थारु ‘बृहत् शब्दकोष’ प्रकाशित हुइना
दाङ, २४ असार । थारु बृहत् शब्दकोष प्रकाशनके अन्तिम चरणमे पुगल बा । २४ हजारसे ढिउर मूल शब्द रहल शब्दकोषमे दाङ उपत्यका ओ देउखुरी उपत्यकामे बोलजैना देउखुरीया ओ डंगौरा थारु शब्दके अर्थ रहल बावै ।
कोरोनाभाइरसके कारण शब्दकोषके प्रकाशनमे ढिलाइ हुइल लेखक तथा संकलक उदय आले बटैलै । शब्दकोषसे दाङ, देउखुरी, कपिलवस्तु, बाँके, बर्दिया, कैलाली, कन्चनपुर ओ सुर्खेत जिल्लामे बसोबास कैना थारुहुक्रनहे सहयोग पुग्ना बा ।
शब्दकोषहे वैज्ञानिक बनैना प्रयत्न करल विद्यालय, ओ विश्वविद्यालयमे प्रयोग कैना सहज हुइना लेखकके कहाइ बा । दैनिक जीवनमे लौव शब्द पह्रे पैना ओ लोप हुइटी रहल शब्दके संरक्षण समेत हुइना लेखक तथा संकलक आलेके दाबी रहल बा ।
अब्बेसम प्रकाशित हुइल थारु भाषाके किताब नेपाली ओ हिन्दी वर्णक्रममे आधारित रहल ओरसे उच्चारणमे थारु लवज नाइ रहल उहाँके तर्क रहल बा ।
यी शब्दकोषमे थारु भाषा वर्ण निर्धारण करल ओरसे उच्चारणके लाग मानक भाषाके रुपमे काम करे सेकी । कुछ आयातित शब्के थारु समुदायसे आपन भाषिक वर्णमे ढालके प्रयोग करुइयाहे उहे वर्णमे राखल आले बटैलै ।
उदाहरण डेटी उहाँ कहलै “गाडीके समान बोक्न पाछेक भाग ट्रलीहे थारुहुक्रे ‘टराली’ कहठै । मै शब्दकोषमे ओस्टके नै रख्ले बाटुँ ।”