थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
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[ वि.सं ५ जेष्ठ २०८१, शनिबार ]
[ 18 May 2024, Saturday ]

माघ ओ मोटरसाइकल

पहुरा | १८ माघ २०७७, आईतवार
माघ ओ मोटरसाइकल

अब्बे विश्व कोरोना कहरसे गिलगिल ओ पिलपिल हुइल बा । अइसिन महामारी अवस्थामे माघ होए या औरे टर/टिहुवार मजासे मनाइ नैसेक्जाइठ । टब फेन इ बरसके औरे टिहुवार अट्वारी, अस्टिम्की, डस्या, डियाडेवारीसे माघ मजैसे मनैली । ढेर दिन हुइ गिल कोरानाके, टबे सायद ढिँठा गिल बाट मनै । इ लेखमे मै इ बरसके माघक खुर्बुसनि सम्झना समोटले बटुँ ।

हमार अफिस पहुरा थारु दैनिकमे फेन माघ मनाइक लाग तयारी हुइ लागल रहे पुस अट्ठाइसे गतेसे । हमार व्यवस्थापक दुर्जनजी माघ मनैना सक्कहुनहे तलब बाँट् डरलैं ओहे दिन । ओ, साँझके अफिसके सब सदस्य मिलके माघेक चुक्की फे खा डरली ।

माघ आघेक दिन

माघ आघेक दिन अर्थात् पुसके अन्तिम दिन घरे जाके सुरिक सिकार खैना रहे । मने अफिससे छुट्टि नैपाके हम्रे दादाभैया धनगढी पली रहि । बिहान्ने जिता मारके पकुवा खैना जुनसम मै अफिसमे पलिरहुँ । ओ, भैयक फेन आधा दिनसम ड्युटि करे परना । ओहोर छुट्की भैया माघेक अवसरमे मोटरसाइकल खरिदब कहिके हम्रिहिन अत्तरिया बजारके सोरुम बलाइल । यहाँ हम्रे अपन अपन अफिसमे काम ओरवाके कलुवा खैना जुन अल्लगेसे सिकार नान्के माघ मनालेली ।

जब धनगढीसे अत्तरिया जैना हुइल, टब बस भरके मनै ठुँसल । लग्गे नइ बैठैना डुरभर लैजाब हुन् । दुई बस चिटैली नैबैठे मिलल् । टेसर बसमे गैली टे सँगे रहल डुसर भैया गल्टीसे पहलमानपुर जाब कहि मरलैं, बसवाला झटसे बैठालेहल । हिन्दी सलिमा ‘जग्गा जासुस’ मे अनुराग वासु ‘गल्तीसे मिस्टेक…’ कहेहस कबुकाल गल्टीले फेन काम बनठ काहुन । हुइना टे जबसम गल्टी नैकरबो टबसम नैसिख्बो फेन कठैं ।

ओहोर मोटरसाइकल लेहे अत्तरिया पुगल दुई भाइ ओ हम्रे यहाँ धनगढीसे दुई भाइ ओहैं सोरुममे भेट हुइली । यहाँसे घरे पुगटसम साँझ होगिल । मोटरसाइकलके पाछे लागट लागट मघहा जिताके पटे नै । अन्टमे साँझके एकठो ब्रोइलर मुर्गामे भहरा गिली । यिहिहे खुसियाली कही चाहे माघेक जिता । पहिले हस रहट कलेसे रातभर धमार गैटी । हम्रे आज युट्युबमे गायिका समीक्षा चौधरीके ‘साटो जुनी साथ नि छोरम…’ धमार सुनके चित्त बुझैली ।

माघ लहान

माघ १ गते माघ लहानमे सबकोइ बिहाने लहाखोरके गंगा पुजा करके चाउर, नोन, पैसा छुना ओ अपन पुर्खाहुकनहे सेवाढोक लाग्के आर्शिवाद लेना दिन । आझिक दिन लहाके आगी टप्लेसे बरस भरिक पाप पुहठ हुन । ओहोर दाङ–देउखरके रिहार थारू समुदायके परम्परागत डेउठानके रूपमे बा । यहाँक टाटुल कुन्डमे लहाए माघेक दिन भक्तजनहुकनके भारी भिर रहठ । यहाँ लहैलेसे मनोकामना पूरा हुइना, निःसन्तानहुक्रे सन्तान पैना कना धार्मिक विश्वास बा । मने रिहार जैना फुर्सद कहाँ ?

हम्रे बिहन्नी लहाखोरके घरे डाइ, बडाइ, काका काकीनहे सेवाढोक लागके नानीसे आशिर्वाद लेहे सिसैया जाइ कि ? बुडीसे सुर्वाद लेहे थेवै जाइ कहिके सोचटी रही । टब्बे सिसैयासे नानी आइटी कना खबर आइल । मै सोच्नु नानी आइ टे नानीसे आशिर्वाद लेके, थेवै बुडीक ठन जाब । मने, यहोरओहोर करट करट बुडीसे सुर्वाद लेहे नइ मिलल इ साल । काहेकि डुसर दिन ‘खिचरहवा’ रोज हमार गाउँमे भुरा खेल हुइना रहे । भैया जो दुई बरसके भल्मन्सा खेलाके आब औरे जहनहे पाली डेहटहिट । ओहोर डाई दिदीहे निसराउ डेना व्यवस्था मिलाइटेहे । छुवल चाउर, दाल, पैसा ओ ओम्हे कुछ ठपठाप करके निसराउस्वरूप छाइनहे डेजाइठ ।

