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‘ सार्वजनिक लेखा समितिके प्रतिवेदन ’

वैज्ञानिक वन व्यवस्थापनके नाउमे भ्रष्टाचार

पहुरा | ८ आश्विन २०७७, बिहीबार
वैज्ञानिक वन व्यवस्थापनके नाउमे भ्रष्टाचार

वन व्यवस्थापन कार्यायोजना खारेज कर्ना निर्देशन, सुदूरपश्चिम वन निर्देशक बिष्टसहित ८ उच्च पदस्थ वनअधिकारीहुकन कारवाहीके लाग सिफारिस

लखन चौधरी
धनगढी, ८ कुवाँर ।
संघीय संसदके सार्वजनिक लेखा समिति वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्यविधि २०७१ खारेज करेक लाग सरकारहे निर्देशन डेले बा ।

वैज्ञानिक वन व्यवस्थापनके नाममे व्यापक वन फँडानी, तस्करी, आर्थिक अपचलन हुइल निष्कर्ष निकर्टी उ समिति खारेजीके लाग सरकारले निर्देशन डेहल हो ।

लेखा समिति अन्तरगत सांसद प्रदीप यादवके संयोजकत्वमे वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्यक्रम अध्ययन करेक लाग गठिन उपसमिति आपन प्रतिवेदन २०७७ मार्फत सरकारहे २८ बुँदे निर्देशन डेले बा ।

नीतिगत एवं कानुनी सुधारके लाग सरकारर्हे निर्देशन डेहल उ प्रतिवेदनमे उल्लेख बा, ‘वन ऐन, २०७६ के दफा ८४ मे वन ऐन ओ वन नियमावलीके कार्यान्वयनके लाग आवश्यक पर्न निर्देशिका ओ कार्यविधि नेपाल सरकारसे पारित करेक पर्र्ना व्यवस्था रहलमे तत्कालीन वन तथा भू–संरक्षण मन्त्रालयसे २०७१।७।२७ के सचिवस्तरीय निर्णयसे वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्यविधि, २०७१ लागू करटी आइल डेखगिलओरसे वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्यविधि, २०७१ खारेज करके राष्ट्रिय वन नीति, २०७५ ओ वन ऐन, २०७६ के उद्देश्य अनुरुप वन क्षेत्रके आर्थिक, सामाजिक ओ वातावरणीय पक्ष समेत विचार करके सहभागितामूलक रुपमे दिगो वन व्यवस्थापन कर्ना आवश्यक पर्न सूचक सहितके राष्ट्रिय मापदण्ड तर्जुमा करके लागू करेक लाग नेपाल सरकारहे निर्देशन डेना ।’

साथे वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्ययोजना किल तर्जुमा करके कार्यान्वयन कर्लेसे वन तथा वातावरणके विनाश ओ आर्थिक क्षति हुइल ठहर करगिल बा । जौनकारण उ उपसमिति वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्ययोजना तत्काल खारेज करके वन ऐन, २०७६ के दफा ११ बमोजिम वन तथा वातावरण मन्त्रालयके संयोजनमे आर्थिक, सामाजिक ओ वातावरणीय पक्षके समेत विचार करके एकिकृत वा प्रदेशगत तहमे वनसम्बन्धी रणनीतिक योजना तर्जुमा करेक पर्र्ना औल्याइले बा । वनसम्बन्धी रणनीतिक योजना तर्जुमा सामुदायिक वन ओ साझेदारी वन सम्बन्धी दिगो वन व्यवस्थापन कार्ययोजना तर्जुमा कर्ना ओ ओहिहे कार्यान्वयन करके वन व्यवस्थापन करेक लाग सरकारहे निर्देशन डेहल हो ।

यहेबीच उपसमिति वैज्ञाानिक वन कार्यायोजना कार्यान्वयनमे रहल वनके उच्च पदस्थ अधिकारीहुकन समेत कारवाहीके लाग निर्देशन डेले बा ।

उ प्रतिवेदन अनुसार सुदुरपश्चिम प्रदेश वन निर्देशक हेमराज विष्टसहित ८ जहनहे कारवाहीके लाग निर्देशन डेले बा ।

