थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १६ चैत २६४७, शुक्कर ]
[ वि.सं १६ चैत्र २०८०, शुक्रबार ]
[ 29 Mar 2024, Friday ]

सुरेश चौधरीहे भौटिक भुगोल बिसयमे विड्यावारिढि

पहुरा | १७ जेष्ठ २०७७, शनिबार

दाङ, १७ जेठ । गढवा गाउँपालिका–७, घोरहा, दाङदेउखरके सुरेश चौधरी विड्यावारिढि हासिल कर्ले बटाँ ।

उहाँ पर्वटिय प्रकोप ओ वाताबरनिय अनुसन्ढान संस्थान, चिनिया विज्ञान एकेडेमीके विस्वविड्यालय (युनिभर्सिटी अफ चाइनिज एकेडेमी अफ साइन्स), छेन्दु, चीनसे भौटिक भुगोल बिसयमे विड्यावारिढि हासिल कर्लक हुइट ।

सुरेश ‘नेपालके पर्वटिय छेट्रमे खेटियोग्य जग्गक् बाँझोपना, ओकर कारन अइलक सामाजिक टठा वाताबरनिय जोखिम ओ बाँझो जग्गक् डिगो व्यबस्ठापन” सम्वन्ढि अढ्ययन अनुसन्ढान कैले रहिट । विगट १०÷१२ बरससे नेपालमे खेटियोग्य जग्गक बाँझोपना हुइना क्रम बह्रटि गैलक ओरसे उहाँके अढ्ययन अनुसन्ढानसे नेपालके सामाजिक आर्ठिक ओ बाताबरनिय व्यवस्ठापन कैनामे सहयोग पुगि कना अस्रा कर्ले बटाँ ।

चिनिया विज्ञान एकेडेमीके विस्वविड्यालय (युनिभर्सिटी अफ चाइनिज एकेडेमी अफ साइन्स) ओ विज्ञानके विश्व एकेडेमी ९ऋजष्लभकभ ब्अबमझथ या क्अष्भलअभक – त्जभ ध्यचमि ब्अबमझथ या क्अष्भलअभक० के पुर्न छात्रवृत्तिमे अढ्ययन शुरु कैलक डा. चौधरीके बैज्ञानिक ओ अनुसन्ढानमुलक लेखरचना रास्ट्रिय÷अन्टर्रास्ट्रिय जर्नलमे प्रकासिट बटिन । उहाँ अढ्ययनसे पहिले भूकम्प प्रविधि राष्ट्रिय समाज, भैसेपाटी, ललितपुरमे कार्यरट रहिट ।

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