खोज्नी बोज्नी

एकओर भुरा खेल रहे कलेसे डुसरओर लावा बाइक सिखेक लाग आझुक दिन छुट्या गइल रहे । कलुवा जुन खोज्नी बोज्नीके लाग किसनुवन जुटे लागल रहिट । सब किसनुवा जुटलबाड धनगढीस्थित ए प्लस इन्जिनियरिङमे लेखापाल रहल अब्बेक भल्मन्सा असौक भल्मन्सा के बन्ना कहिके बाट उठैलैं । कुछ समयके छलफलसे बर्कान घरेक भौजी ईन्द्रदेवी चौधरी भल्मन्सा बन्ना जनैली ।

भौजी भल्मन्सा बन्ना जनैटी साइट सबकोइ उहाँहे सर्वसम्मतसे भल्मन्सा पारिट करली । उहाँ जो आपन गाउँक विकास निर्माण क्षेत्रमे हरडम अग्रपंक्तिमे रहिके काम करना प्रण कर्ले बाटी । उहाँ गाउँ चलाइक लाग आपन कन्ढा बलगर बनाके गाउँक नेतृत्व सम्हारे सेकम कहिके भल्मन्सा बनल बाटी । पुरान भल्मन्सा श्रवण चौधरी दुई बरसमे हुइल गतिविधिबारे जानकारी करैलैं । उहाँ गाउँमे काम करेबेर कुछ भुलचुक हुइ कलेसे दुई गुना माफ मग्टी लावा भल्मन्साहे जिम्मेवारी सौप्लैं ।

ओहोर भुरा खेल सँगसँगे मोरिक मोटरसाइकल चलैना तालिम फेन चल्टी रहे । कबु नै मोटरसाइकल चलाइल मनै मै पहिलबार बजाज कम्पनीके १५० सिसि डबल डिस्कवाला पल्सर बाइक चलाइटहु । पाछे मोर भैया बैठके सिखाइ टहिट, जो पुरान भल्मन्सा हुइट । उहाँक आधा घण्टाके सिखाइवाड मोटरसाइकल टे नेगल मने अभिन गारिक क्लज, एक्सिलेटर, गेर, ब्रेकके टाल नइ मिलल ।

महिन लागे सायद मै गारी नैचलाइ सेकम, मने आज मोर हाँठसे फेन नेंगल मोटरसाइकल । नै पुहैना लडिया पुहाइठ कहेहस बाइक मोर हाँठसे डौरटेहे । कौनो फेन चिज असम्भव नैरहठ कना आज प्रमाणित हुइल रहे मोर जिन्गिमे फेन । मनै डेसडुनिया घुमके टमान सिख लेहेसेक्ठैं । मने, घरगाउँमे फेन हमार टमान बुजुर्कलोग बाटै जेहिसे हम्रे टमान सिख लेहे सेक्ठी ।

यिहे कोरोना कहरके माहोलके लकबन्दीमे हम्रे सहरबजारसे घरे घुम्ली । लकबन्दीमे फेन परम्परागत टमान सिप सिख्ना अवसर बरवार रहे । जस्टे मै यिहे लकबन्दीमे लसरी भांगके पगहा बनाइ सिख्नु । रबरके गुर्टा खेलाइ नैजन्लेसे फेन ठुल्हवा डोरक् फिट्का बनाइ जन्नु । टमान दिदीबाबुनहुक्रे कोइ बेना, कोइ ढकिया, कोइ पइनटोप्नी बनाइ सिखल । सुप्पा, छिटुवा, डिल्या, गेड्ली, छट्री, ढह्रिया, खोँघिया, ट्टरी, हेल्का, जाल लगायटके टमान मेरिक चिज गाउँघरमे फेन सिखे सेकजाइठ । यहोर फेन लावा पुस्ता ध्यान डेहेना जरुरी बा ।

अन्तमे

थारु अगुवाहुक्रे माघ मनाइक लाग तीन दिन छुट्टिक सवाल उठैलै बाटैं । तीन दिन बिदाके माग कब सार्थक हुइ इ भर अभिन कहे नैसेक्जाइ । ओ, हमार फेन माघ मनाके ओराइलसँग खोज्नीबोज्नी निम्जल रहे ।

कोरोना प्रभावसे हुइ इ साल औरे बरसहस बजार, महोत्सव नैलागल रहे । हुइना टे बुट्काबाबा ओ कोसमबाबामे बजार लगैना बटागिल रहे । उहाँ फेन नाउँ पारे भरिक किल डुकान रहल जानकारीमे आइल । हम्रे फेन अपन घरेक सरसल्लाह मिलैली । घरे रहल कुछ काम करली । ओ, धनगढी आइक लाग खुडुरबुडुर सामान उठैली । काहे कि डोसर बिहाने काममे लग्ना रहे । बिहान पहलमानपुरसे बस पकरली ओ चल अइली धनगढी अपन अपन कामेम ।

मोर लग इ बरसके माघके सब्से बरा उपलब्धी कलक मोटरसाइकल सिखाइ हुइल । आब धनगढी बजारेम फेन मोटरसाइकल चलाइ सेक्ना हिम्मत जुटाइ पर्ना बा । मने महि भरभेड्डा पो के डि ?

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