डशिया सुरु, थारुहुक्रे आज जेउँरा ढर्ना
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २ कार्तिक । हिन्दु परम्परा अनुसार डुटिया (जोन्ह्य) हेरलक दिन जेउँरा ढर्ना चलन रहल बा, मने थारु समुदायसे भर आज सकारे (डुटिया हेरलक डुसर दिन) जेउरा ढरटी रहल बाटै ।
थारुहुक्रे भर परम्परासे डुटिया हेरलक दुसर दिन जेउँरा ढरटी आइल चलन अनुसार आज सकारे विधि रुपमे जेउँरा ढारे लागल हुइट । पञ्चाङ निर्णायक समितिसे भर जेउँरा ढरना (घटस्थापना) के उत्तम साइत शनिच्चरके रोज दिनके ११ः४६ टोक्ले रहे ।
थारु बृद्धिजीवी तथा धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ८ धनगढी गाउँक भल्मन्सा सरोज चौधरी थारु समुदाय पुर्खोसे डुटिया हेरलक दुसर दिन जेउँरा ढरटी आइल ओरसे अपनेहुक्रेफे आज सकारे लहालहुके जेउँरा ढरना बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘हमार पुर्खाहुक्रे अभिनसम डुटिया हेरलक दुसर दिन जेउँरा ढारिट, उहे अनुसार हम्रे ओइनके सिखाइल चालचलनहे निरन्तरता डेटी आइल बटी ।’ सकारे या साँझके लहालहुके डेउटनाके कोठक पाटामे (डेहुरार) जेउँरा ढरटी आइल उहाँ कहलै । आघेक बरस धुमधामसे टरटिहुवार मनाइल मने यी बरस भर कोरोनाके जोखिम रहल ओरसे परिस्थिती हेरके डशिया मनैना भल्मन्सा चौधरी बटैठै ।
‘डशियामे टिकाके रोज भल्मन्सक घर गाउँभरिक मनै जुटके सामुुहिक रुपमे टिका चलैना चलन बा,’ भल्मन्सा सरोज कहलै, ‘यी बरस कोरोना संक्रमणके संन्त्रास रहल बा, प्रशासनसे जारी करल सूचना अनुसार टिका लगैना ओ डशिया मनैना कार्यक्रम तय करजाई ।’ कोरोना संक्रमण तिब्र गतिमे बह्रटी रहल ओरसे गाउँबासीनहे सचेत हुके घर–घरमे डशिया मनैना भल्मन्सा आग्रह करलै ।
थारु नागरिक समाज कैलालीके संयोजक दिल बहादुर चौधरीफे थारु समुदायसे डुटिया हेरलक दुसर दिन ढेर जैसिन थारुहुक्रे जेउँरा ढरटी आइल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘हम्रेफे जेउँरा नइढरले हुई, पुर्खाहुक्रे डुटिया हेरलक दुसर दिन जेउँरा ढारिट उहे अनुसार आज सकारे विधि अनुसार जेउँरा ढाराटी ।’
थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य तथा थारु बुद्धिजिवी प्रभातकुमार चौधरी हिन्दु परम्परा अनुसार डुटिया हेरलक दिन जेउँरा ढरना चलन रहल मने कोई–कोई थारुहुक्रेफे आब ज्योतिसके पत्र हेरके ओकर सिको करे लागल बटैलै ।
धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ५ जाँई गाउँक भल्मन्सा कुलविर चौधरीफे अपनेहुक्रे पुर्खासे चलन अनुसार आज सकारे जेउँरा ढारे लागल बटैलै । उहाँ आने सालक डशिया रहरङगी करटी, नाँचगान करटी मनागैल, मने अशौ भर कोरोना संक्रमणके डर बा, ज्यादा भीरभार नइकरके घर–घरमे डशिया विचार रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘आने सालके डशियक टिका गाउँभरिक मनै जुटके भल्मन्सक घर लगाजाए, यी बरस भर सामाजिक दुरी कायम करटी मास्का सेनीटाइजरके व्यवस्था सहिट डशिया ठन्वामे मनैना ओ टीका लगैना सल्लाह हुइटी बा ।’
थारु महिला बुद्धिजीवी तथा थारु कल्याणकारिणी सभाके पूर्व सह–महामन्त्री इन्दिरा चौधरी कहली, ‘पहिले–पहिले थारुहुक्रे डुटिया हेरके दुसर दिन जेउँरा ढारिट मने कोक्रो–कोक्रो भर डुटियक हेरलक रोजफे ढरना चलन बटिन ।’
यी बरसके डशिया सुरु हुसेकल ओरसे पाँच गते दहितथारुनके श्राद्ध डेना दिन, ६ गते झोल झरैना दिन, ७ गते पैनसटोपी ढुइना दिन, ८ गते ढिकरहुवा, ९ गते पिटरहुवा/मुर्गी पुज्ना दिन ओ १० गते टिका लगैना दिन परल बा ।
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