‘आबके आन्दोलन प्रतिरोधात्मक ओ प्रतिकात्मक’

पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, १३ फागुन । ‘शान्ति सद्भाव न्याय ओ अधिकारके लाग दासता विरुद्धके थरुहट थारुवान विशेष राष्ट्रिय सम्मेलन’ के तयारी पुरा हुइल बा ।
मोर्चासे बिफेक रोज हसुलियामे पत्रकार सम्मेलन कैके इहे फागुन १५ ओ १६ गते हसुलियामे हुइना सम्मेलनके तयारी ९० प्रतिशत पुरा हुइल जनैले बा ।
मोर्चाके केन्द्रीय संयोजक लक्ष्मण थारु विशेष राष्ट्रि«य सम्मेलनके उद्देश्य आन्दोलनके लावा चरण रहल बटैलै ।
नेता थारु सम्मेलनमे सक्कु राजनीतिक दलसे नेता तथा प्रतिनिधि, मानव अधिकारकर्मी, सांसद बुद्धिजीवीहुक्रनहे सहभागिता कराके हरेक पार्टी भिट्टर थारुप्रतिके बुझाईबारे बृहत छलफल कैके निश्कर्ष निकर्ना बटैलै ।
फागुन १६ गतेक बन्द शत्रमे दलित, खसान, तमुवांग मगरात लगायतके सक्कु पहिचानबादीहुक्रन बिच छलफल हुइनाके साथे छलफलमे पार्टीगतसे उप्पर उठके पहिचानके सवालमे केन्द्रीत हुइना नेता थारु बटैलै ।
मोर्चाके केन्द्रीय प्रवक्ता मिनराज थारु टीकापुर सम्मेलनपाछे सक्कु थहरुहट शक्तिहे एकताबद्ध कैना सम्मेलनके आयोजना करल बटैलै । उहाँ कानुनी लडाइके क्रममे सर्वोच्च अदालत जैना ओ सडक संघर्ष कैनाके साथे आबके आन्दोलन प्रतिरोधात्मक ओ प्रतिकात्मक हुइना बटैलै ।
थरुहट यूवा मोर्चाके केन्द्रीय अध्यक्ष सीताराम थारु सम्मेलनमे सहभागीहुक्रन उपर सरकारसे खानतलास करलेसे प्रतिकारमे उत्रना बटैलै । टीकापुर सम्मेलनमे सुरक्षा निकायसे ढिउर खानतलासी कैके कार्यक्रममे अउइया सहभागीहुक्रनहे मनोवैज्ञानिकरुपसे त्रसित कराइल बटैटी सरकारके निर्देशनमे परिचालित सुरक्षाकर्मीहुक्रनहे सहयोग कैडेना अनुरोध समेत करलै ।
मोर्चासे सम्मेलनमे ५० हजार युवा उटरटी शक्ति प्रदर्शन फेन कैना जनैले बा । मोर्चासे टीकापुर घटना मुद्दामे उच्च अदालत दिपायलस करल फैसला विरुद्ध हजारौंके संख्यामे युवा उटारके शक्ति प्रदर्शन कैना चेतावनी डेहल हो । थारुहुुक्रनहे राज्यसे निरन्तर दमन कैटी रहल ओरसेसे सम्मेलन मार्फत नै विद्रोह कैना मोर्चा जनैले बा ।
टीकापुर घटनाहे छानविन कैना गठित गिरिषचन्द्र लाल आयोगके प्रतिवेदनहे आधार बनाके राजनीतिक घटनाके रुपमे सम्बोधन हुइ पर्ना ओ कैद सजाय सुनाइल नेता तथा कार्यकर्ताहे रिहाइ करे पर्ना माग मोर्चासे उठैठी आइल बा ।
पुस २ गते उच्च अदालत दिपायलसे इहीसे आघे जिल्ला अदालत कैलालीके फैसलाहे उल्ट्याइटी मोर्चाके केन्द्रीय संयोजक लक्ष्मणसहितहे जन्मकैद फैसला सुनाइल रहे । उ फैसला विरुद्ध मोर्चा विरोधमे उत्रल बा ।
आपनहुक्रनके राजनीतिक लडाइहे जातीय दृष्टिकोणसे फेन पहिचान ओ अधिकार प्राप्तिके आन्दोलनके रुपमे हेरे पर्ना मोर्चाके रहल बा ।
संविधान लेखनके क्रममे २०७२ भदौ ७ गते कैलालीके टीकापुरमे थरुहट आन्दोलनकारी ओ प्रहरीबीच दोहोरो झडप होके ८ प्रहरीके ज्यान जैना मेरके टीकापुर घटना घटल रहे ।
यदि राज्यसे भदौ ७ गतेके घटनाहे आपराधिक ठहर करले बा कलेसे भदौ ८ गते कर्फ्यूके समयमे थारुहुक्रनके घर, पसल, एफएममे आगजनि करुइयाहे फेन कानुनी दायरामे लाने पर्ना मोर्चाके जोड रहल बा ।
