क्षमतासे ढिउर कारागारमे कैदी

महेन्द्रनगर,२ वैशाख । साढे चार दशकअघि स्थापना हुइल कञ्चनपुर कारागारमे क्षमतासे ढिउर कैदीबन्दी होके व्यवस्थापन ओ सुरक्षामे समस्या सिर्जना हुइल बा । स्थापनाकालमे २३ जनहनके दरबन्दी कायम रहल कारागारमे ९५ कैदीबन्दी राख्न क्षमता रलेसे फेन हाल ४१४ कैदीबन्दी होके थप समस्या हुइल बा ।
जिल्ला प्रहरी कार्यालय कञ्चनपुरके प्रमुख प्रहरी उपरीक्षक उमाप्रसाद चर्तुवेदी कारागारमे प्रहरी निरीक्षकके नेतृत्वमे एक प्लाटुन प्रहरी राख्न आवश्यक रहल बटैलै । ‘पाँच कैदीहे यहोर उहोर जैजाइ परेबर १० प्रहरी खटे पर्ना स्थिति बा,’ प्रहरी उपरीक्षक चर्तुवेदी कहलै, ‘न टे सुरक्षित भ्यान बा न टे जनशक्ति थप ।’
कारागार प्रशासन ओ जिल्ला सुरक्षा समितिसे फेन कारागारके अवस्था जीर्ण रहल ओ लावा व्यवस्थापनमे पहल कैना केन्द्रसे पत्राचार करलेसे फेन कौनो सुनुवाइ अब्बेसम हुइल नैहो । प्रहरी उपरीक्षक चर्तुवेदी कारागारमे प्राथमिक स्वास्थ्य सुरक्षाके व्यवस्थासमेत हुइ पर्ना बटैलै । ‘जिल्ला बाहर कैदीबन्दी सारे परलेसे सुरक्षाकर्मीके अभाव हुइना स्थिति बा,’ उहाँ कहलै, ’एक प्रहरी कर्मचारी कारागारमे २४ घण्टा ड्युटी करे पर्र्ना बाध्यता रहल बा ।’
ओस्टके कञ्चनपुर कारागारके जेलर माया बस्नेत थापा अब्बे कैदीबन्दीहे टेन्टमे राखे पर्र्ना अवस्था आइल बटैलै । ‘यहाँ ठाउँ नैहोके चार कैदीबन्दी धनगढी ओ कुछ संख्याामे दाङ पठैना उप्पर पत्राचार करले बाटी,’ जेलर थापा कहलै, ‘कारागार पुनःनिर्माण ओ व्यवस्थापन सुधारके लाग केन्द्रमे ढिउरचो लिखित ओ मौखिक पहल होके फेन आभिन कुछ हुइल नैहो ।’
उहाँ १५ महिला कैदीबन्दी राख्न क्षमता रहल कारागारमे अब्बे २५ महिला बन्दी रहल जानकारी डेलै । जिल्ला प्रहरी कार्यालय कञ्चनपुरके अनुसार पाछेक समय प्रहरी लागुऔषध नियन्त्रणके लाग जिल्लाभर चलाइल अभियानअन्तर्गत ब्राउनसुगर, खैरोहिरोइनलगायत लागुपदार्थसहित दिनहुँजैसिन अभियुक्त पक्राउ परटी रहल बाटै ।
ओस्टके यहाँ महिला हिंसा, जबर्जस्ती करणी, चोरी, ज्यान मर्ना उद्योगलगायत घटना ढिउर हुइना करल प्रहरी तथ्यांकसे डेखाइठ् । ‘कारागारसे कम्तीमे डेढ/दुई सय कैदीबन्दी अन्य कारागार पठाइ पर्ना डेखजाइठ् ।’ प्रहरी उपरीक्षक चर्तुवेदी कहलै, ‘कारागारमे खटजैना प्रहरीहे थप सशक्त बनैना जरुरी रहल बा ।’
