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थारु संस्कृति संग्राहलयमे सिमित हुइना डर

पहुरा | २१ फाल्गुन २०७७, शुक्रबार
थारु संस्कृति संग्राहलयमे सिमित हुइना डर

आजकल ठाउँ ठाउँमे थारु संग्राहलय बन्ना क्रम जारि बा । चितवन सौराहाके थारु संग्राहलय सबसे चम्कल संग्राहलयके नाउँ कमैले बा । दाङ, चखौराके संग्रहालय फेन डेख्नौस बनैले बटाँ । बर्दिया, ठाकुरद्वारामे फेन छोटओट संग्रहालय बा । बर्दियाके सेमरह्वा, बाँसगढी लगायट ठाउँमे फे थारु संग्राहलय बनैना टयारि बा । कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका–७, पटेला गाउँमे फेन थारु सांस्कृतिक संग्राहलय बनके टयार बा ।

मने निर्माण कम्पनीसे निर्माण सम्पन्न कैके धनगढी उपमहानगपालिकाहे १७ महिना आघे हस्तान्तरण कैसेकल पटेलाके संग्रहालय संचालनमे ढिलाई हुइटि रहल अवस्था बा । जबकि निर्माण कम्पनी पोेर साल कार्तिक महिनामे जो भवन निर्माण सम्पन्न कैके नगरपालिकाहे बुझा सेकल रहे ।

धनगढी उपमहानगरपालिकाके इन्जिनियर दिजराज भट्टके अन्सार पटेला थारु संग्राहलयके बजेट १ करोड ८४ लाख १७ हजार ४ सय ९४ रुप्या बा । नगरपालिकासे पटेला थारु संग्राहलयके सामान व्यवस्थित कैना कहटी १२ लाख रुप्या बजेटफे विनियोजन कइगइल बा । मने अट्रा हुइटि हुइटि फेन संग्राहलय सन्चालनमे चुनौति बा । संग्राहलय क्षेत्रके वडा सदस्य अर्जुन चौधरीके अन्सार नगरपालिकासे कर्मचारी भर्ना कैके पठैलेसे चल्नाहस विल्गाइठ, नइटे टिकट बेच्के चल्ना कर्रा हस बा ।

संग्राहलय बनैना बरा बाट नैहो । संग्राहलयके डेकोरेसन, यकर निरन्तरता बरा बाट हो । संग्राहलय चल्ना कुछ आधार चाहठ । चितवन सौराहा पर्यटकीय स्थल हो । उहेसे सौराहा घुमे जइयनके रोजाइ थारु संग्राहलय फेन परठ । टिकट व्यवस्थापनसे जो ओइने कर्मचारी व्यवस्थापन कर्ले बटाँ । कुछ विदेशी दातृसंस्थाके फेन सहयोग बा ।

पटेलाके संग्राहलय सन्चालनके लग नगरपालिका कुछ समयसम सहयोग करे सेकठ । मने पाछे पाछे सक्कु व्यवस्थापन सन्चालक समितिहे जो लेहे पर्हिस । अइसिनमे कर्मचारी पाले नैसेक्ठुइ कहिके करोडौ खर्च करल संग्राहलय बन्ड कर्डेना ? पटेलावासि माल पाके चाल पाइ परल । उहाँ होमस्टे चलाके थारु संग्राहलयहे प्रचार कराइ सेक्ठाँ । पटेलाबासी सखिया, मघौटा, झुमरा नाच निरन्तर करटी आइल बटै । होमस्टेमे बैठुइयन टिकट लेके नाच डेखाइ सेक्ठाँ । धनगढीसे १७ किमि डुर भादामे थारु होमस्टे मजासे चले सेकठ कलेसे धनगढीक् ठौरहि डुर पटेलामे होमस्टे काजे नै चलि । उपरसे उहाँ टे संग्राहलय जो बन राखल । संग्राहलय संचालन हुइलपाछे ढेर अवसर पैना ओ कोनुवामे रहल पटेला गाउँहे चिन्हाई सेक्ना भरमार अवस्था रहल ओर्से पटेलावासि मौकक् फाइडा उठाइक चाहि । संग्राहलय हालिसे हालि संचालन करक चाहि ।

संग्राहलय हेरैटि रहल चिजबिज ढैना ठाउँ हो । पुर्खनसे मजा चालचलन सिखे नैसेक्लेसे थारु संस्कृति संग्राहलयमे सिमित हुइना डर बा । हम्रे थारु संस्कृति संग्राहलयमे किल सिमित रख्ना कि जिवन्त बनैना अग्वनके गग्रिम घाम लागे ।

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