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विपन्न परिवारके डाक्टर अपने गाउँमे खोल्नै अस्पताल

पहुरा | २३ आश्विन २०७७, शुक्रबार
विपन्न परिवारके डाक्टर अपने गाउँमे खोल्नै अस्पताल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी,२३ कुवाँर ।
गाउँके विद्यालयमे पह्रना फुलराम चौधरी बाल्यकालके समयमे डाक्टर बनम कहिके कल्पनासमफे करले नइरहिट । कैलालीके गोदावरी नगरपालिका वडा नं. १ अत्तरियामे जन्मल चौधरीके परिवार कृषि पेशामे निर्भर रहे । ३२ जानेक संयुक्त परिवारमे हुर्कल चौधरी प्रारम्भिक शिक्षा अध्ययन करेक लाग गेटीमे रहल सिद्धबाबा माविमे १७ जाने डाडभैयासंगे जैना करिट । खेतीबारीके कामसंगे अध्ययन करे पर्ना बाध्यता हुूइलपाछे उहाँ पढाईमे अब्बल रहिट ।

गाउँके बिद्यालयसे १० कक्षासमके अध्ययन सेक्के काम कैना कना दोधारमे परल चौधरी स्वास्थ्य क्षेत्रमे लागे परठ कना प्रेरणा भर अपने काकीसे पैलै । उ बेला उहाँक काकी सोमती चौधरी गेटा आखाँ अस्पतालमे स्विपरके काम करिट । ‘काकी अस्पतालमे काम कैना ओरसे महीहे स्वास्थ्य क्षेत्रमे लग्ना सल्लाह डेली,’ डा. चौधरी कहलै, ‘उ समयमे डाक्टर पह्रेक लाग आर्थिक अवस्थाफे कमजोर हुइल ओरसे एचए पढ्ना कहिके काठमाण्डौं गैनु ।’ काठमाण्डौंसे एचएके पह्राई सेक्केफे उहाँ गाउँमे सेवा कैना कहिके कैलाली लौटलै । उ बेला उहाँक परिवार कञ्चनपुरके कृष्णपुर नगरपालिका वडा नं. ६ सिंहपुरमे बैठना ओरसे उहाँ उहे नगरपालिकाके गुलरिया बजारमे क्लिनिक संचालन करलै ।

अपने ठाउँमे अस्पताल खोलके बिरामीके सेवा करे पाके बहुट सन्तुष्टि मिलल बा, यी क्षेत्रके बिरामी धनगढी जाई पर्ना बाध्यताके अन्त्य कैना गाउँमे अस्पताल खोलगिल हो ।

‘गाउँमे क्लिनिक संचालन करके मै सन्तुष्ट रहु । मने ढेर जैसिन बिरामीहे अस्पतालके सेवा आवश्यक पर्ना हुइल ओरसे मै बिरामीहे क्लिनिकसे अन्यत्र पठाई परे उहाँ कहलै,‘गुलरियामे एक ठो फे अस्पताल नइहुइल ओरसे बिरामीहुकनके गाउँमे उपचार करे लाग अपनही डाक्टर बन्न सोच बनैलै ।’ डाक्टर बानेक लाग उहाँसे संचालनमे रहल क्लिनिक समेत बन्द करे परल । ‘डाक्टर बन्न सोच हुइलेसेफे आर्थिक अवस्था कमजोर रहे,’ डा. चौधरी कहलै,‘अपन गाउँमे सेवा कैना सोचहे साकार पर्ना कुछ पुख्र्यौली सम्पती बेच्लै ।’

४ बर्ष आघे चाईनासे एमबिबिएससमके अध्ययन करके नेपाल आइल उहाँ सरकारी अस्पतालमे काम करलेसेफे अपने गाउँमे अस्पताल खोल्न सपनाहे भर मरे नइडेलै । ‘कोरोना महामारी भरखरे सुदूरपश्चिममे फैल्टी रहे । ‘संक्रमितहुक्रे अस्तालमे बेड नइपाइटिहिट,’ उहाँ कहलै, ‘यहि समयमे गाउँमे अस्पताल खोल्के समस्यामे परल ओरसे सहयोग पैही कहिके महामारीके बिच करिब १ करोडके लगानी करके अस्पताल संचालन करल हुँ ।’ यिहे बर्षके असार महिनामे अस्पताल संचालनमे नानल उहाँ कृष्णपुर नगरपालिकाके मुख्य केन्द्रमे रहल गुलरियामे एक ठो फे अस्पताल नइरहेबेर यी क्षेत्रके बिरामी धनगढी जाई पर्ना बाध्यताके अन्त्य कैना गाउँमे अस्पताल खोलल बटैलै ।

‘अपने ठाउँमे अस्पताल खोलके बिरामीके सेवा करे पाके बहुट सन्तुष्टि मिलल बा,’ उहाँ कहलै, ‘अब्बे अस्पतालसे ओपिडी, इमर्जेन्सी, भिडियो एक्सरे लगायतके सेवा प्रदान करटी रहल बाटी ।’ उहाँ अस्पतालमे बाहेरसेफे विशेषक्ष डाक्टर नानके सेवा डेटी रहल बटैलै । ‘भविष्यमे अस्पतालमे सेवा सुविधाहे थप प्रभावकारी बनैना योजना बा । कुछ समयमे अस्पतालमे सामान्य अपरेशके सेवाफे डेना योजना बा’ उहाँ कहलै, ‘विरामीहे अधिकतम सेवा गाउँके अस्पतालमे डेना कहिके लागल बाटी ।’ उहाँ भबिष्यमे अस्पतालके शाखा झलारीमेफे खोल्न योजना बनाइल बटैलै ।

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