प्रकोप व्यवस्थापनबारे अन्तरसंवाद

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ फागुन । राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके आयोजनामे बिफेक रोज धनगढीमे ‘प्रकोप व्यवस्थापन ओ मानव अधिका’ विषयक् अन्तरसंवाद कार्यक्रम हुइल बा । कार्यक्रममे विपद् व्यवस्थापनके संक्षिप्त जानकारी, सुदूरपश्चिममे प्रकोपके अवस्था, विपद् सम्बन्धी कानूनी तथा नीतिगत व्यवस्था, जोखिम न्यूनीकरणके आगेक डगर बारे छलफल हुइल रहे ।
सहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी हिरालाल चौधरी मानव अधिकारके विषय बृहत हुइल ओरसे प्रकोपके बेला सरकार नैचाहके फेन मानव अधिकारके सक्कु क्षेत्र समेटे नैसेकल बटैलैं । उहाँ सुदूरपश्चिममे बाढ ओ पहिरोके जोखिम ढेर रहल ओरसे यकर न्यूनीकरणके लाग सबजाने समन्वय करके आघे बह्रनामे जोड डेलैं । प्रकोपसे बचेक लाग हम्रे प्रकृतिसे फेन तालमेल मिलाइ परना उहाँ बटैलैं ।
राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके सुदूरपश्चिम कार्यालय प्रमुख मोहनदेव जोशी कार्यक्रमके कार्यपत्र प्रस्तुत करटि प्राकृतिक प्रकोपके कारण मनै शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारसे वञ्चित हुइल बटैलैं । उहाँ विपद्के समयमे महिला, बालबालिका, जेष्ठ नागरिकहुकनहे पुनस्र्थापनाके पहल करेपरना बटैलैं ।
सशस्त्र प्रहरी नायव उपरिक्षक भीमबहादुर चन्द प्रकोप व्यवस्थापन ओ मानव अधिकारसम्बन्धी प्रस्तुतिमे संभावित विपद् जोखिम क्षेत्रबारे छलफल करलेसे जोखिम न्यूनीकरण करेसेक्ना बटैलैं । उहाँ कोरोना महामारीमे मानव अधिकारके उल्लंघन नैचाहके फेन हुइल बटैलैं । अस्टेके विपद्मे उचित सूचना प्रवाह नैहुइना, तालिमके अभाव, उद्धार सामग्री व्यवस्थापन नैहुके जोखिम न्यूनीकरणमे समस्या हुइल बटैलैं ।
गैर सरकार महासंघ नेपालके केन्द्रीय सचिव धर्मराज पाठक सुदूरपश्चिम प्रदेशमे विपद् जोखिमके अवस्था ओ विपद्मे मानव अधिकारके अवस्थाबारे कार्यपत्र प्रस्तुत करले रहैं । उहाँक कार्यपत्र अन्सार सन् १९७१ से लेके २०१३ समके तथ्यांकअन्सार सबसे ढेर महामारीसे मनै प्रभावित हुइल बटैं कलेसे बाढ, आगगाली, पहिरो, भुइभाल, हुरीबतास, बाज, पठ्रापानीसे प्रभावित हुइल बटैं ।
कृषि ज्ञान केन्द्रके प्रमुख खगेन्द्रप्रसाद शर्मा बाढ प्रभावितके जीवन स्तरोन्तीके विकल्पमे चैते धान डेहल बटैलैं । अस्टेक विपद् व्यवस्थापनके लाग प्रदेश सरकारके फेन टमान कार्यक्रम रहल उहाँ जानकारी करैलैं ।
नेपाल रेडक्रस सोसाइटी धनगढीके सभापति उत्तम जोशी सक्कु प्राकृतिक प्रकोपहे समान रुपमे लेहे परना बटैलैं । विपद् व्यवस्थापन करना काम एकडम जटिल ओ कठिन काम हो, उहाँ कलैं, टबे सकजे समन्वय करके आघे बह्रना जरुरी बा ।
कार्यक्रममे फाया नेपालके अध्यक्ष शेरबहादुर बस्नेत, अधिवक्ता वीरबहादुर जेठारा, अधिकारकर्मी धनपति ढुंगेल, ओरेक नेपालके जिल्ला कार्यक्रम संयोजक गीता चौधरी लगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहैं ।