वन निर्देशक बिष्ट साझेदारी वन कटान प्लट निरीक्षण कर्ना क्रममे काठ व्यावसायीहुकनसे मिलेमतो करके अवैध रुख कटानहे वैध बनैना काम करके अख्तियारके दुरुपयोग ओ भष्टाचार करल औल्यागिल बा । साझेदारी वन ओ सामुदायिक वनके साधारण सभा, कार्यसमिति पदाधिकारी ओ वन कर्मचारीहुकनके मिलेमतोमे तयार करल किर्ते कागजहे आधार मानके किर्ते करल जानजानके रुखुवा कटानहे सदर ओ सहमति डेके अनियमितता करल ठहर करगिल बा । कलेसे, वातावरण संरक्षण ऐन, २०६७ ओ वन ऐन, २०७६ विपरित चुरे वातावरण संरक्षण क्षेत्र ओ वन संरक्षण क्षेत्रमे वन विनाश हुइना मेरके रुख कटान कर्ना सहमति डेके अख्तियार दुरुपयोग ओ राष्ट्रिय सम्पत्ति हानी नोक्सानी करल कहटी निर्देशक बिष्टहे कारवाहीके लाग निर्देशन डेगिल हो ।

डिभिजन वन कार्यालय, पहलमानपुर, कैलालीके डिभिजनल वन अधिकृत कृष्णदत्त भट्ट, डिभजन वन कार्यालय, धनगढीका वन अधिकृत रामचन्द्र कंडेल, डिभिजन वन कार्यालय, कञ्चनपुरका वन अधिकृत अजयविक्रम मानन्धर, कपिलवस्तु डिभिजन वन कार्यालय, तौलिहवा, कपिलवस्तु, डिभिजनल वन अधिकृत इश्वरी प्रसाद पौडेल, डिभिजन वन कार्यालय, नवलपुर, डिभिजनल वन अधिकृत विजयराज सुवेदी, डिभिजन वन कार्यालय, कमलामाई, सिन्धुलीका वन अधिकृत नारायण श्रेष्ठ, डभिजन वन कार्यालय, मरिन, सिन्धुलीका वन अधिकृत पुष्पराज बर्तौलाहे फेन कारवाहीके लाग निर्देशन डेगिल बा ।

उपभोक्ता समूहके साधारण सभामे किर्ते कागज बनैना, टमान मेरके वन विनाश हुइना गरी वैज्ञानिक वनके किर्ते कार्ययोजना बनाके स्वीकृत कर्ना ओ काठ व्यवसायीहुकनके मिलेमतोमे अवैध कटान आदेश डेना गरी अख्तियार दुरुपयोग ओ भ्रष्टाचार करल समिति ठहर कर्ले बा । वातावरण संरक्षण ऐन, २०६७ ओ वन ऐन, २०७६ विपरित चुरे वातावरण संरक्षण क्षेत्र ओ वन संरक्षण क्षेत्रमे वन विनाश हुइना गरी रुख कटान कर्ना आदेश डेके अख्तियार दुरुपयोग ओ राष्ट्रिय सम्पत्ति हानी नोक्सानी करल ओ काठ व्यावसायीहुकनसे मिलेमतो करके अस्वाभाविक रुपमे उच्चस्तरके जीवनशैली अप्नाके अवैध सम्पत्ति आर्जन करल आरोप लगैटी उ उपसमिति कारवाहीके लाग निर्देशन डेहल हो ।

समिति कैलाली, कञ्चनपुर, कपिलवस्तु, नवलपुर, सिन्धुलीलगायत जिल्लामे वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्ययोजना लागू करल सामुदायिक वन ओ साझेदारी वन उपभोक्ता समूहके पदाधिकारी, प्रदेशके वन कार्यालयके पदाधिकारी, डिभिजनल वन कार्यालयके कर्मचारी तथा कार्ययोजना बनुइया परामर्शदाता ओ काठ कटानमे संलग्न व्यक्तिहुकन पहिचान ओ थप छानबिन करके कानुनी कारबाही करेक लाग अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोगहे निर्देशन डेगिल बा ।

सांसद यादवके संयोजकत्वमे रहल उपसमितिमे सांसद प्रेम आले, मीन सुब्बा रहल रहिट । उ उपसमिति वैज्ञानिक वन व्यवस्थापन कार्यायोजना लागु करल जिल्लामे असार महिनामे स्थलगत अनुगमन करल रहे ।

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