बालभोज न्यूनीकरण करी
पहिलेक जवानामे थारु समुदाय भिटर डाईबाबा अपन लर्कनके छोटेम भोज कैना डेना चलन रहे । अटरा केल नाही लर्का भुरीम रहेबेर सम्ढा–सम्ढी जोरलेना, लर्का हुइटीकी डोना साटलेना चलन रहे, ओ छोटेम भोजविहा कैडेना चलन रहे । थारु समुदायमे केल नाही पहाडी समुदायमे छाई लर्का महिनावारी हुइनासे पहिले भोज कैडेना चलन रहे । जिहीसे छोट लर्कनके शारीरिक ओ मानसिक बृद्धि हुई नइसेक्के भविष्य अन्धकारमे ढकेलल रहे । ओइनमे शिक्षा, स्वास्थ्यसे बन्चित हुइल रहिट, छोटेम लर्का जलमा डारिट, एक/दुई लर्का केल नाही प्रायःजैसिन ७/८ से कम लर्का नइजलमाइट । ढेर लर्का हुइलक कारण बहुट जैसिन शिक्षासे बन्चित हुई पर्ना बाध्यता रहे ।
उ चाही पहिले जामानाके बाट हो । ढिरे–ढिरे कानून बन्टी गैल, डुनियाफे बडल्टी गैलपाछे छोटेम भोजविहा कैडेना चलनफे हेराइल । मने अब्बे फेरसे प्रविधिके विकाससंगे सामाजिक संजाल फेसबुक आइल, छोट–छोट लर्कनके हाठेम एन्ड्रोइट सरकैना मोवाइल आइल संघरिया बनैटी हेलो हाई करटी, अडियो÷भिडियो च्याट हुके उहेसे माया प्रीति सुरु हुइटी भागके भोजकैना चलन बह्रल बा । छोटेम भागके विहाबन्धनमे बाँढल कारण ढेर जैसिन लउण्डा–लउण्डी शिक्षा पैनासे बन्चित हुइल बाटै । अब्बेक अवस्था हेरेबेर ढेर जैसिन लउण्डा लउण्डी १६ बरससे टरेक उमेरमे भागके भोज करल तथ्यांकसे डेखाइठ ।
नेपालके कानूनसे भोज कैना व्यक्तिके उमेर २० बरस पुग्गे पर्ना अनिवार्य करले बा । मुलुकी अपराध (संहिता) ऐन, २०७४ के भाग २ के परिच्छेद (११) मे उल्लेखित विवाह सम्बन्धी कसुरमे बीस वर्ष नइपुगल हुइलेसे विवाहस्वतः बदर हुई । यदि कोई २० वर्ष उमेर नइपुगके भोज करलेसे वा करैलेसे ओसिन मनैनहे तीन वर्षसम कैद ओ तीस हजार रुप्यासम जरिवाना हुइना व्यवस्था करल बा ।
गाउँमे बालभोज हुइटी अइलेसेफे परिवार ओ समाजसे गुपचुप राखल बिल्गाइठ । जिल्ला प्रहरी कार्यालय कैलालीमे आर्थिक वर्ष २०७६/०७७ मे एक ठो बालभोजके मुद्दा परल रहे कलेसे २०७७/०७८ के भदौ मसान्त सममे जम्माजम्मी २ ठो केल मुद्दा दर्ता हुइल बा । कानूनसे भोजके लाग उमेर तोक्टी उ विपरित कार्य करुइया उप्पर दण्ड जरिवानाके व्यवस्था करलेसेफे बालभोज रोके नइसेकल हो ।
बालभोज जघन्य अपराध हो । यकर कारण बालबालिकाहुकनहे सुरक्षित वातावरणमे पह्रना लिख्ना अधिकारसे वञ्चित हुइना केल नाही, ओइनके जीवन समेत बर्बाद हुइठ । बालभोज अन्त्यके लाग विद्यालयमे बालविवाह सम्बन्धि अलग पाठ्यक्रम समावेश कैनाके साथे शिक्षक ओ अभिभावकहुकन बीचफे निरन्तर छलफल हुई पर्ना आवश्यकता विल्गाइठ । सामाजिक कुसंस्कारके रुपमे रहल बालभोजके अन्त्यके लाग कानून केल नाही, सामाजिक चेतनाफे ओटरे महत्वपूर्ण विल्गाइल बा । यम्ने अभिभावक, विद्यालय, स्थानीय निकाय ओ समुदाय चनाख हुइना जरूरी बा । टबमारे स्थानीय सरकारसे बालभोजके विरुद्ध जनचेतना जगैना प्रभावकारी कार्यक्रम गाउँगाउँसम लैजैना आवश्यक बा ।