स्कुल लग्गे नैरलक साँसट

संसारके हरेक परानि जिन्गि पइले रठा । ओस्टके मनैक जलम पाके मै फेन इ ढरटिम अइना सुरबाड पइलुँ । केक्रो जिन्गि बह्रियासे बिटठ केक्रो मेरमेरिक समस्यासे पार करटि बिटठ । जब मै जन्मलुँ टे मोर सँगे डाइ, बाबा, बुडु, बुडि ओ एकठो भैया रहे । छोटेम सक्कु जाने मजा मन्ठा काहुन्, महि फेन घरक मनै अपन अपन पाले खेलैटि सयान करैला । जाने जुकुर हुइलुँ टे बरा प्यारसे महि छोट छोट काम अर्हाइ लग्ला । महि फेन अपनसे हुइना काम करक पाके खुसि लागे ।
सबसे मजा महि बुडु माने नइ जानु टे हरेक काम महि मजासे सिखाए । कोइ कुछ कहि डेहे टे परगाह फेन लागे । घरक काम ढन्ढाभर डाइ सिखाइंट । सायड मै बरा होके डोसर घर जउइया रलक ओरसे हो कि, बिचार करलुँ । डाइ सिखैले रहिंहि टे भला हरेक काम अपन जिन्गिमे करे सेकम । लेकिन का कैना हो परगाह लगुइया बुडु फेन ओरागैला । सब जाने कहठा कि मै कुछु करे नै सेकम का करे कि मै कमजोर बटुँ । हमार सक्हुनके अपन अपन उडेस्य ओ लच्छ्य रहठ । ओहे करे हम्रे आउर जे जा जा कहिंट कहे डेना हो ओ ओइन के बाट नै सुन के आपन लच्छ्य ओर लग्ना हो । छुटि रबो टे डाइ ओ बाबा कैह डेह्ठा कि छाइ टैं भविस्य मे जाके डाक्टर, इन्जिनियर हस भारि मनै बनिस । भविस्य मे टे जा बन्ना रहि डेखल जाइ ।
जब मै ३ बरसके हुइलुँ टब से मै स्कुल जैना सुरु कैलुँ । बुवा दाङदेउखरके बर्का घुम्ना के सरकारी स्कुल मे पर्हाइट । टे मै बुवाक स्कुलमे बुवाक सँगे पह्रे जाइ लग्नु । बुवाक स्कुलसे डोसुर ठाँउ मे सरुवा हुइलिन टे मै डोसुर स्कुलमे पहे्र लग्नु । मोर बुडु लमही बजारमे एकठो संस्ठामे काम करिट । बुडु के १० बजे से अफिस खुलिन टे महिहे लेके स्कुल जाँइट । ओ मोर ४ बजे छुट्टी हुए । टे मै बडाइ ओ बरापु के घर बैठुँ । जब बुडु अपन अफिस से आइट कलेसे मै उहाँक सँगे घरे आउँ । कबो कबो टे अँंढार घर पुगि । मने हमार बुडुक बर्का छावा, हमार बरापु कुछु नै कहिंट कि अट्रा राट हु गैल ना जाउ कुल कैह के । टब्बे मै बरापुन के घरक लग्गे रलक स्कुल टाइनी टट्स मे पर्हुं । मै शिसु से लेके ३ कक्षा सम्म उहे पर्ह्रलु । मै २ कक्षा टे नै पर्ह्रलु । का करे कि मै छोटेमे टगडा रहुँ । ओहे करे मै एक्फाले २ नै पर्हके ३ मे गैलुँ । बडाइक घरसे आइबेर अँढरिया राट परे कलेसे राटके घरे आइबेर डर लागे हस करे । डिन बिट्टि गैलस मै जवान हुइटि गैलुँ । ३ सम मै ओंहे पढ्लुँ टब फे डोसर स्कुल मे भराना हुइलुँ ।
मै अपन भैया के स्कुल श्री घुम्ना लिटिल स्टार स्कुल मे पहे्र लग्नु । ४ ठेन्से लेके ५ सम्म मै ओहें पह्रलुँ । स्कुल छोट्नक रहे लेकिन पह्रना वाटावरण एक्डमे मजा रहे । स्कुलके चौर आँजर पाँजर फुला फुल्याइल रहे । मने उ स्कुल ५ सम किल रहे ओहे करे उ स्कुल मे २ बरस किल पढ्लुँ । मै उ स्कुल मे पढेबेर ढेर मोर कच्छम् बिड्यार्ठि फेन नै रहि ७, ८ जे किल रहि । मै स्कुल जाइ बेर भैया हे लेले स्कुल जाउँ ओ घरे आइबेर लेले आउँ । उ स्कुलमे मोर डिन फे मजासे कटल । ओ मै ४ ओ ५ मे पढेबेर पहिला आइल रहुँ । ओहाँ कच्छा ओरइलक ओरसे सक्कु सँघरियन लमही बजारके जइन्द्र स्कुलमे गैलक मारे महुँ फेन ओहें जाके पढे लग्लुँ ।
हमार स्कुल के बस पठरपुरवा गाउँसम लेहे आए । मै कबो सँघरियन के सँगे जाउँ, पाछे पैडल जैना कर्रा परे लागल टे मै गाउँमे बस पठाइ परल कना बाटमे जोर करलुँ । बर्खा छेक मन्के अप्ठ्यार लागे । पानि अइलेसे बाढ नाँघके स्कुल जाइ पर्ना । ६ कक्षामे पढेबेर मै सुरु मे खास्से अनुभव नै हुइल रहे मने पाछे पाछे सक्कु बाट बुझ्टि गइलुँ । अचकल बस गँउहिमे अइलक ओरसे बहुट फोंहि लागठ । मने महि स्कुल लैजैना, लन्ना बुडु ३ बरस पहिले जाट्टिसे भगन्वक् घर गइल कारन महा डुख लागठ ।
कक्षाः ९
जइन्द्र बोर्डिङ स्कुल, लमही, दाङदेउखर
