देउवा प्रधानमन्त्री नियुक्त, आझ शपथ

काठमाडौं, २९ असार । काँग्रेस सभापति शेरबहादुर देउवा पाँचौंचो प्रधानमन्त्री नियुक्त हुइल बटैं । राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी आज (मंगरके रोज) उहाँहे संविधानके धारा ७६ के उपधारा ५ बमोजिम प्रधानमन्त्री नियुक्त करल हुइटि ।
राष्ट्रपतिके प्रमुख स्वकीय सचिव भेषराज अधिकारी देउवाहे प्रधानमन्त्री नियुक्त करल ओ साँझ ६ बजे शपथ ग्रहण कार्यक्रम तय हुइल जानकारी डेलैं ।
सर्वोच्च अदालत सोम्मार प्रधानमन्त्रीमे देउवाहे नियुक्त करना राष्ट्रपतिके नाममे परमादेश जारी करले रहे । साथे, प्रतिनिधिसभा पुनःस्थापना करके एक साताभित्तर संसद् अधिवेशन बोलैना आदेश डेले रहे ।
संविधानके धारा ७६ के उपधारा ५ बमोजिमके प्रधानमन्त्रीके ला िआह्वान हुइलपाछे १ सय ४९ सांसदके हस्ताक्षरसहित दाबी करल आधारमे देउवाहे प्रधानमन्त्री नियुक्त करना सर्वोच्च अदालत परमादेश जारी करले रहे । मंगरके ५ बजेभित्तर देउवाहे नियुक्त करसेक्ना राष्ट्रपति कार्यालयके नाममे जारी परमादेशमे कहल रहे ।
सर्वोच्च संविधानके धारा ७६ के उपधारा २ ओ उपधारा ३ बमोजिमके प्रधानमन्त्री बनल केपी शर्मा ओली उपधारा ५ बमोजिम दाबी करे नैमिल्ना आदेश फेन डेहल रहे ।
प्रधानमन्त्री नियुक्त हुइलबाद देउवा तीनजाने मन्त्री नियुक्त करना तयारी करले बटैं । काँग्रेस ओ सत्तासाझेदार दल माओवादी ओ जसपासे १–१ जाने मन्त्री नियुक्त करना देउवाके तयारी रहल बा ।
जेठ ७ गते राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली ओ देउवा दुनुके दाबी नैपुगल निर्णय करले रहि । उहाँ संविधानके धारा ७६ के उपधारा (५) बमोजिम प्रतिनिधिसभामे विश्वासके मत प्राप्त करे सेक्ना ठोस आधार नैडेखाइल ओरसे प्रधानमन्त्री पदमे नियुक्ति करे नैमिल्ना बटैले रहि ।
काँग्रेस सभापति शेरबहादुर देउवा काँग्रेसके ६१, माओवादी केन्द्रके ४९, नेकपा एमाले माधव नेपाल समूहके २६, जसपाके उपेन्द्र यादव ओ बाबुराम भट्टराई समूहके १२ ओ जनमोर्चाके १ करके १४९ सांसदके समर्थन अपनहे रहल दाबी करले रहैं । ओली फेन एमालेके सब १२१ ओ जसपाके ३२ सांसद करके अपनहे १५३ सांसदके समर्थन रहल दाबी राष्ट्रपतिसमक्ष पेस करले रहैं ।
राष्ट्रपति जेठ ७ गते रात मन्त्रिपरिषद्के सिफारिसमे प्रतिनिधिसभा विघटन करले रहि । ओकरबाद एमालेके खनाल–नेपाल समूहसहित काँग्रेस, माओवादी, जसपाके यादव समूह ओ जनमोर्चाके करके १४६ सांसद प्रतिनिधिसभा पुनःस्थापना ओ देउवाहे प्रधानमन्त्री बनैना परमादेश जारी हुइपरना मागसहित सर्वोच्च अदालतमे रिट दर्ता करले रहि ।
