उद्यममे थारु युवा

कैलालीके कैलारी गाउँपालिका–७, भुइयाँफाटाके युवा दशरथ चौधरी, पुरन चौधरी, अर्पण चौधरी, भुवन चौधरी लगायत संघरियन मिल्के टोफू उद्योगके सुरुवात करले बाटैं । धनगढी उपमहानगरपालिका–८, धनगढी गाउँमे हंस सोया पनिर उद्योग खुल्लक हो । इ थारु उद्यमीनके कहाइ अन्सार सुदूरपश्चिममे सोया पनिर उत्पादन उद्योग संचालन करल पहिल प्रयास हो । इहिसे पहिले उ क्षेत्रमे इ मेरिक उद्योग नै रहे ।
ओसिन टे पनिर जस्टे डेखैना टोफूके बारेमे शायद ढेर जनहन पटा नै हुइ । यी भट्ठरके सोया मिल्कसे बनाजाइठ । टोफू दूधके पनिरके विकल्पके रुपमे फेन उपयोग करे सेकजाइठ । छिमेकी भारत लगायत देशमे यकर बरवार बजार रलेसे फेन नेपालमे भरखर टोफू उत्पादन ओ उपभोग सुरु हुइटा ।
जे जौन कामेम सिपार बा, उ उहे कामेम् उद्यमी बन्ना मन बनैलेसे सफलताके भरांगि उच्यइना समय नै लागठ । संचालक पुरन भारत गुजरात प्रान्तके सूरतमे कुछ बरस काम करेबेर टोफूके परिकार खाइलपाछे सोया पनिरओर आकर्षण हुइलैं । कुछ समय अपन घरही टोफू बनाके खैलै । पाछे संघरियनसंग मिल्के उद्योग चलैना सोचके टोफू उत्पादनमे लग्लैं । चाहे जौन कामेम सुरुवाटी चरणमे चुनौती रहना स्वाभाविक हो । मने लावा परिकार एकफेरा बजार पाइ कलेसे उद्यमीन घुम्के हेरे नै परहिन ।
थारु लगायत सबहस समुदायमे साकाहारीके संख्या बह्रटि बा । अइसिनमे सिकार, मच्छिके विकल्प पनिर, टोफूके माग उपभोक्तनसे बह्रटि बा । उत्पादनके गुणस्तरमे ढ्यान डेहे सेक्लेसे टोफू उद्योग सुदूरपश्चिममे हालि बजार लेहे सेक्ना अस्रा करे सेक्जाइठ ।
थारु युवा परम्परागट खेटि किसानि छोरके औरे औरे अपन जानल पेसा, व्यवसायमे अइना जो खुसिक बाट हो । लावा उद्यमीन स्थानीय सरकार फे टेवा डेहक चाहि । ओकर लग उद्यमीन अपने फे पहल करे परल । गैरथारु व्यवसायी छोट छोट उद्योगमे अनुदान लेके व्यवसाय बहै्रटि गइल डेखजाइठ । मने थारु व्यवसायी अपन नै जानल पेसामे एकफाले ढेर लगानी कैके डुबल डेख्जाइठ । जिहिले औरे पेसा थारुनके बलबुटाके काम नैहो कहिके निराश हुइल फे डेख्जाइठ । मने हाले खुलल टोफू उद्योगके सुरुवात करुइयन उहे पेसामे लाग सेकल ओर्से ओइने जरुर सफलटा हाँठ परहि कना अस्रा करि ।
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