थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २८ बैशाख २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं २८ बैशाख २०८२, आईतवार ]
[ 11 May 2025, Sunday ]

लर्कापर्कनके क्षमता ओ डाइबाबन्के दायित्व

पहुरा | ५ चैत्र २०७७, बिहीबार
लर्कापर्कनके क्षमता ओ डाइबाबन्के दायित्व

सिद्धार्थ शिशु सदन स्कुल धनगढीमे कक्षा ९ मे पह्रना बालकवि विभुति अधिकारीसे लिखित छन्दोबद्ध खण्डकाव्य ‘अद्भूत इन्द्रेनी’ के विमोचन हुइल समाचार आइल बा । १४ वर्षिय बिभुतिसे शास्त्रीय छन्दमे लिखल इ पोस्टा सम्भबतः ओटरा छोट उमेरमे छन्दबद्ध खण्डकाव्य लिखुइया नेपालमे उहाँ पहिल कवि हुइ सेक्ना बाट फे विमोचन कार्यक्रममे उठल ।

बालकवि बिभुति छन्द सिखुइया गुरू ओ घरेम अपनहे उत्प्रेरित करुइया डाइबाबाके आशिर्बादसे अपने खण्डकाव्य लिखे सेकल बटैलै । उहाँक अनुसार लकडाउनके माहोल उहाँक लाग बरदान साबित हुइलिन । विमोचन कार्यक्रममे बिभुतिके बाबा रामप्रसाद उपाध्याय छावक् प्रतिभा डेखके अपने ढिउर गर्वित हुइल बटैलै ।

वास्टवमे लर्कापर्कनमे बहुट क्षमता रहठिन । ओइनके प्रतिभा डाइबाबा पहिचान करे सेके परठ । परिवार जो लर्कापर्कन्के पहिला स्कुल हो । बहुट डाइबाबा अपन लर्का फस्ट, सेकेन्ड होए । कम्टिमे कक्षाभरिम टपटेनमे परे, उहे ढ्याउन्नमे रठैं । उहेसे लर्कन खालि पह्र पह्र किल रट लगैठैं । उ फेन मोर लर्का कोर्सके किल पोस्टा पहे्र कना अस्रामे रठैं ।

मने लर्कापर्कनके सिर्जनात्मक विकासके लग कोर्स बाहेकके ओइनके रुचि अन्सार आउर पोस्टा फे चाहठ । बालकवि विभुतिहे हुँकार डाइबाबा लेखनमे प्रेरणा नै डेटिन, ह्या का कविता लिख्के बैठ्ठे, चुप्पे अपन पोस्टा पह्र कहिके हकरटिन कलेसे निस्चय फेन आज उ छन्दबद्ध खण्डकाव्य लिख्ना सफल नै हुइटै ।

बहुट लर्कापर्का लकडाउनमे स्कुल नैलाग्के अपन पह्रल फेन बिस्रा डर्ला । मने विभुति लकडाउनहे बरदानमे बडल्लाँ । १४ बरसके उमेरमे अपन सिर्जनाके नुकल क्षमता डेखैलाँ । यडि डाइबाबा हुँकार पोस्टा नै छपैटिन कलेसे का आज उ चर्चामे अइटाँ ? पक्के फेन नै अइटाँ । उहेसे डाइबाबा लर्कनके रुचि बुझि, ओइन हौस्याइ, अपन दायित्व पुरा करि ।

ओइसिन टे धनगढी क्षेत्रके प्रसंग उप्काइबेर बाल कवियत्री रोदनसिंह चौधरी कक्षा ६ मे पह्रहिबेर १२ बरसके उमेरमे जो ‘पहिल कदम’ थारु कविता संग्रह २०७३ सालमे निकरले बटि । उहाँक् बाबा चन्द्रसिंह चौधरी छाइक् अदभुत क्षमता डेखके पोस्टा छापल बटैले रहैं । बाल कवियत्री रोदनसिंह चौधरी अब्बे लेखनमे लागल बटि कि नै ? डाइबाबा पहिलक हस लेखनके लग उत्प्रेरित कर्ठिन कि नै ? धनगढीमे थारु लेखक संघ फेन रहलओर्से रोदनसिंह चौधरी हस अन्य प्रतिभाके फेन खोज करे ।

लर्कापर्कन छोटहिसे अपन भासा, संस्कृतिमे उत्प्रेरित कर्ना, सिर्जनात्मक बनैना डाइबाबनके दायित्व हो । का अपने अपन दायित्व पुरा कर्टि बटि ?

जनाअवजको टिप्पणीहरू