निसर्गमे ब्रेन ट्युमरके सफल शल्यक्रिया
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ चैत । धनगढीस्थित निसर्ग हस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर प्रालिसे प्रदेशमे पहिलचो ‘ब्रेन ट्युमर’ शल्यक्रिया कैना सफल हुइल बा ।
कैलालीके घोडाघोडी नगरपालिका–५ के ५५ वर्षीया सावित्री चौधरीके ४ सेन्टिमिटर लम्मा ब्रेन ट्युमरके शल्यक्रिया करल हो । न्यूरो सर्जन डाक्टर सुरेश सापकोटा, एनेस्थेसियोलोजिस्ट डाक्टर हेमन्त ओझा, यादव जोशी, लक्ष्मी खत्री, कल्पना बुढा लगायतके टिम निरन्तर तीन घण्टा लगाके शल्यक्रिया करल हो ।
‘बिरामहे बेहोस अवस्थामे लानल रहे, बायाँ शरीर चल्ना छोरल रहे । सिटी स्क्यान ओ एमआरआई करेबर दिमागमे ट्युमर डेखगैल’, डाक्टर सापकोटा कहलै ‘बेहोस अवस्थामे आइल बिरामी शल्यक्रियापाछे होसमे आइल बाटी । डुनु हात उठैठी । अपने हातसे खाना खैटी रहल बाटी । इ कहलक मोडिकल्लली ढिउर सुधार हुइल अवस्था हो ।’
प्रत्येक १० हजार मनैन मध्ये १–२ जनहनमे ब्रेन ट्युमर हुइना करल पाजाइठ् । जिहीहे ‘ब्रेनके क्यान्सर’ फेन कहिजाइठ् । चिकित्सकके अनुसार ट्युमर पलाइ लागलपाछे कपार पिराइठ् । ट्युमरके साइज बह्रटी गैलपाछे नसा च्यापजैना हुइल ओरसे एक पाटो कमजोर हुइठ् । आउर बरवार हुइटी गैलपाछे वान्ता अइना, रिंगटा लग्ना, बेहोस हुइना जैसिन लक्षण डेखजाइठ् ।
‘कपार पिरैना समस्याहे लापरवाही करे नैपरठ्, सम्बन्धित चिकित्सककके जचा डारे परठ्’, डा. सापकोटा सुझाव डेठै ।
सामान्य भाषामे जरासे ओ बिना जरासे कैके दुई मेरके ट्युमर हुइठ् । जरा रहना ट्युमर कहलक क्यान्सरहे जनाइठ् । जरा रहल ट्युमर हो कलेसे पुनः फैलना सम्भावना रहठ् । फैलन नैडेहक लाग रेडियो थेरापी ओ किमो थेरापी करे पर्ना उहाँ बटैलै ।
ब्रेन ट्युमरके सफल उपचारसे उत्साहित हुइल बटैटी अस्पतालके अध्यक्ष तिर्थराज पन्त सुदूरपश्चिम प्रदेशमे सबसे पहिले ब्रेन ट्युमरके सफल शल्यक्रिया निसर्ग हस्पिटलसे करल बटैलै ।
काल्हके दिनमे कपारके सामान्य उपचारके लाग फेन बाहर जाइ पर्ना अवस्थामे इ सफलतासे यहाँके बासिन्दामे फेन सकारात्मक सन्देश जैना जनाइल बा । इ संगे ब्रेन ट्युमरके उपचारके लाग आब काठमाडौं, भरतपुरलगायत भारतके टमान सहरमे इ क्षेत्रके बिरामी धाइ पर्र्ना बाध्यताके अन्त्य हुइल अध्यक्ष पन्त बटैलै ।
सावित्रीके गोसिया प्रदेश गोनिसीयाके अवस्थामे सुधार आइलमे खुशी व्यक्त करलै । ‘कपार पिरैटी रहिस, खाना नै रुचाइ, बाया ओरके हाठ ओ गोर नै चल्ना रहे । शल्यक्रियापाछे टे सक्कु सुधार आइल बा । बोले, चले चागल बा’, चौधरी कहली ।
‘कपार पिरैना समस्या ढिउर हुइलपाछे कोहलपुर जाके जाँच करेबर कपारके अप्रेशन करे परी । काठमाण्डौ लैजाइ परी कना सुझाव डाक्टरहुक्रे डेहल रहिट । पाछे कोरोना भाइरसके कारण कतै जाइ नैपैली, डाक्टरहुक्रनसे लिखल औधधि चलैली, मने ठीक नैहुइल’, उपचारके लाग काकीहे लेके निसर्गमे आइल भतिज्वा (दादाके छावा) कहलै, ‘यहोर मजा हुइ कहिके अइली, यहाँ अप्रेशन हुइलपाछे टे उहाँ ठीक हुइली ।’ धनगढीमे निसर्ग हस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टरसे न्यूरो सर्जरी सेवा डेटी रहल बा ।
