाछे पोस्टा बनैना सल्लाह डेटि बटाँ । गैरथारु कुछ सुभेच्छुक लोगनके सुझाव नेपालिमे कविटा प्रस्टुट करे परल कना बटिन । मने मै अट्रा बाटेम पक्का बटुँ कि नेपालिमे टे जे कोइ फेन लिखठ, मने हमार माटृभासा थारुमे लिखुइयन अभिन कम बटाँ । थारु भासामे लिख्टि रहुइयनके हौसलाके लग फेन क्वारेन्टाइन कविटा ठोठार हुइलेसे फेन सहयोग कर्टि बा, कना महि लागल बा ।

फेसबुकमे रचना बाचनके ४१औ सिरिंखलासे २०७२ सालमे प्रकासिट कमैया बस्टिमे भगन्वा मोर लघुखिस्सा संग्रह भिट्टरके लघुखिस्सा वाचन सुरु कर्ले बटुँ । परटेक डिन ३÷४ ठो लघुखिस्सा वाचन जारि बा । कमैया बस्तीमे भगन्वा लघुखिस्सा संग्रह थारु ओ नेपालि डुनु भासामे बा । यि रचना भर नेपालिमे बाचन कर्टि बटुँ । यकर विसयबस्टु कमैयाकेन्ड्रिट रहल ओर्से ओइनके बारेम गैरथारु आउर जाने फे जानकार हुइट कना हेटुले नेपालिमे वाचन कैगैलक हो ।

महि खुसि लागल बा कि सोम डेमनडौरा, तुला चौधरी, पुनाराम कर्याबरिक्का, अंकर अन्जान लगायट कुछ संघरियन सामाजिक सन्जालमे अनियमिट हुइलेसे फेन रचना वाचन सुरु कर्ले बटाँ । भर्खर ठाकुर करिया प्रधान अपन छाइहे थारु भासामे कालीदासके घमन्डके प्रसंगके बट्कुहि सुनाइ लगाके अपलोड कर्ले बटाँ । हो हमरिहिन जाने पर्ना बाट हो कि भासाहे गिट, कविटा, बट्कुहि कौनो माढ्यम मार्फट पुस्टा हस्टान्टरन करि ।

ओस्टक २०५९ सालमे छपल कमैयाकेन्ड्रिट अपन नेपालि भासाके उपन्यास गन्तव्य पुनर्लेखन कर्टि बटुँ । पुनर्लेखनके कुछ भाग पह्रेबेर असिन लागठ कि मै डुबारा असिन उपन्यास लिखे नै सेकम् । कुछ कुछ प्यारा पह्रेबेर असिन लागठ कि असिक काजे लिख्लुँ । यि टे बहुट अन्खोहर हुइल । पुनर्लेखनके क्रममे अपन पात्रलोगन्के डुख डेख्के अप्नेहे आँस फेन गिरठ । ओइन खुस हुइट डेख्के खुिसक आँस फेन छल्कठ । मनै ओस्टे नै कहठाँ कि साहिट्यकारलोग बौराहा रठाँ, बिना रठे रोइना, बिना रठे हँस्ना ।

बिहान या सन्झा करिब २०/२५ पेज महाभारत पोस्टा रोज्डिन पह्रटि बटुँ । डेउटा राच्छसके लराइ हेर्टि बटुँ । यि भयानक पोस्टाहे आढुनिक सैलिमे कसिक थारु साहिट्यमे छिराइ सेक्जाइठ, चिन्टन कर्टि बटुँ । यि बाहेक पहे्र नै सेकल आउर पोस्टाके पन्ना फेन उघर्टि बटुँ । भर्खरे महेशविक्रम शाहके सटाहा खिस्सा संग्रह भिट्टरके चम्पी खिस्सा पह्रके उहिसे प्रभाविट होके एक कविटा जन्मैलुँ ।

लकडाउनमे अपवाडबाहेक रोज एकठो सलिमा हेर्टि बटुँ । विना खिस्साके सलिमा नै रहठ । सलिमा फेन खिस्सा लेखनमे बल पुगाइठ कना महि लागठ । यि बिचेम बलिउड सिनेकर्मि इरफान खान ओ ऋषि कपुर ओरा गैलाँ । ओइनके मजा मजा सलिमा खोज खोज हेर जा गइल । ओस्टक हेर्ना सँपार नैहुइल विद्याजिके प्रस्टुटि ‘हेर्ने कथा’के मेरमेरिक भाग हेर्टि बटुँ । हुँकार पट्रकारिटाके लावा सैलि बहुट मन परल बा ।

परटेक बरस कैटि रहल थारु साहिट्य सम्मेलन लकडाउनके कारन यि बरस सम्भव नैहुइलमे लकडाउनमे ख्याल बगाल लगायटके प्रस्टुटि भर्चुअल लिटरेचर फेस्टिभलमे सहभागिटा जना गइल । थारु साहिट्यके इटिहासमे यि लावा काम हुइल ।

समग्रमे कविटाकर्म, महाभारत पठन, सलिमा हेरन, उपन्यास पुनर्लेखन, गमलामे पानि डारन, गोसिन्यासे चम्कन बस् अट्रेमे डिन कट्टि बा लकडाउन ।

(लेखक पहुरा थारु दैनिकके पहुना सम्पादक हुइट ।)

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